आवारा कुत्तों के बंध्याकरण के नाम पर आइवाश, सुरक्षित रहना है तो बच कर रहिए
मुख्य संवाददाता, धनबाद,
शहर के गली-मुहल्लों में आवारा कुत्तों का आतंक है. झुंड में इधर से उधर घूमते दिख जाते हैं. सबसे ज्यादा परेशानी सुबह-शाम टहलने वाले लोगों को और देर रात घर लौटने वालों को होती है. झूंड में शामिल आवारा कुत्ते पीछे दौड़ने लगते हैं. उनसे जान बचाने की कोशिश में कई बार लोग गिर कर घायल होते हैं. लगभग रोज बाइक सवाल गिर कर घायल होते हैं या फिर कुत्तों के शिकार होते हैं. अब तो हालत यह है कि लोग खुद ही अपनी सुरक्षा में लगे हैं. खास कर बच्चों और बूढ़ों को अकेले नहीं निकलने दिया जा रहा है. अस्पतालों में कुत्ते के काटने के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
जानें क्यों हो रही समस्या :
कुछ माह पहले शहर के आवारा कुत्तों के बंध्याकरण के लिए द केयर ऑफ एनिमल सोसाइटी के साथ निगम का करार हुआ. इसके तहत व्यवस्था हुई कि चांद कुइंया स्थित अस्पताल में इनका बंध्याकरण किया जायेगा. निगम के कागजों पर बंध्याकरण भी होने लगा. पर जब प्रभात खबर की टीम ने वहां का दौड़ा किया, तो कहानी कुछ और ही नजर आयी. बंध्याकरण से संबंधित मानक कहीं से भी पूरे होते नजर नहीं आये. बंध्याकरण के बाद कुत्तों के रखने और अन्य व्यवस्था में भी कमी दिखी. इतना हीं नहीं जितने कम समय में अधिक कुत्तों का बंध्याकरण दिखाया गया, वह भी संदेह के घेरे में था. वहां अवैध रूप से बिजली भी जलायी जा रही थी. खबर छपने के बाद भी इस संबंध में खास संज्ञान लिया गया हो यह नहीं दिखा. इसका नतीजा भुगत रहे हैं शहर के लोग.
एक संकट यह भी :
इधर, शहर के सड़कों पर सांडों ने भी आतंक मचा रखा है. हर दिन लोग शिकार हो रहे हैं. रविवार को रणधीर वर्मा चौक पर एक सांड ने आतंक मचाया. एक बैलगाड़ी वाले को खदेड़ा. इसी दौरान वहां से गुजर रहे एक मोटरसाइकिल के पीछे दौड़ा. भागने के क्रम में मोटरसाइकिल सवार गिर पड़ा और बुरी तरह घायल हो गया. इस तरह की घटना हर दिन रणधीर वर्मा चौक, स्टील गेट, सरायढेला, चूना गोदाम, धैया, मेमको मोड़ आदि जगहों पर होता हैं. यहां हमेशा आवारा पशु सड़कों पर बैठे रहते हैं. इसके कारण प्राय: हर दिन दो पहिया व चार पहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते हैं.
एक कहानी यह भी :
आवारा पशुओं को पकड़ने की जिम्मेवारी नगर निगम की है, लेकिन खानापूर्ति के नाम पर तीन माह पहले (सितंबर 2023) आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए एकल अभियान के साथ करार हुआ था. इसके तहत दस आवारा पशुओं को पकड़ कर गोशाला को सौंपा भी गया था. इसी क्रम में आठ अक्तूबर 2023 को स्टील गेट में विवाद होने के बाद एकल अभियान ने काम बंद कर दिया. इसके बाद निगम ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया.