Bokaro News : प्रसूता के सिजेरियन डिलेवरी में लापरवाही बरतने और रेफर के बाद नवजात की मौत के मामले की जांच रिपोर्ट के लिए एक दिन और इंतजार करना पड़ेगा. चिकित्सकों की चार सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन का नहीं सौंपी है. घटना के बाद सिविल सर्जन ने जांच के लिए मंगलवार की शाम को एसीएमओ डॉ एचके मिश्रा के नेतृत्व में डीआरसीएचओ डॉ सेलिना टुडू, डीटीओ डॉ एसएम जफरूल्लाह, डीएलओ डॉ सुधा की चार सदस्यीय टीम गठित की है. टीम को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था. टीम ने महिला शमा परवीन का सिजेरियन करने व इलाज करने वाली महिला चिकित्सक, ड्यूटी में तैनात नर्स, ओटी असिस्टेंट सहित सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के बयान को दर्ज कर लिया है, लेकिन शिकायतकर्ता ने अभी अपना बयान लिखित तौर पर पूरा नहीं दिया है. इसलिए कमेटी को रिपोर्ट तैयार करने में दिक्कत हो रही है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने कहा कि कमेटी अपनी रिपोर्ट गुरुवार को सौंपेगी.
क्या है मामला :
भर्रा निवासी सरफराज आलम अंसारी ने अपनी पत्नी शमा परवीन की बीते तीन दिसंबर को सदर अस्पताल की ओपीडी में जांच करायी थी. इलाज करने वाली डॉ रेखा ने छह दिसंबर को नॉर्मल डिलेवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था. छह दिसंबर को पत्नी को लेकर सदर अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचे तो उस समय भर्ती नहीं लिया गया. जब पत्नी के पेट में काफी ज्यादा दर्द होने लगा, तो आठ दिसंबर को प्रसूता का सिजेरियन कर दिया गया. सिजेरियन के बाद बच्चे के मुंह में गंदगी चले जाने की बात कही गयी. उसके बाद नवजात को बोकारो जनरल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. बीजीएच जाने पर उसकी मौत हो गयी. दो दिन बाद यानी 10 दिसंबर को परिजनों व उनके समर्थकों ने सदर अस्पताल पहुंच कर चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. पुलिस हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. बाद में गुस्साए लोगों ने उकरीद बस्ती के समीप सड़क जाम कर दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है