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chaibasa news : ओडिशा के दो युवकों के लापता केस का खुलासा जल्द, साथी तीन युवकों के साथ घटनास्थल पर जायेगी पुलिस

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गोइलकेरा थाना से 200 मीटर दूर बेड़ाहुंदरु में ओडिशा के युवकों पर हुआ था हमला, घटना के दिन भागकर जान बचाने वाले तीन युवकों रविवार को पुलिस के समक्ष पहुंचे, उन्हें पहले सोनुआ लाया गया, इसके बाद दिनभर कुइड़ा सीआरपीएफ कैंप में रखा गया

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चाईबासा/चक्रधरपुर . गोइलकेरा से लापता मयूरभंज (ओडिशा) के दो युवकों (शेख सहदली व शेख नाजिर) का सुराग छठे दिन रविवार को भी पुलिस को नहीं मिल सका. सूत्रों के अनुसार, उक्त घटना गोइलकेरा थाना से महज 200 मीटर दूर बेड़ाहुंदरु गांव में हुई थी. पुलिस जल्द मामले का खुलासा कर सकती है. पुलिसिया जांच अंतिम चरण में है. दूसरी ओर, वाहन (स्कॉर्पियो) से भागकर जान बचाने वाले तीन युवक (लापता युवकों के साथ थे) रविवार को परिजनों के साथ पुलिस के समक्ष पहुंचे. परिजनों के मुताबिक, उनलोगों को पहले सोनुआ लाया गया. उसके बाद कुइड़ा सीआरपीएफ कैंप में देर शाम तक रखा गया. तीनों युवकों को घटनास्थल पर ले जाया जायेगा. इसके बाद पुलिस मामले का खुलासा कर सकती है.

आनंदपुर में पुलिस ने ग्रामीणों से किया संवाद, कहा- अफवाह में पड़कर कानून हाथ में न लें

आनंदपुर थाना क्षेत्र के सुदूर व नक्सल प्रभावित रोबोकेरा, हारता, रुंघीकोचा पंचायत के दर्जनों गांव में रविवार को पुलिस ने ग्रामीणों से संवाद किया. पुलिस पदाधिकारियों ने ग्रामीणों से कहा कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें. किसी तरह के गलत काम या कानून हाथ में न लें. किसी घटना या व्यक्ति पर संदेह हो, तो पुलिस को सूचित करें. मवेशी या पालतू जानवरों की चोरी होने पर पुलिस को बतायें. पुलिस-प्रशासन आपके सहयोग के लिए हमेशा तत्पर है.

नशे का सेवन और खरीद-बिक्री से बचें

पुलिस ने जोमत्री, हुटुटुवा, ऑनरकोचा, बोरोतिका, रंगामाटी, गुंडरी, हंसाबेड़ा, उर्मिंग, ओसंगी, रेंगोलडा, कादेदा, पुटूंगा, रोबोकेरा समेत कई गांव के डाकुवा व ग्रामीणों से बात की. उन्हें प्रशासनिक व्यवस्था पर विश्वास दिलाया. ग्रामीणों से संवाद के दौरान पुलिस ने नशे का सेवन और खरीद-बिक्री से बचने की सलाह दी.

अस्थायी कैंप बने, सुरक्षा बल तैनात

गुदड़ी घटना को लेकर आनंदपुर थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाके में सुरक्षाबलों की नियुक्ति की गयी है. यहां अस्थायी कैंप बनाये गये हैं. दूसरे जिलों से पुलिस पदाधिकारी व जवान मंगाये गये हैं.

पटरी पर लौटने लगी है गुदड़ी

दूसरी ओर, गुदड़ी में हालात सामान्य होने लगा है. प्रशासन की पहल के बाद सेंदरा अभियान समाप्ति पर है. पूर्व की तरह बसें व छोटे सवारी वाहन चलने लगे हैं. सूत्र बताते हैं कि निर्दोष ग्रामीणों को मारने की वजह से ग्रामीण उग्र हो गये थे. इसके कारण गांव-गांव में बैठक कर आंदोलन छेड़ा गया.

सेरेंगदा में ‘प्रशासन आपके द्वार’ आज, सांसद व विधायक रहेंगे मौजूद

गुदड़ी में शांति स्थापित करने की दिशा में उपायुक्त ने प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है. सोमवार को गोइलकेरा प्रखंड के सेरेंगदा में आम लोगों की समस्या के निवारण व परिसंपत्ति वितरण किया जायेगा. शिविर में करीब 18 विभागों के स्टॉल लगाये जायेंगे. इसके लिए आनंदपुर, गुदड़ी, गोइलकेरा, सोनुआ प्रखंड के मुंडा-मानकी व ग्रामीणों को सूचना दी गयी है. कार्यक्रम में सिंहभूम की सांसद जोबा माझी, मनोहरपुर विधायक जगत माझी मौजूद रहेंगे.

गोइलकेरा के घाटों से बालू लदे वाहन पार कराने को हर माह 7-8 लाख रुपये की उगाही, बालू घाटों की नीलामी नहीं होने से अवैध कारोबार तेजी से बढ़ा

झारखंड में बालू घाटों की नीलामी नहीं होने से अवैध खनन व परिवहन तेजी से बढ़ा है. इस अवैध कारोबार में माफिया की दखलंदाजी तेजी से बढ़ी. जानकारी के अनुसार, गुदड़ी, गोइलकेरा, मनोहरपुर आदि क्षेत्र में हर माह करोड़ों का अवैध कारोबार हो रहा है. सूत्रों के अनुसार, इसमें जिम्मेवारों का हिस्सा होता है. गोइलकेरा के भरडीहा, रायम, पोकाम, दलकी घाटों से हर माह 7-8 लाख रुपये बालू लदे वाहनों को पार करने के लिए उगाही होती है. आंकड़ों के मुताबिक, इन घाटों से चक्रधरपुर के 35 हाइवा व ग्रामीण क्षेत्र के करीब 70 से अधिक ट्रैक्टर जुड़े हैं. एक हाइवा बालू को पार कराने के लिए मासिक 15 हजार व ट्रैक्टर को मासिक 1500 रुपये बतौर इंट्री फीस ली जाती है.

गोइलकेरा के पांच घाटों से होता है उठाव

गोइलकेरा में मुख्य रूप से दलकी, पोकाम, भरडीहा, रायम और माराश्रम घाट से बालू का अवैध उठाव किया जाता है. इसमें ट्रैक्टर व हाइवा को प्रयुक्त किया जाता है. गांव के मजदूर भी बालू ढोने के काम में लगाये जाते हैं.

सोनुआ के ग्रामीण क्षेत्र से होकर चक्रधरपुर जाता है बालू

गोइलकेरा का बालू सोनुआ के ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए चक्रधरपुर तक जाता है. सोनुआ तक ट्रैक्टर व चक्रधरपुर तक हाइवा में ले जाया जाता है. ये बालू तीन हजार प्रति ट्रैक्टर से 30 हजार तक प्रति हाइवा में बिकता है. नजदीक के क्षेत्र में तीन हजार व अधिकतम तीस हजार तक कीमत मिलती है.

मनोहरपुर विस के बालू घाटों पर चक्रधरपुर के माफिया हावी

जानकारी के अनुसार, जब बालू घाटों की नीलामी होती थी, तब भी बालू का अवैध कारोबार होता था. इसमें माफियाओं का दखल नहीं था. ट्रक व ट्रैक्टर मालिक ही चालान में हेरफेर करते थे. जब बालू घाटों की नीलामी बंद है. माफिया की मनमानी बढ़ गयी है. इसमें सफेदपोश लोग जुड़े हैं. मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र के घाटों में सबसे अधिक चक्रधरपुर के बालू माफिया हावी रहे हैं. रात में हाइवा से धड़ल्ले से बालू उठाते हैं. रास्ते में कोई उन्हें रोकने वाला नहीं है, क्योंकि जिम्मेदार को मासिक राशि मिल जाती है.

बालू के अवैध कारोबार में बंपर कमाई देख नक्सलियों का प्रवेश हुआ

तीन साल पहले तक स्थानीय लोग बालू का उठाव घाटों से करते थे. उसके बाद से चक्रधरपुर के बालू माफिया का प्रवेश हुआ. हालांकि, माइनिंग विभाग की ओर से बीच-बीच में छापामारी कर बालू के कारोबार को नया मुकाम तक पहुंचाया गया. जब बालू में अवैध कमाई चरम पर आयी, तो नक्सलियों का प्रवेश हुआ. पहले बालू वाहनों से राशि वसूली की जाती थी. बाद में स्वयं नक्सली कारोबार में घुस गये. इसके बाद हत्याओं का दौरा शुरू हुआ.

गुदड़ी : बालू के अवैध कारोबारियों से हर माह लेवी वसूलते थे नक्सली, वर्ष 2023 में गुदड़ी में बालू घाट का टेंडर हुआ, लेकिन ठेकेदार को खनन आदेश नहीं मिला

गुदड़ी प्रखंड में बालू के अवैध कारोबार में वाहनों की संख्या बढ़ने पर नक्सलियों व उग्रवादियों ने लेवी वसूलना शुरू किया. बाद में वाहन मालिकों ने नक्सलियों से बात कर रेट तय किया. इससे बालू का अवैध कारोबार तेजी से फलने फूलने लगा. गुदड़ी में बाहर के वाहनों से बालू उठाव शुरू होने पर नक्सलियों की नजर माफियाओं पर पड़ी. इलाके में पूर्व से भाकपा माओवादी व पीएलएफआइ संगठन का वर्चस्व रहा है. संगठन का प्रभाव कम होने के बाद लेवी के पैसों की बंदरबांट के लिए खूनी जंग शुरू हो गयी.

गुदड़ी की लाइफलाइन कारो नदी के अस्तित्व पर खतरा

गुदड़ी की लाइफ लाइन कारो नदी का अस्तित्व अवैध खनन से खतरे में है. प्रतिदिन सैकड़ों वाहन में कारो नदी का सीना चीरकर बालू का उठाव किया जाता है. कार्रवाई नहीं होने से माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. गुदड़ी प्रखंड में बालू उठाव को लेकर वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने टेंडर निकाला था. इसके बावजूद अबतक खनन का आदेश ठेकेदार को नहीं मिला है.

नदी किनारे आधा दर्जन अवैध घाट बना हो रहा खनन

जिला मुख्यालय से 100 किमी दूर अतिदुर्गम सुदूरवर्ती गुदड़ी प्रखंड इन दिनों बालू के अवैध खनन को लेकर हो रही घटनाओं से चर्चा में है. यहां नदी किनारे अवैध रूप से आधा दर्जन घाट बनाकर सैकड़ों ट्रैक्टर व अन्य वाहनों से बालू उठाव कर बेचा जाता है. पुलिस भले ही क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने के लाख दावा कर ले, लेकिन हाल में गुदड़ी की घटना में राज्य में कानून व्यवस्था के ऊपर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.

सोनुआ-गुदड़ी सड़क बनने के बाद अवैध खनन बढ़ा

पूर्व में गुदड़ी प्रखंड जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था. इस कारण किसी की नजर इस ओर नहीं थी. कुछ साल पहले पथ निर्माण विभाग ने सोनुआ से गुदड़ी तक सड़क निर्माण किया. इसके बाद सोनुआ के साथ चक्रधरपुर के बालू माफियाओं की नजर पड़ी.

गुदड़ी के बालू की क्वालिटी बेहतर

बताया जाता है कि गुदड़ी के घाटों में अच्छे किस्म के बालू पाये जाते हैं. इसे लेकर अधिक मात्रा में अवैध खनन होता है. यहां के गिरू, कम्ररगाव, सेरेंगदा, माराश्रम, टोमडेल तक खनन किया जाता है. खनन विभाग चुप्पी साधे हुए है. इस कारोबार में बड़े बड़े सफेदपोश भी शामिल हैं. इस कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती है. राजनीतिक पहुंच के कारण माफिया आसानी से बच जाते हैं.

पिछले कुछ महीनों से पीएलएफआइ की मनमानी बढ़ी

पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के जेल जाने के बाद संगठन काफी कमजोर हो गया. पीएलएफआइ के जोनल कमांडर शनिचर सुरीन व एरिया कमांडर मंगरा के पुलिस द्वारा मारे जाने के बाद कई नेता भाग गये. कुछ दिनों पहले क्षेत्र में एक बार फिर पीएलएफआइ के कुछ दस्ते ने दस्तक देकर पुलिस को चुनौती दे डाली. आये दिन इस इलाके में नक्सली व उग्रवादी घटना को अंजाम देने लगे, लेकिन पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही थी. पिछले दिनों गुदड़ी थाना से महज एक किमी दूर में दो युवकों की हत्या घर में जाकर कर दी गयी. इसके अलावा यूपी के तीन फेरीवालों को लूटपाट कर मौत के घाट उतार दिया गया. इसे लेकर स्थानीय ग्रामीण एक बार फिर दहशत के साये में जीने लगे थे. इसके बाद ग्रामीणों ने पीएलएफआइ सदस्यों का सेंदरा करने का निर्णय लिया.

एक सप्ताह बाद भी मेरे भाई का पता नहीं, परिवार का बुरा हाल : शेख अखतर

चक्रधरपुर. विगत 9 दिसंबर को गोइलकेरा प्रखंड से लापता शेख शहदली व शेख नाजिर का एक हफ्ता के बाद भी पता नहीं चला है. प्राथमिकी दर्ज कराने वाले शेख अख्तर (शेख शहदली का भाई) ने रविवार को कहा कि दोनों युवकों कr गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद अबतक पुलिस ने हमें सूचना नहीं दी है. एक सप्ताह बीत चुका है. न युवकों का पता चला है, न स्कॉर्पियो वाहन की जानकारी है. हमारे घर के लोग बहुत परेशान हैं. महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों की पत्नी व बच्चे खाना पीना छोड़ चुके हैं. पूरा गांव और परिवार मातम में है. हमें दोनों की वर्तमान स्थिति की सूचना चाहिए. पुलिस से लगातार संपर्क में हैं. अंजुमन इस्लामिया चक्रधरपुर के अध्यक्ष सैयद शहजाद मंजर और उपसचिव मोहम्मद सद्दाम हुसैन भी लगातार पुलिस से संपर्क बनाये हुए हैं. रविवार की रात तक पुलिस की ओर से स्कॉर्पियो वाहन और लापता युवकों के संदर्भ में कुछ नहीं कहा जा रहा है. अगर वाहन जला दिया गया है, तो मलबा मिलना चाहिए था. कहीं छुपा दिया गया है, तो उसका सुराग मिलना चाहिए था. पुलिस हमें कोई सूचना नहीं दे रही है. हमारे परिवार वालों की दशा बिगड़ रही है. शेख अख्तर ने कहा कि रविवार को रायरंगपुर (ओडिशा) से परिवार के सदस्य आये थे. घटना के दिन वाहन में सवार तीन युवक भी गोइलकेरा पुलिस से मिलने गये.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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