16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

देवघर : सदर अस्पताल में धूल फांक रहे 50 वेंटिलेटर, प्राइवेट अस्पताल में हर दिन लिया जाते हैं इतने रुपये

Advertisement

देवघर के सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने कहा कोरोना काल के दौरान राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से टेक्नीशियन दिया गया था, लेकिन कोरोना काल के बाद उसे वापस ले लिया गया. इस कारण वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

देवघर : कोरोना काल में और इससे पहले सदर अस्पताल को मुहैया कराये गये करीब 50 वेंटिलेटर अस्पताल के स्टोर में धूल फांक रहे हैं. करोड़ों रुपये के इन वेंटिलेटर का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. दूसरी ओर इस सुविधा के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिदिन पांच से आठ हजार रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं गरीब मरीज को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलने से उनके सांसें अटक रही हैं. 50 वेंटिलेटर में से चार सदर अस्पताल के आइसीयू में और छह स्टोर रूम में पड़े हैं, जबकि बाकी सभी वेंटिलेटर सिविल सर्जन कार्यालय के वेयर हाउस में रखे हुए हैं.

- Advertisement -


वेंटिलेटर चलाने के लिए नहीं मिले डॉक्टर व टेक्नीशियन

कोरोना काल के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग को वेंटिलेटर उपलब्ध कराये गये थे, लेकिन आजतक विभाग को डॉक्टर व टेक्नीशियन नहीं मिले. जबकि जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई बार राज्य स्वास्थ्य विभाग से डाॅक्टर व टेक्नीशियन की मांग की जा चुकी है. बताते चलें कि कोरोना काल के दौरान दो माह के लिए टेक्नीशियन दिये गये थे, जिसे दो माह के बाद हटा लिया गया था. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार, एक- एक वेंटिलेटर की कीमत करीब छह लाख रुपये है. ऐसे में 50 वेंटिलेटर की कीमत करीब तीन करोड़ हैं, जिनका उपयोग नहीं हो रहा है.

प्राइवेट अस्पतालों की चांदी

वैसे मरीज जिन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है, उनके इलाज के लिए करीब 50 वेंटिलेटर स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध हैं, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण गंभीर मरीजों को प्रतिदिन हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के पास पूर्व में छह वेंटिलेटर थे, इसके बाद कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार और पीएम केयर फंड तथा कुछ कंपनी की ओर से डोनेट करने के बाद विभाग के पास करीब 50 वेंटिलेटर हैं, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो रहा है. सदर अस्पताल से वैसे गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में इन मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जाता है, जहां उन्हें एक दिन का वेंटिलेटर चार्ज करीब पांच से आठ हजार रुपये देने पड़ते हैं. इससे प्राइवेट अस्पतालों की चांदी कट रही है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

देवघर के सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने कहा कोरोना काल के दौरान राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से टेक्नीशियन दिया गया था, लेकिन कोरोना काल के बाद उसे वापस ले लिया गया. इस कारण वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो रहा है. वेंटिलेटर को ऑपरेट करने के लिए विभाग से कई बार डॉक्टर व टेक्नीशियन की मांग की गयी, लेकिन नहीं मिले. जिले के चार-पांच स्वास्थ्य कर्मचारियों को वेंटिलेटर ऑपरेट करने को लेकर ट्रेनिंग दी जायेगी, इसके बाद वेंटिलेटर का उपयोग सदर अस्पताल में किया जायेगा.

Also Read: देवघर में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट व गोड्डा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने में राज्य सरकार की रुचि नहीं

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें