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जामताड़ा में समावेशी विकास का अनवरत प्रयास

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद मार्च 2020 में राज्य सरकार ने राज्य के वित्त एवं विकास पर एक श्वेत पत्र विधान सभा के पटल पर प्रस्तुत किया था

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रवींद्र महतो

विधानसभा अध्यक्ष, झारखंड

झारखंड राज्य एक जन आंदोलन की उपज है. संताल हूल के शहीदों ने पूरे देश को क्रांति की राह दिखायी, आजादी के बाद फिर एक बार इसी संथाल की धरती पर दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने गैर बराबरी और अविभाजित बिहार में आंतरिक उपनिवेशवाद के विरुद्ध चिर-परिचित पुराना क्रांति अलग झारखंड प्राप्ति का बिगुल फूंका था. इसी आंदोलन की आग में तप कर हमने यह राज्य हासिल किया, परंतु लंबे समय तक राज्य गठन आंदोलन के उद्देश्यों पर आधारित स्थिर सरकार की स्थापना नहीं हो सकी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद मार्च 2020 में राज्य सरकार ने राज्य के वित्त एवं विकास पर एक श्वेत पत्र विधान सभा के पटल पर प्रस्तुत किया था, जिसमें राज्य की आर्थिक बदहाली पर नजर डाली गयी थी. सरकार गठन के साथ अपने पहले बजट में ही वर्तमान सरकार ने इस बात की घोषणा कर दी थी कि इस सरकार का उद्देश्य संरचना नहीं बल्कि व्यक्ति विकास पर आधारित नीति पर काम करना होगा.

देश की वर्तमान राष्ट्रपति और तब इस राज्य की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड विधान सभा के पंचम बजट सत्र के दौरान अपने अभिभाषण में यह कहा था ” हमारी सरकार ने अपने गठन के दिन से ही विकास मूल मंत्र आधार, लोकतंत्र को आत्मसात किया है और राज्य में बेरोजगारी दूर करने, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति पिछड़ों अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों की विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित करते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाने, आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, सामुदायिक विकास करने तथा प्रशासन एवं विकासात्मक प्रक्रिया में सबों की सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया है.

रोजगार का पर्याप्त अवसर प्रदान करना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है और इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में नियुक्तियां की जा रही हैं. अब विधानसभा में भी कानून की वास्तविक अनुपालन की समीक्षा लगातार की जा रही है. राज्य सरकार के इसी विकास दृष्टि के अनुरूप ही नाला विधान सभा में समावेशी विकास का अनवरत प्रयास किया जा रहा है. फतेहपुर में डिग्री कॉलेज का निर्माण शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है.

शिक्षा के क्षेत्र में और भी कई काम किये जा रहे हैं. कुंडहित प्रखंड के धनुकडीह में जल्द ही महिला महाविद्यालय का निर्माण कराया जायेगा. वहीं फतेहपुर में आवासीय एकलव्य विद्यालय के साथ-साथ क्षेत्र के कई उच्च विद्यालयों को प्लस 2 में उत्क्रमित कराया गया जा रहा है. यही नहीं प्लस 2 उच्च विद्यालयों में छात्रावास का निर्माण कराया गया. नाला विधान सभा क्षेत्र में 40 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चल रहा है, जिसका लाभ छात्रों को मिल रहा है. कई विद्यालयों में मल्टी पर्पस भवन का निर्माण कराया गया. विद्यालयों मे शौचालयों एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी गयी. विद्यालयों में कंप्यूटर सेट, ज्ञानवर्द्धक पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी है.

जामताड़ा में पुस्तकालय आंदोलन की चर्चा देशभर में: जामताड़ा जिले के प्रशासन की मदद से जो पुस्तकालय का आंदोलन चलाया गया है उसकी चर्चा देश भर में हो रही है. जामताड़ा देश का पहला ऐसा जिला है, जहां सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक पंचायत है. प्रत्येक पंचायत में जीर्ण-शीर्ण पड़े भवनों की मरम्मति कराकर उनमें पुस्तकालय चलाये जा रहे हैं, जिसका लाभ छात्रों को प्राप्त हो रहा है. छात्रों में अध्ययन के प्रति रूचि पैदा होने से हम उन्हें उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने में निश्चित रूप से सफल होंगे.

लघु बांध व चेक डैम के निर्माण का लाभ मिलेगा किसानों को: समावेशी विकास का दूसरा आयाम खेती का क्षेत्र है. झारखंड की कृषि वर्षा आधारित है. कृषि को ज्यादा लाभप्रद बनाने के लिए उन्नत सिंचाई की व्यवस्था की जानी आवश्यक है. पूरे विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत करीब 20 लघु बांधों और चेक डैमों का निर्माण कराया जा रहा है. अजय बराज परियोजना की समीक्षा की जा रही है, ताकि किसान भाइयों को जमीन पर इसका लाभ मिल सके. किसानों को उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल पाता है.

अत्यधिक उपज होने से फसल की कीमत कम हो जाती है. ऐसे में आश्यकता इस बात की है कि फसल के सेल्फलाइफ को बढ़ाया जाये ताकि बाजार में मांग बढ़ने पर इन्हें बेचने पर ज्यादा लाभ की प्राप्ति हो सके. इसे ध्यान में रखते हुए लगभग 18 करोड़ की लागत से एक बड़े कोल्ड स्टोरेज एवं नाला चलेपाड़ा, कुंडहित और फतेहपुर में छोटे-छोटे कोल्ड रूम का निर्माण कराया जा रहा है. कृषि के अतिरिक्त रोजगार के दूसरे अवसर पैदा किये जाने की आवश्यकता है.

पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने का हो रहा प्रयास :

झारखंड को प्रकृति ने बड़े प्रेम से सजाया है. पर्यटन के क्षेत्र में झारखंड में अपार संभावनाएं हैं. नाला विधान सभा क्षेत्र के मालंचा पहाड़ को नेचर पार्क के रूप में विकसित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है. धार्मिक पर्यटन को देखते हुए बाबा देवलेश्वर धाम और गिरधारी मंदिर, मां सिंहवाहिनी मंदिर, बाबा कालींजर मंदिर तथा 42 परगना का महान आदिवासी के धार्मिक स्थल को भी विकसित किया जा रहा है.

स्वास्थ्य सुविधा व स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता है प्राथमिकता :

क्षेत्र में स्वास्थ्य और पेयजल की उपलब्धता प्राथमिकता में है. इसके लिए फतेहपुर में सीएचसी का निर्माण कराया गया है. नाला, कुंडहित, फतेहपुर और गेरिया में विधायक मद से एम्बुलेंस उपलब्ध कराया गया है. नाला प्रखंड के कुंजबना अस्पताल में जल्द ही मरीजों का सिटी स्कैन किया जायेगा. नाला के गेड़िया में 100 बेड के अस्पताल का निर्माण करया गया है.

कुंडहित प्रखंड के महेशपुर में 50 बेड का अतिरिक्त फेबरिकेटेड रेफरल अस्पताल बनाया गया है. कुंजमना का मेसो अस्पताल का जीर्णोद्धार विधायक मद से डेढ़ करोड़ की मदद से कराया गया. करोड़ों की लागत से शीघ्र ही उक्त अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन अधिष्ठापित करायी जायेगी. करीब आठ करोड़ की लागत से दर्जनों उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है. कुंडहित सीएचसी अस्पताल को आधुनिक अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है. अपने विवेकानुदान मद से लगभग एक हजार क्षेत्र के मरीजों का देश के बड़े-बड़े अस्पतालों में इलाज कराया गया है.

स्वस्थ जीवन के लिए पीने योग्य पानी अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. इसको ध्यान में रखते हुए ग्रामीण जलापूर्ति योजना के माध्यम से शुद्ध पेयजल सबों को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. नाला प्रखंड अंतर्गत गेरिया में 23 करोड़ की लागत से वृहत पाइपलाइन ग्रामीण जलापूर्ति योजना का कार्य चल रहा है. खजूरी में साढ़े 5 करोड़ की लागत से ग्रामीण जलापूर्ति योजना,

कुंडहित के विक्रमपुर में 10 करोड़ की लागत से वृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना, फतेहपुर में करीब नौ करोड़ की लागत से वृहत जलापूर्ति योजना का कार्य पूर्ण है, इसी तरह शुद्ध पेयजल आपूर्ति हेतु फुटबेड़िया, टेशजोड़िया एवं चकनयापाड़ा पंचायत में लगभग 28 करोड़ की लागत से, महेशमुण्डा और अफजलपुर पंचायत 24 करोड़ की लागत से, पाकुड़िया और धसनिया पंचायत में लगभग 23 करोड़ की लागत से जल नल योजना का कार्य किया जा रहा है. नाला, कुंडहित एवं फतेहपुर में अत्याधुनिक खेल स्टेडियम का निर्माण कराने के लिए प्रयासरत हूं.

जिले में बने कई उच्चस्तरीय पुल

10 वर्षो में लगभग दर्जनों उच्चस्तरीय पुल-पुलिया का निर्माण कराया गया है. कडराबाद-अफजलपुर के बीच, मोहजोड़ी-महुलबना के बीच शिलानदी पर, पिपला-हाथधारा के बीच अजय नदी पर, भेलुआ के हिंगला नदी पर, अम्बा-विक्रमपुर के बीच हिंगला नदी पर, शिवलीबोना-कुसमा के बीच शीला नदी पर, मडालो घाट के अजय नदी में उच्य स्तरीय पुल का निर्माण पूरा हो चुका है.

वहीं सुलतानपुर और कूडी के बीच कार्य प्रगति पर है. बनबेरिया और कुसुमदाहा के बीच तथा कालीपहाड़ी-बाघाकुड़ी के बीच पुल निर्माण प्रस्तावित है. सैकड़ों करोड़ की लागत से कुंडहित प्रखंड के अन्तर्गत भेलुआ में पावर ग्रिड का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है. विद्युत की सतत आपूर्ति पर हमेशा नजर बनी है. नाला विधान सभा क्षेत्र में चार पावर हाउस का निर्माण फतेहपुर, गेड़िया, धनुकडीह एवं बामनडीहा में कराया गया है. राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना विद्युतीकरण योजना के तहत 650 गांव / टोलों में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया है. आज नाला विधान सभा में न केवल सड़कों का जाल बिछा है.

बल्कि उच्च गुणवत्तावाले सड़कों के निर्माण से क्षेत्रवासी शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य हर दृष्टिकोण से अपने राज्य एवं पड़ोसी राज्यों बिहार और बंगाल आसानी से पहुंच सकते हैं. अपनी सभ्यता और संस्कृति का संरक्षण प्राथमिकता रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए आदिवासी भाइयों के लिए मांझीथान और धुमकुड़िया भवनों का निर्माण कराया जा रहा है. जामताड़ा एक नया जिला राजधानी से दूरी और संसाधनों की कमी के कारण अन्य जिलों से विकास की दौड़ में सदियों से पीछे रहा है. उम्मीद है कि राज्य सरकार की समावेशी विकास की नीति का लाभ प्राप्त कर हम निश्चित रूप से विकास की दौड़ में राज्य के अग्रणी जिलों से आगे निकल पायेंगे.

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