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BOKARO NEWS : जब कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ डॉक्टरों ने किया था बेरमो में कैंप

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BOKARO NEWS : बेरमो के इंटक व कांग्रेस नेता और एकीकृत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व बिंदेश्वरी दुबे के खिलाफ 1977 के विधानसभा चुनाव के दौरान डॉक्टरों ने बेरमो में कैंप किया था.

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राकेश वर्मा, बेरमो

बेरमो के इंटक व कांग्रेस नेता और एकीकृत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व बिंदेश्वरी दुबे के खिलाफ 1977 के विधानसभा चुनाव के दौरान डॉक्टरों ने बेरमो में कैंप किया था. जानकारी के अनुसार 11 अप्रैल 1975 को बनी डॉ जगन्नाथ मिश्र सरकार में बिंदेश्वरी दुबे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री थे. उन्होंने सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करा दी थी. इससे डॉक्टर इस कदर नाराज हो गये थे कि चुनाव में बेरमो के कांग्रेस प्रत्याशी बिंदेश्वरी दुबे को हराने के लिए बेरमो में कैंप किया था. रांची के प्रसिद्ध न्यूरो चिकित्सक डॉ केके सिन्हा भी शामिल थे. इस चुनाव में बिंदेश्वरी दुबे जनता पार्टी के मिथिलेश सिन्हा से करीब 3600 वोटों के अंतर से पराजित हुए थे.

मालूम हो कि बिंदेश्वरी दुबे बेरमो से पांच बार विधायक रहे थे. 1952 के उपचुनाव में कांग्रेस ने बिंदेश्वरी दुबे को टिकट दिया और वह पहली बार विधायक बने. 1957 के अगले चुनाव के पहले परिसीमन में पेटरवार का नाम बदल कर बेरमो हो गया. बेरमो सीट के लिए हुए पहले चुनाव में महाराज के संबंधी ठाकुर ब्रजेश्वर प्रसाद सिंह से बिंदेश्वरी दुबे हार गये. 1962 में उन्होंने ठाकुर ब्रजेश्वर प्रसाद सिंह को, 1967 में एनपी सिंह को, 1969 में जमुना सिंह को और 1972 में रामदास सिंह को हराया. इमरजेंसी के बाद 1977 के चुनाव में वह जनता पार्टी के मिथिलेश सिन्हा से हार गये. इसके बाद उन्होंने बेरमो सीट से चुनाव नहीं लड़ा. वर्ष 1980 में गिरिडीह संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा तथा भाजपा के रामदास सिंह को पराजित कर सांसद बने. 1985 के विधानसभा चुनाव में बिहार के शाहपुर से चुनाव लड़ कर जीते और 12 मार्च 1985 से 13 फरवरी 1988 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. 1988 में वह राज्य सभा सांसद बने. इसके बाद राजीव गांधी की सरकार में केंद्रीय श्रम व कानून मंत्री बने.

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