24.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 12:09 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

वैश्विक परिवार दिवस: जीवन के अंतिम समय में भी परिवार की तरह साथ खड़े रहते हैं मानवता के ये सारथी

Advertisement

Global Family Day: सर्वधर्म अंतिम संस्कार ग्रुप और नौजवान कमेटी के लोग मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं. ये जीवन के अंतिम समय में भी परिवार की तरह साथ खड़े रहते हैं. वैश्विक परिवार दिवस पर पढ़िए ये विशेष स्टोरी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Global Family Day: धनबाद, सत्या राज-वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में जब इंसान अपनों का साथ छोड़ रहा था. कोई किसी के करीब जाने से बच रहा था. सब इसी बात से भयभीत थे कि कहीं यह संक्रमण, उन्हें अपनी चपेट में न ले ले. लोग अपनों के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो रहे थे. ऐसे समय में मानवता की मिसाल बनकर उभरा सर्व धर्म अंतिम संस्कार यूथ ग्रुप. किसी बात की परवाह किये बगैर यह ग्रुप न सिर्फ लावारिश लाश, बल्कि वैसे परिवार के लोगों का भी अंतिम संस्कार सम्मान से किया, जिनका या तो कोई न था या अपनों ने छोड़ दिया था. ग्रुप के रवि शेखर ने बताया कि 2021 का वह खौफनाक मंजर आज भी नजरों के सामने है. जब वासेपुर के एक बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया था. परिवार में बेटी व बुजुर्ग पिता के अलावा कोई नहीं था. पिता के निधन के बाद बेटी परेशान थी. अब क्या होगा. कौन मदद करेगा. ऐसे समय में वहीं के एक सज्जन ने फोन पर उन्हें इसकी जानकारी दी. जब वह उस पते पर गये, तो पता चला कि जिन बुजुर्ग का निधन हुआ था. परिवार में उनके सिवा उनकी सिर्फ एक बेटी थी. हमने सारा खर्च वहन कर उनके धर्म के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया. यहीं से इस नेक कार्य की शुरूआत हुई.

कर चुके हैं कई लाशों का अंतिम संस्कार


ग्रुप के शाहिद अंसारी बताते हैं हमें कहीं से भी सूचना मिलती है कि कोई लावारिश लाश पड़ी है या किसी परिवार में कोई अंतिम संस्कार करने वाला नहीं है, तो हमारा समूह बिना किसी अनुदान के अपने खर्च पर उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार ससम्मान करता है. अभी तक कई लाशों का अंतिम संस्कार ग्रुप द्वारा किया जा चुका है. बंटी विश्वकर्मा बताते हैं हमारे समूह में सब धर्म के सदस्य जुड़े हैं इसलिए इसका नाम सर्वधर्म अंतिम संस्कार ग्रुप रखा.

2021 में बना था ग्रुप


पांच सदस्यों के सात इस ग्रुप की शुरूआत 2021 में की गयी थी. मानवता की जरूरतमंदों को भोजन कराते थे. वैश्विक महामारी के समय भी मास्क पहनकर दूरी रख भोजन बांटते रहे. उस समय रवि शेखर डायलिसिस पर चल थे. इनका किडनी ट्रांसप्लांट होना था. बावजूद इसके वह इस कार्य से जुड़े रहे. यह ग्रुप हर समय मानवता की सेवा के लिए तैयार रहता है. कड़ाके की ठंड में ग्रामीण क्षेत्र जाकर जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण कर रहा है.

ये हैं सदस्य

रवि शेखर, अंकित राजगढ़िया, बंटी विश्वकर्मा, सरदार मोनु सिंह, सुधांशु कुमार आदि.

अब तक 495 लावारिश लाशों का कर चुके हैं अंतिम संस्कार


न उम्र की पाबंदी न जाति का बंधन न ही टुकड़ों में बिखरी संवेदना… हर किसी के लिए वही अपनापन वही प्रेम. पूरी शिद्दत से अपनेपन से लावारिश लाशों का अंतिम संस्कार करते हैं पुराना बाजार नौजवान कमेटी के सदस्य. कमेटी में सिख, गुजराती, मुस्लिम समाज के लोग भी हैं. जब भी सूचना आती है कि किसी जगह लावारिश लाश पड़ी है, तो यह कमेटी अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़ती है. कोई अंतिम संस्कार के लिए पूजन सामग्री दान करता है, तो कोई कफन, तो कोई लकड़ियां व अन्य सामग्री. कमेटी के सदस्य आपसी सहयोग से पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई देते हैं. उनके धर्म के अनुसार संस्कार किया जाता है. कोरोना काल में किये गये नेक कार्य के लिए यह कमेटी एसएसपी के हाथों सम्मानित भी हो चुकी है.

नवंबर 2020 से शुरू हुआ अंतिम संस्कार का काम


कमेटी के सोहराब खान बताते हैं वैश्विक महामारी के दौर में जब कोई सामने नहीं आ रहा था, तब हमारी कमेटी आगे बढ़कर अंतिम संस्कार का काम करती थी. मास्क व गल्ब्स का सहारे हम लाशों को हम मटकुरिया मुक्ति धाम में मुखाग्नि देते थे और रांगाटांड़ क्रबिस्तान जाकर सुपुर्दे ए खाक करते थे.

रांगाटांड़ के वृद्ध का किया था पहला संस्कार


सोहराब बताते हैं वैश्विक महामारी का खौफनाक मंजर, चारों तरफ सन्नाटा, लोग घरों से निकलने में भी डरते रहे थे. ऐसे समय में रांगाटांड़ के एक सज्जन का फोन आया कि हमारे क्षेत्र में एक भिक्षुक का निधन हो गया. हमारी टीम तुरंत वहां पहुंची. बैंक मोड़ थाना को खबर की गयी, वहां से पुलिस टीम भी पहुंची. हमने पूरे नियम से उनका अंतिम संस्कार मटकुरिया मुक्ति धाम में किया. इसके बाद यह सिलसिला चल निकला. मुस्लिम को सुपुर्दे खाक रांगाटांड कब्रिस्तान में किया. ईदगाह मस्जिद के मो अमीरुद्दीन इमाम जनाजे की नमाज पढ़ते हैं.

ये हैं शामिल

सोहराब खान, दीपक ठक्कर, संजय पांडेय, इमरान अली, सलाउद्दीन महाजन, गुलाम मुर्सलीन (तमन्ना) सरदार नारायण सिंह, विजय सैनी आदि.

ये भी पढ़ें: महाकुंभ के लिए रेलकर्मियों की जैकेट पर लगे स्कैनर से बुक करा सकेंगे टिकट, श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें