24.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 05:02 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

देवघर : वाहन बन गये कबाड़, चल चिकित्सा सुविधा बंद

Advertisement

स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैसे सुदूर क्षेत्र जहां अस्पताल की सुविधा नहीं है, ऐसे क्षेत्र में चलंत चिकित्सा वाहन के माध्यम से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर लोगों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराना था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

देवघर : झारखंड सरकार की ओर से जिले के सुदूर ग्रामीण इलाके में चिकित्सा सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू किया गया चल चिकित्सा वाहन कबाड़ में तब्दील हो गया है. इस कारण चल चिकित्सा वाहन की सुविधा अब पूरी तरह बंद हो गयी है. ऐसे में ग्रामीणों को अब स्वास्थ्य सुविधा के लिए स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ रहा है. इस चल चिकित्सा वाहन में आधुनिक सुविधा उपलब्ध थी. वाहन में चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा दवा, मामूली एक्स-रे से लेकर खून की जांच होती थी. वाहन को संचालित करने के लिए एनजीओ को दिया गया था. वाहन के संचालन में ध्यान नहीं देने के कारण लाखों रुपये के वाहन धीरे-धीरे कबाड़ बन गये. करीब एक साल से जिला में सभी पांचों चल चिकित्सा वाहन में एक भी वाहन संचालित नहीं है. वाहनों की स्थिति ऐसी हो गयी है, कि अब इसे चलाना मुश्किल है.

सिविल सर्जन कार्यालय के पीछे खड़े हैं तीन वाहन

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिले में कुल पांच चल चिकित्सा वाहन संचालित थे, जिसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से एनजीओ के माध्यम से संचालित कराया जाता था. वर्तमान में इनमें से एक भी चल चिकित्सा वाहन संचालित नहीं है. पांच में तीन वाहन सिविल सर्जन कार्यालय के पीछे खड़े हैं. वहीं दो चल चिकित्सा वाहन आज भी एनजीओ के पास ही है, इसमें एक एनजीओ ह्यूमन और दूसरा लोहिया विकलांग सेवा समिति के पास पड़ा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से दोनों वाहनों को जमा करने का निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पांचों चल चिकित्सा वाहन में कोई भी वाहन चलने लायक नहीं है. सभी वाहन कबाड़ हो चुके हैं. विभाग की ओर से वाहनों की जांच कर स्थिति को लेकर जिला परिवहन विभाग को पत्र भेज कर स्थिति की जांच कर रिपोर्ट मांगी गयी है.

चल चिकित्सा वाहन संचालन का क्या था उद्देश्य

स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैसे सुदूर क्षेत्र जहां अस्पताल की सुविधा नहीं है, ऐसे क्षेत्र में चलंत चिकित्सा वाहन के माध्यम से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर लोगों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराना था. इसके लिए चल चिकित्सा वाहन के जरिये प्रत्येक महीने में 24 दिन गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाने का प्रावधान था. इसके लिए एक- एक वाहन में विभाग की ओर से 90 हजार से लेकर 1.40 लाख रुपये प्रतिमाह खर्च किया जाता था, ताकि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को सुविधा मिल सके.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

जिले में पांच चल चिकित्सा वाहन संचालित थे, इसमें तीन कार्यालय परिसर में रखे हुए हैं. वहीं दो अन्य को भी जमा करने को कहा गया है. सभी वाहन कबाड़ हो गये हैं. इन वाहनों को अब संचालित नहीं किया जा सकता है. इसे लेकर विभाग को भी लिखित जानकारी दे दी गयी है.

डॉ रंजन सिंहा, सिविल सर्जन, देवघर

Also Read: देवघर : संताल परगना में कांग्रेस की साख मजबूती देने आ रहे राहुल गांधी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें