27.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 11:23 am
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

चतरा : नक्सलियों का सेफ जोन रहा हैं अनगड़ा गांव का जंगल

Advertisement

गांव में सड़क, बिजली की व्यवस्था नहीं है. यहां के बच्चे भी अपना बचपन गोली की आवाज सुनकर गुजारते हैं. उक्त गांव में हमेशा पुलिस व नक्सली संगठन के बीच मुठभेड़ होती रहती है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कुंदा : थाना क्षेत्र के अनगड़ा गांव का जंगल नक्सली संगठन के लिए सेफ जोन माना जाता हैं. इससे पूर्व भी जंगल में पुलिस व नक्सली के बीच कई बार मुठभेड़ हुई हैं. 18 सितंबर 2022 को चतरा पुलिस व माओवादी दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी. जिसमें सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार की मौत हो गयी थी. नक्सलियों के लिए यह जंगल काफी सुरक्षित रहता है. यह जंगल चतरा-पलामू के सीमावर्ती इलाके में पड़ता है. नक्सली संगठन के लोगों ने चतरा व पलामू की एक साथ मॉनिटरिंग करने को लेकर अनगड़ा गांव के जंगल में अपना अड्डा जमाये रखते हैं.

दोनों जिले में चल रहे विकास कार्यों में लेवी वसूलने के लिए क्षेत्र में नक्सली संगठन जमे रहते हैं. वहीं दूसरी ओर जंगल के आसपास के आधा दर्जन गांव के लोग बंदूक के भय के साये में रहते हैं. थाना क्षेत्र के अनगड़ा, घियाही, जावादोहर, बलही, हेंदीयाकला, खुशियाला, लकड़मंदा समेत अन्य कई गांव में रहने वाले लोग हमेशा बंदूक के भय के साये में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. आज भी गांव में विकास खोखला साबित हो रहा है. गांव में सड़क, बिजली की व्यवस्था नहीं है. यहां के बच्चे भी अपना बचपन गोली की आवाज सुनकर गुजारते हैं. उक्त गांव में हमेशा पुलिस व नक्सली संगठन के बीच मुठभेड़ होती रहती है. यह क्षेत्र हमेशा खूनी जंग के लिए जाना जाता है. मुठभेड़ में गोली की तड़तड़ाहट की आवाज से ग्रामीण सहम जाते हैं. उक्त गांव के कई लोग गांव छोड़कर प्रतापपुर, चतरा समेत अन्य जगहों पर रहने को मजबूर है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें