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बाबाधाम देवघर में परंपरा से खिलवाड़! अमावस्या की देर रात नहीं हुई मां काली की विशेष पूजा

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अमावस्या की देर रात मां काली व मां तारा, दोनों मंदिरों के पास विशेष पूजा नहीं होने के कारण पूरी रात दोनों मंदिरों का पट खुला रहा. इसके बाद आनन-फानन में दोनों मंदिरों में विशेष पूजा करायी गयी, इसके बाद दोनों मंदिरों के पट बंद किये गये.

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Deoghar News. सावन की दूसरी सोमवारी को अहले सुबह बाबा मंदिर प्रभारी सह एसडीएम दीपांकर चौधरी जैसे ही बाबा मंदिर परिसर पट खुलवाने के लिए पहुंचे, पुरोहितों ने मंदिर प्रभारी पर मंदिर की परंपरा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए घेर लिया. मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद एसडीएम ने पुरोहितों से इसके लिए खेद प्रकट करते हुए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया. मिली जानकारी के अनुसार, बाबा मंदिर प्रभारी करीब पौने तीन बजे जब बाबा मंदिर परिसर पहुंचे, तो पुजारी राकेश झा, सुमन झा, सौरभ झा सहित अन्य पुरोहितों ने अमावस्या की विशेष पूजा उस समय तक नहीं होने की बात कही. साथ ही बताया कि प्रत्येक अमावस्या पर मां काली व मां तारा मंदिर में रात को विशेष पूजा होती है. इस विशेष पूजा के बाद ही पट बंद होता है.

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क्या है आरोप?

आरोप है कि रविवार की देर रात इन दोनों मंदिरों के पास विशेष पूजा नहीं होने के कारण पूरी रात दोनों मंदिरों का पट खुला रहा. इसके बाद आनन-फानन में दोनों मंदिरों में विशेष पूजा करायी गयी, इसके बाद दोनों मंदिरों के पट बंद किये गये. मंदिरों में विशेष भोग लगाने के बाद चली आ रही परंपरा के अनुसार मां काली के मंदिर को खोलकर माता की पूजा करने के बाद करीब पौने चार बजे बाबा का पट खोला गया. उसके बाद बाबा मंदिर में पारंपरिक पूजा प्रारंभ की गयी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मंदिर प्रभारी ने इस चूक पर सहायक मंदिर प्रभारी को पूरी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है.

  • अहले सुबह मां काली की विशेष पूजा होने के कारण देर से खुला बाबा मंदिर का पट

  • रात की पूजा सुबह के करीब सवा तीन बजे तक हुई संपन्न

कैसे चूक हुई, इसको देखा जा रहा है : मंदिर प्रभारी

बाबा मंदिर के प्रभारी सह एसडीएम दीपांकर चौधरी ने कहा कि परंपरा नहीं टूटे इसका पूरा ख्याल रखा जाता है, पुरोहितों के साथ सामंजस्य बना कर पूजा पद्धति पर बात होती है. कैसे चूक हुई है, इसको देख जा रहा है. जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

परंपरा नहीं टूटे इसका पूरा ख्याल रखा जाता है, पुरोहितों के साथ सामंजस्य बना कर पूजा पद्धति पर बात होती है. कैसे चूक हुई है, इसको देख जा रहा है. जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

दीपांकर चौधरी , बाबा मंदिर प्रभारी सह एसडीएम

परंपरा व विधि का सम्मान होना चाहिए : डीसी

देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि देर रात तक किसी भी हालत में जलार्पण नहीं होना चाहिए. यह जरूरी है कि परंपरा और विधि-विधान का सम्मान व अनुपालन यथासंभव होना चाहिए.

देर रात तक किसी भी हालत में जलार्पण नहीं होना चाहिए. यह जरूरी है कि परंपरा और विधि-विधान का सम्मान व अनुपालन यथासंभव होना चाहिए.

मंजूनाथ भजंत्री, डीसी, देवघर

अमावस्या पूजा में मंदिर प्रशासन ने बरती कोताही: धर्मरक्षिणी सभा

वहीं, पंडा धर्मरक्षिणी सभा के वरीय उपाध्यक्ष मनोज मिश्र ने कहा कि बाबा मंदिर की परंपराओं से खिलवाड़ करने का किसी को भी अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार से अमावस्या पूजा में मंदिर प्रशासन की तरफ से कोताही बरती गयी है, यह बर्दाश्त के बाहर है. ऐसा कभी नहीं हुआ था. मंदिर पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. मंदिर प्रशासन हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं ले. उन्होंने कहा कि अमावस्या पूजा की व्यवस्था नहीं होने पर रात के 11:05 बजे देवीपुर सीओ सह मंदिर के सहायक प्रभारी सुनील कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. फिर एसडीओ को फोन किया, तो उन्होंने भी फोन नहीं उठाया. इसके बाद व्हाट्स एप पर भी सूचना दी गयी, लेकिन गंभीरता नहीं दिखायी गयी. आम पुरोहितों, यात्रियों व पंडा धर्मरक्षिणी सभा के साथ इनका समन्वय नहीं है. उन्होंने मंदिर प्रशासक से आग्रह किया कि अविलंब इस गलती के लिए मंदिर के सहायक प्रभारी को मंदिर की व्यवस्था से हटा दिया जाये, ताकि आगे से परंपराओं का निर्वाह करने में कोताही नहीं हो. उन्होंने कहा कि यदि मंदिर की परंपराओं से छेड़छाड़ जारी रही, तो हम प्रशासनिक हस्तक्षेप के खिलाफ आंदोलन के लिए विवश हो जायेगे. जल्द ही इस व्यवस्था के खिलाफ एक पीआइएल भी दाखिल किया जायेगा.

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