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0-चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले आइआइटी आइएसएम से सीधे कर सकेंगे पीएचडी

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शोध कार्य में रुचि रखनेवाले आइआइटी आइएसएम के छात्रों के लिए अच्छी खबर है. अब वे स्नातक के बाद सीधे पीएचडी कर सकेंगे.

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धनबाद. शोध कार्य में रुचि रखनेवाले आइआइटी आइएसएम के छात्रों के लिए अच्छी खबर है. अब वे स्नातक के बाद सीधे पीएचडी कर सकेंगे. सामान्य श्रेणी के उन्हीं छात्रों को नामांकन मिलेगा, जिन्हें स्नातक में कम से कम 75 प्रतिशत अंक मिले हैं. वहीं एसटी-एससी, ओबीसी, इडब्ल्यूएस और दिव्यांग श्रेणी के छात्रों को अंक में पांच प्रतिशत की छूट दी जायेगी. इस प्रस्ताव को संस्थान के सीनेट ने 32वीं बैठक में मंजूरी प्रदान की है. प्रस्ताव इस शैक्षणिक सत्र से लागू हो जायेगा.

अब अधिकतम आठ वर्ष में पीएचडी :

नये नियम के तहत रिसर्च स्कॉलरों को पीएचडी की पढ़ाई पूरी करने के लिए अधिकतम आठ वर्ष का मौका मिलेगा. सामान्य परिस्थिति में पीएचडी प्रोग्राम छह वर्ष का है. लेकिन विशेष परिस्थिति में छात्रों को दो वर्ष का विस्तार दिया जा सकता है. वहीं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग रिसर्च स्कॉलर को पीएचडी पूरा करने के लिए और दो वर्ष अतिरिक्त समय दिया सकता है. उन्हें पीएचडी पूरा करने के लिए 10 वर्ष का समय दिया जायेगा. नये नियम का लाभ वर्तमान बैच के दिव्यांग रिसर्च स्कॉलर भी उठा सकते हैं. इसके लिए उन्हें आवेदन देना होगा. सीनेट ने इसके साथ ही नियम बनाया है कि अब संस्थान में काम करने वाले असिस्टेंट, एसोसिएट और प्रोफेसर ही रिसर्च स्कॉलर के गाइड या सुपरवाइजर बन सकते हैं. इसके साथ, वैसे स्थायी शिक्षक, जिनकी सेवानिवृत्ति में तीन वर्ष से कम बची है, उन्हें रिसर्च स्कॉलर का गाइड या सुपरवाइजर बनने का मौका नहीं दिया जायेगा.

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