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आदर्श विद्यालय योजना का हाल : देवघर में 13 स्कूलों को आदर्श का दर्जा, पर क्वालिटी वाली पढ़ाई अब भी सपना

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देवघर में आदर्श विद्यालय योजना का हाल बोहाल है. जिले में 13 स्कूलों को आदर्श विद्यालय का दर्जा दिया गया, ताकि यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सके. लेकिन शिक्षकों की कमी और सही व्यवस्था नहीं होने के कारण यह उद्देश्य अब तक पूरा नहीं हो सका.

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देवघर, विजय कुमार. सरकारी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को उन्नत करने एवं छात्रों के शैक्षिक स्तर को विकसित करने के उद्देश्य से जिले में 13 विभिन्न कोटि के स्कूलों को आदर्श स्कूल की सूची में शामिल किया गया है. इस योजना में अपग्रेड, हाइस्कूल व प्लस टू स्कूल भी शामिल हैं, ताकि ग्राम पंचायत स्तर से जिलास्तर पर छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके. आंकड़ों पर गौर करें तो जिले के चिह्नित 13 आदर्श स्कूलों में नामांकित छात्रों की संख्या 17,700 है. यहां छात्रों की औसत उपस्थिति 50-60 फीसदी है. सिलेबस के अनुरूप पढ़ाई कराने की जवाबदेही सिर्फ 73 शिक्षकों के कांधे पर है. औसतन एक शिक्षक पर 242 छात्रों से ज्यादा की पढ़ाई की जवाबदेही है.

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विभागीय मापदंड के अनुसार, 35 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो आदर्श स्कूलों में शिक्षकों का स्वीकृत पद 144 है. शिक्षकों का 71 पद रिक्त पड़ा है. लैंग्वेज सहित इतिहास, भूगोल, गणित, जीव विज्ञान, भौतिकी आदि विषयों में शिक्षकों का अभाव है. विषय के शिक्षक नहीं होने के कारण स्कूलों के छात्रों को प्राइवेट ट्यूशन पर निर्भर रहना पड़ता है. आर्थिक परेशानी की वजह से कभी कभी छात्र-छात्राएं ट्यूशन से भी वंचित रह जाते हैं. इसका प्रतिकूल प्रभाव छात्रों के मैट्रिक व इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम पर पड़ता है.

  • शिक्षकों की कमी से परेशानी

  • वर्ग कक्ष में औसत उपस्थिति 50-60 फीसदी

  • एक शिक्षक पर 242 से ज्यादा छात्रों की पढ़ाई का बोझ

  • शिक्षकों का स्वीकृत पद 144, रिक्त पदों की संख्या 71

जिले में चिह्नित 13 आदर्श स्कूलों का नाम व नामांकित छात्र

स्कूल- छात्रों की संख्या

अंची देवी एस बालिका प्लस टू हाइस्कूल, मधुपुर- 1897

जीएन सिंह हाइस्कूल, कुकराहा- 1274

आरके हाइस्कूल, सरसा- 1246

जीएस हाइस्कूल, देवघर- 736

अपग्रेड हाइस्कूल उर्दू, पिपरा- 1059

श्रीमती अनारकली प्लस टू हाइस्कूल, पालोजोरी- 819

प्लस टू स्कूल, सारवां- 2404

अपग्रेड हाइस्कूल, रामूडीह- 666

गर्वेंट हाइस्कूल, सोनारायठाढ़ी- 1333

आरबीजेपीएस प्लस टू हाइस्कूल, बभनगामा- 1333

प्लस टू राजकीयकृत एसएस मोहनानंद एचएस, तपोवन- 1272

राजकीयकृत प्लस टू स्कूल, मोहनपुरहाट- 2505

रानी मंदाकिनी हाइस्कूल, करौं ग्राम- 1156

विषयवार शिक्षकों का रिक्त पद

विषय- रिक्त पद

हिंदी- 04

अंग्रेजी- 06

संस्कृत- 04

इतिहास- 05

भूगोल- 04

अर्थशास्त्र- 03

गणित- 07

भौतिकी- 09

जीव विज्ञान- 05

रसायन शास्त्र- 06

वाणिज्य- 03

अनारक्षित कोटि में शिक्षकों के 31 पद रिक्त

विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो देवघर के चिह्नित आदर्श स्कूलों में अनारक्षित वर्ग में 31 शिक्षकों का पद रिक्त पड़ा है. बीसी व बीसी-टू कोटि में एक पद, एमबीसी व सीबी-वन में 11 पद, एसटी कोटि में चार एवं एससी कोटि में शिक्षकों के नौ पद रिक्त पड़े हैं. जिले के 13 आदर्श स्कूलों में 17700 छात्र-छात्राएं नामांकित

ग्रामीण परिवेश के छात्रों का टूट रहा है भ्रम

जिले के अधिकतर आदर्श स्कूलों में ग्रामीण परिवेश के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. आदर्श स्कूलों में विषयवार शिक्षकों के साथ गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई का भरोसा सरकारी स्तर पर मिलने के बाद छात्रों के साथ माता-पिता व गार्जियन में उम्मीदें जगी थीं कि नियमित एवं बेहतर पढ़ाई सुनिश्चित करायी जायेगी. लेकिन, विषयवार शिक्षकों की उपस्थिति नहीं होने के कारण अब गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के प्रति छात्रों का भरोसा टूटता नजर आ रहा है. यही वजह है कि स्कूलों में छात्रों की औसत उपस्थित 50-60 फीसदी से ज्यादा नहीं हो रही है.

क्या कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी

देवघर जिला शिक्षा पदाधिकारी टोनी प्रेमराज टोप्पो कहते हैं कि आदर्श स्कूलों में विषयवार व गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई सुनिश्चित करायी जायेगी. विषयवार शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सीबीएसई बोर्ड व आइसीएसई बोर्ड से पासआउट शिक्षकों से प्रतिनियुक्ति के लिए रिक्विजिशन मांगा गया है. रिक्विजिशन के आधार पर ही शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. वर्ग कक्ष में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा. कहां कमियां व खामियां हैं. उसे दूर करने के लिए सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, बीआरपी व सीआरपी को आवश्यक निर्देश दिया जायेगा.

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