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Corona Fear : कोरोना का खौफ निगल रहा हर दिन 50 करोड़

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कोरोना के डर से देवघर का बाजार भी प्रभावित हुआ है. कारोबार को बड़ा झटका लगा है. विशेष कर होटल व्यवसाय, भोजनालय, पेड़ा-चूड़ा, चूड़ी-शृंगार, कपड़ा, बस सेवा, फल व लोहे व पीतल के बरतन के कारोबार पर व्यापक असर पड़ा है.

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अमरनाथ पोद्दार : देवघर : कोरोना के डर से देवघर का बाजार भी प्रभावित हुआ है. कारोबार को बड़ा झटका लगा है. विशेष कर होटल व्यवसाय, भोजनालय, पेड़ा-चूड़ा, चूड़ी-शृंगार, कपड़ा, बस सेवा, फल व लोहे व पीतल के बरतन के कारोबार पर व्यापक असर पड़ा है. तीर्थ यात्रियों की संख्या कम होने से देवघर में करीब 80 फीसदी व्यवसाय प्रभावित हुआ है. अनुमान के अनुसार देवघर के बाजार में औसतन 80 करोड़ प्रतिदिन का कारोबार है.

एक अनुमान के अनुसार इसमें करीब 50 करोड़ का व्यवसाय प्रतिदिन प्रभावित हो रहा है. केवल होटल व्यवसायियों को करीब आठ करोड़ रुपये प्रतिदिन का नुकसान उठाना पड़ रहा है. बाहर से आने वाले पर्यटकों ने होटलाें में 80 फीसदी बुकिंग रद्द करवा दी है. पेड़ा के लिए बाहर से आने वाले खोआ को बंद कर दिया गया है. भोजनालय में पनीर की खपत पूरी तरह घट गयी है. फास्ट फूड की दुकानों में बिक्री कम हो गयी है.

मॉल में लोगों की भीड़ कम : देवघर शहर में हाल के वर्षों में बड़ी ही तेजी से मॉल की संख्या में वृद्धि हुई है. शहर में फिलहाल 10 बड़े मॉल हैं. इन मॉल्स में आनेवाले ग्राहकों की भीड़ में भी कम आ गयी है. लोग घरों से निकलना पसंद नहीं कर रहे हैं. कोरोना के डर से लोग खरीदारी करना तो दूर घूमने भी कम ही निकल रहे हैं. ऐसी स्थिति में मॉल में भी भीड़ कम हो गयी है.

ऑनलाइन मार्केटिंग 20 फीसदी घटी : देवघर बीआइटी जसीडीह, एग्रीकल्चर कॉलेज समेत अन्य हॉस्टल फिलहाल बंद कर दिये गये हैं. इन हॉस्टल के बंद होने के कारण बहार के बच्चे अपने-अपने घर चले गये हैं. इससे ऑनलाइन मार्केटिंग भी प्रभावित हुई है. यही नहीं, सोशल मीडिया पर चल रही तरह-तरह की अफवाहों के बाद स्थानीय लोग ऑनलाइन मार्केटिंग से दूर हो रहे हैं. इससे ऑनलाइन मार्केटिंग में करीब 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है. एमेजोन की देवघर यूनिट के सुपरवाइजर सुरेश कुमार ने बताया, बाजार में केवल जरूरतों के अनुसार डिमांड हो रही है. हाॅटलों में प्रोडक्ट की काफी डिमांड होती थी, इसमें भी कमी आ गयी है. कंपनियों से अधिकतर लोग सेनेटाइजर की ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं.

फास्ट फूड में चिकेन व अंडा की डिमांड नहीं : फास्ट फूड की दुकानों में चिकेन व अंडा की डिमांड घट गयी हैं. इससे बिक्री में 60 फीसदी तक कमी आ गयी है. अफवाह के कारण ग्राहक फिलहाल चिकेन व अंडा की जगह वेज फास्ट फूड खाना पसंद कर रहे हैं. नॉन वेज आइटमों की वजह से कई रस्टोरेंट में भी ग्राहकों की संख्या घट गयी है. वैसे भी भीड़ से बचने के लिए लोग रेस्टोरेंट में जाने से काफी हद तक परहेज कर रहे हैं. कच्चा खाद्य पदार्थों का बाजार पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. अगर स्थिति यही रही तो देवघर में बड़ी संख्या में रेस्टोरेंट में भी ताला लटक सकता है.

चूड़ियों के बाजार में दोहरा असर

देवघर में चूड़ियों के बाजार में दोहरा मार पड़ा है. तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के घटने से चूड़ियाें की दुकानों में लोगों की भीड़ नहीं जुट रही है. इससे तेजी से मार्केट डाउन हो गया है. इसके साथ-साथ शादियां टलने से भी लगन की खरीदारी में चूड़ियां समेत शृंगार का सामान लेने ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इस व्यवसाय से जुड़े कुछ लोगों ने बताया कि पिछले तीन दिनों में कुछ दुकानों में तो बोहनी तक नहीं हुई है. देवघर में प्रतिदिन 20 लाख रुपये तक शृंगार व चूड़ियों का कारोबार है. फिलहाल यह ठप होने की स्थिति पर आ गया है. इससे संबंधित दुकानदार काफी चिंतित हैं.

पेड़ा की बिक्री घटने से खोया की खपत कम

कोरोना के कारण देवघर में श्रद्धालुओं व पर्यटकों की संख्या में आयी गिरावट के कारण यहां के पेड़ा की बिक्री भी काफी कम हो गयी है. आम दिनों में देवघर व घोरमारा में प्रतिदिन चार करोड़ रुपये का पेड़ा और खोया का कारोबार है. पेड़ा की बिक्री कम हाेने से देसी खोया समेत बनारस, कांदी आदि इलाके से खोया का आवक काफी कम हो गया है. पेड़ा की बिक्री कम होने से दुकानदारों को स्टॉक बढ़ने का चिंता सता रही है, जिससे कच्चे खाद्य सामग्री के खराब होने की संभावना है. कई दुकानदारों के पास तो पूर्व से रखे स्टॉक भी खराब होने लगे हैं.

बरतन का बाजार भी प्रभावित

देवघर में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने आनेवाले श्रद्धालु यहां से पीतल और कांस के बरतन की खरीदारी करना पसंद करते हैं. अधिकतर श्रद्धालु कुछ ने कुछ खरीद कर ले जाते हैं. पर जब से कोरोना का आतंक आया है, बरतन व्यवसाय में भी मंदी छा गयी है. बरतन का बाजार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. शादियां टाले जाने के कारण भी बरतन की मांग में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. देवघर में बरतन का कारोबार करीब पांच लाख रुपये प्रतिदिन है. पर कोरोना और इससे डर से शादियां टाले जाने के कारण भी बरतन के व्यवसाय में भारी गिरावट देखी जा सकती है.

नुकसान की वजह से बंद हो रहे भोजनालय

देवघर में अधिकतर भोजनालय यहां आनेवाले पर्यटकों व तीर्थयात्रियों पर ही टिकी हुई है. बाबा मंदिर समेत टावर चौक के आसपास के भोजनालय में इक्के-दुक्के ग्राहक ही पहुंच रहे हैं. प्रतिदिन करीब 20 से 25 फीसदी ही बिक्री हो रही है. कई भोजनालयों में बिक्री कम होने के बाद खाद्य सामग्री व कर्मियों के खर्च से होने वाले नुकसान को देखते हुए ताले लगा दिये गये हैं. फिलहाल इन्हें बंद कर दिया गया है. मंदिर के आसपास में स्थित अधिकतर भोजनालय व नाश्ते की दुकान बंद हो गयी हैं. देवघर में प्रतिदिन चार करोड़ रुपये के भोजनालय का कारोबार है.

पर्यटन स्थलों में सिमट रही दुकानें

देवघर के पर्यटन स्थलों में तो कर्फ्यू जैसी स्थितियां बन गयी हैं. त्रिकुट राेप-वे में 75 फीसदी तक ग्राहकों में कमी आ गयी है. अन्य दिनों के मुकाबले मात्र 25 फीसदी पर्यटक रोप-वे में सफर कर रहे हैं. त्रिकुट पहाड़ व तपोवन में दुकानों में खरीदारी 10 फीसदी तक आकर सिमट गयी है. दुकानें खाली-खाली रहती हैं. सत्संग आश्रम पूरी तरह बंद किये जाने से आसपास के माला-बद्धि व मुर्तियों की दुकानें बंद होने हो लगी हैं. नंदन पहाड़ में भी पार्क बंद होने से फास्ट फूड की कई दुकानें बंद हो गयी हैं. पर्यटन स्थलों में रोजाना पांच लाख रुपये का काराेबार प्रभावित हुआ है.

चाइनिज सेब की बिक्री ठप, कश्मीर से आवक कम

देवघर में कोरोन के कारण फलों के कारोबार पर भी व्यापक असर पड़ा है. चीन के सेब तो पहले से ही बंद कर दिये गये हैं. शिमला व कश्मीर से भी मंगाये जानेवाले सेब में भी गिरावट आयी है. शिमला व कश्मीर की मंडियों से सेब कम मात्रा में बाहर आपूर्ति की जा रही है. फलों की आवक कम होने से बाजार समिति में फलों की कीमतों में उछाल आ गयी है. देसी सेब 110 रुपये किलो, अनार 120 रुपये किलो व संतरा 50 रुपये किलो की दर से बिक रहे हैं. हालांकि इनके ग्राहक भी काफी कम हो गये हैं. देवघर में प्रतिदिन 50 लाख रुपये के फलों का कारोबार है.

शादियां टलने से कपड़ों का बाजार गिरा

कोरोना को लेकर सरकार ने बड़े आयोजनों पर रोक लगा दी है. धर्मशाला में बुकिंग रद्द कर दी गयी है. इससे देवघर में इसका खास असर पड़ा है. देवघर में कई मैरेज हॉल की बुकिंग रद्द हो गयी है. लोगों ने शादियां आगे की तारीख के लिए टाल दी है. इससे कपड़ों का बाजार गिर गया है. कपड़ों की खरीदारी 70 फीसदी तक बंद हो गयी है. शादी से जुड़े लहंगा, साड़ियां व गर्मी को देखते हुए टी-शर्ट व कॉटन के कपड़े की डिमांड पहले के मुकबाले अभी केवल 20 फीसदी हो रहा है. देवघर में 25 करोड़ रुपये के प्रतिदिन कपड़ों का बाजार है. इसमें 500 के आसपास दुकानें हैं.

होटलों में 80 फीसदी बुकिंग रद्द, कमरे खाली

देवघर में रिखिया आश्रम, सत्संग आश्रम, बालानंद आश्रम में फिलहाल श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक से होटलों की 80 फीसदी बुकिंग रद्द कर दी गयी है. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम होने की वजह से बाबा मंदिर के आसपास 70 फीसदी होटल के कमरे इन दिनों खाली ही रह रहे हैं. इनमें कोई रुकने नहीं आ रहा है. बुकिंग रद्द होने से केवल होटल व्यवसाय को प्रतिदिन आठ करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. इसमें कर्मियों का वेतन से लेकर अन्य खर्चे भी शामिल हैं. होटल मालिकों को इससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

देवघर में शादियों के सीजन में कपड़ों की बेहतर मार्केटिंग हाेती थी. मार्च में तो दुकान में पैर रखने की जगह नहीं रहती थी. लहंगा व साड़ियों की जमकर बिक्री होती थी. लेकिन कोरोना के भय से 70 फीसदी तक बिक्री में कमी आ गयी है. अगर स्थिति यही रही तो इस वर्ष लगन में पूंजी फंस जायेगी.

– अजय राजपाल, कपड़ा व्यवसायी

कोरोना के भय से देवघर में सबसे अधिक हाेटल का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. सत्संग आश्रम पूरी तरह बंद होने से एडवांस बुकिंग तेजी से रद्द हुई है. मंदिर आने वाले श्रद्धलुओं में कमी होने से होटलों के कमरे खाली रह जा रहे हैं. शादियों के सीजन में कमरे मिलते तक नहीं थे. होटल व्यवसाय पिछले एक सप्ताह से नुकसान में चल रहा है.

कोरोना के भय से लगन का बाजार पूरी तरह फीका पड़ गया है. शृंगार में चूड़ी, सिंदूर समेत अन्य आइटम की खरीदारी फिलहाल 10 फीसदी भी नहीं हो पा रही है. मंदिर आने वाले श्रद्धालु अपने लिये और प्रसाद के रूप में दूसरों को देने के लिए चूड़ियां लेते हैं. पर फिलहाल इनकी संख्या में कमी आने के कारण बिक्री पूरी तरह प्रभावित हो गयी है.

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