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कोलकाता के बाजारों में चढ़ी बोकारो के तरबूज की मिठास, बंजर भूमि में ऐसे हुई थी शुरुआत

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राजू महतो जो कि बैंकिंग सेक्टर में काम करते हैं उनके तरबूज की मिठास अब कोलकाता के बाजारों में भी पहुंच चुकी है, कोरोना के कारण उन्हें भारी नुकसान हुआ था लेकिन उन्होंने बिना हार मानें इस काम को फिर से अंजाम दिया

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रिपोर्ट- नागेश्वर कुमार

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बोकारो : बोकारो के गोमिया प्रखंड में उपजा तरबूज की मिठास अब कोलकात्ता के बाजारों में चढ़ने लगी है. ये मीठे तरबूज एक बंजर भूमि की पैदावार है, जिसके संचालक हैं राजू महतो. जो अभी बैंकिंग सेक्टर में कार्यरत हैं. इस काम अंजाम तक पहुंचाने में उनकी पत्नी निशा रानी का भी बड़ा योगदान है. लेकिन ये सफर इतना असान नहीं था. इस काम को शुरू करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

राजू महतो ने अपने सफर के बारे में बताया कि साल 2019-20 में उन्होंने एक बंजर पड़ी जमीन को लीज पर लेकर तरबूज, खीरा, भींडी, टमाटर मिर्च इत्यादि की खेती शुरू की. इसकी सबसे बड़ी वजह थी उनके भाई की आर्थिक हालात. जो एक प्राइवेट सेक्टर में काम करता था. कम वेतनमान को देखते हुए राजू ने उन्हें तरबूज और सब्जियों की खेती करने के लिए प्रेरित किया जिसमें उसकी हर संभव मदद करने का वचन दिया.

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पैदावार तो अच्छी हो गयी लेकिन कोरोना के कारण बाजार की मंदी ने इसे अपनी चपेट में ले लिया और बारिश के कारण 80 टन तरबूज बर्बाद हो गया. इससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी फिर से इस काम में जुट गया. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि इस साल 75 से 80 टन तरबूज की उपज होगी.

राजू बताते हैं कि फसल खराब हो जाने से उन्हें काफी नुकसान हुआ. पैसे की कमी के कारण उन्हें बैंक से लोन भी लेना पड़ा जिसका भुगतान अब भी बाकी है. खेती के काम का जिम्मा उनके दो भाई रंजन महतो और अशोक महतो पर है. कृषि विभाग के सहयोग से डीप बोरिंग हुई है जिससे खेत की सिंचाई होती है. उनके इस काम से गांव के तकरीबन 20-25 लोगों को रोजगार मिला है.

राजू का प्रयास है कि वे गांव के अन्य लोगों को भी प्रेरित कर सकें ताकि वो और अत्याधुनिक तरीके से खेती कर सकें. आगे की योजना के बारे उन्होंने बताया कि वो मुर्गी पालन और बकरी पालन की दिशा में आगे बढ़ने की कोशिश में हैं

Posted By: Sameer Oraon

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