21.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 11:37 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Mahashivaratri 2022: तांत्रिक विधि से बाबा मंदिर के पंचशूल की पूजा,मंदिरों के शिखर पर दोबारा किया स्थापित

Advertisement

jharkhand news: महाशिवरात्रि को लेकर बाबा मंदिर के शिखर से उतारे गये पंचशूल की तांत्रिक विधि से पूजा कर दोबारा चढ़ाया गया. इस दौरान खास लिखे मंत्र को दीवान ने पंचशूल में बांधा. वहीं, सरदार पंडा ने पहला गठबंधन संकल्प कर चढ़ाया गया. इस दौरान पंचशूल को स्पर्श करने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Mahashivaratri 2022: फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष प्रदोष तिथि के अवसर पर दिन के करीब 10:30 बजे से पंचशूल की पूजा प्रारंभ हुई. पूजा का आयोजन मंदिर ईस्टेट की ओर से राधा-कृष्ण मंदिर में आयोजित किया गया. इस विशेष पूजा को आचार्य गुलाब पंडित एवं पुजारी सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा ने तांत्रिक विधि से पूजा शुरू की. इस पूजा में बाबा एवं मां पार्वती के अलावा परिसर में स्थित सभी मंदिरों के शिखर से उतारे गये पंचशूल की विशेष सफाई के बाद पूजा स्थल पर रखा गया. तांत्रिक विधि से इस पूजा में करीब दो घंटे का समय लगा.

- Advertisement -

तांत्रिक विधि से हुई पूजा

तांत्रिक विधि के इस पूजा में फूल, बेलपत्र, नवैद्य के अलावा बीज मंत्रोचरण कर इस विशेष पूजा को संपन्न किया गया. वहीं, चली आ रही परंपरा के अनुसार कागज में लिखे खास मंत्र को मंदिर दीवन सोना सिन्हा ने पंचशूल में बांधा. उसके बाद पूजा में नवैद्य अर्पित कर महाआरती का आयोजन कर पूजा को संपन्न किया गया. वहीं, पूजा में उपचारक के तौर पर मौजूद भक्तिनाथ फलहारी ने पूजा की सारी व्यवस्था को व्यवस्थित कर पूजा संपन्न करने में सराहनीय भूमिका निभाई. पूजा संपन्न होते ही शिव शंकर भंडारी के नेतृत्व में गठित भंडारियों की टीम ने गणेश मंदिर से पंचशूल को शिखर में लगाने का काम शुरू किया.

सरदार पंडा ने पहला गठबंधन संकल्प कर चढ़ाने की परंपरा को कराया शुरू

पंचशूल चढ़ने के बाद आचार्य ने सरदार पंडा को गठबंधन के लिए संकल्प कराया. हाथ में गठबंधन रखकर ओझा जी ने विश्व कल्याणार्थ के लिए संकल्प कर भंडारी के हाथ में सौंपते हुए बाबा के शिखर में बांधने का आदेश दिया. उसके बाद मंदिर महंत स्वयं बाबा मंदिर से चलकर पार्वती मंदिर तक हाथ में गठबंधन लेकर चले एवं माता के शिखर पर गठबंधन बंधते ही आम लोगों के द्वारा गठबंधन चढ़ाने की परंपरा को शुरू कराया. मौके पर प्रबंधक रमेश परिहस्त, सरदार पंडा के प्रतिनिधि बाबा झा सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.

रिपोर्ट : संजीव झा, देवघर.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें