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BOKARO NEWS : 1953 में बोकारो थर्मल पावर प्लांट का उद्घाटन करने आये थे पं नेहरू

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BOKARO NEWS : बोकारो थर्मल में एशिया महादेश का पहला बहुउद्देशीय पावर प्लांट बना था. प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसका उद्घाटन 21 फरवरी 1953 को किया था.

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राकेश वर्मा, बेरमो : बेरमो कोयलांचल अंतर्गत बोकारो थर्मल में एशिया महादेश का पहला बहुउद्देशीय पावर प्लांट बना था. स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसका उद्घाटन 21 फरवरी 1953 को किया था. इस प्लांट को यूएसए तथा वेस्ट जर्मनी के कोलेबरेशन से भारत ने बनाया था. इस प्लांट की एक नंबर यूनिट से 57.5 मेगावाट, दो नंबर यूनिट से 67.5 मेगावाट तथा तीन नंबर यूनिट से 57.5 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने की क्षमता थी. बाद के वर्षों में 75 मेगावाट की चार नंबर यूनिट अस्तित्व में आयी थी. 17 जुलाई 2000 को किसी कारण (प्रदूषण नियंत्रण मानक को पूरा नही करने के कारण) से इस प्लांट को बंद कर दिया गया. बीटीपीएस के पुराने ए प्लांट के स्थान पर भेल कंपनी ने करीब चार हजार करोड़ रुपये की लागत से 500 मेगावाट क्षमता का नया ए प्लांट बनाया. वर्ष 2011 से इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ. 22 फरवरी 2017 की रात 12 बजे से इस नये प्लांट से विद्युत उत्पादन शुरू हो गया. हालांकि अभी भी पूरी तरह से पुराने ए प्लांट का अस्तित्व बरकरार है. भित्ति चित्र को लेकर बढ़ायी गयी थी तिथि कहते हैं जब बीटीपीएस का ए प्लांट बन कर तैयार हो गया था, लेकिन प्लांट में भीति चित्र का निर्माण समय पर पूरा नहीं हो पाया था. इसके कारण पं नेहरू ने प्लांट के उद्घाटन की तिथि बढ़ा दी थी. बोकारो थर्मल निवासी शांति निकेतन कोलकाता से जुडी चित्रकार विनीता बंधोपाध्याय ने बताया कि शांति निकेतन कला भवन, कोलकाता के निदेशक रहे नंदलाल बोस ने ए प्लांट में भित्ति चित्र का ले-आउट तैयार किया था, जिसे सुरेंद्र नाथ कौर ने प्लांट में उकेरा था. पं नेहरू ने देखने के बाद इसे सराहा था. भित्ति चित्र में एकीकृत बिहार-झारखंड की संस्कृति को दर्शाया गया था. एक पुरुष व महिला को टोकरी लिये हुए भी दिखाया गया था. पांच महिलाओं का आकर्षक चित्र बनाया गया था, जिसे पंच सखी कहा गया. माली को दे दिया था अपना मेड इन यूएसए रेजर स्पेशल सैलून से बोकारो थर्मल आने के बाद पंडित नेहरू ने प्लांट परिसर में एक साधारण से स्टूल पर बैठ कर सभा को संबोधित किया था. पं नेहरू बोकारो थर्मल के गेस्ट हाउस में रुके थे. उस वक्त गेस्ट हाउस में माली बोधी राम माली थे. बगान घूमने के दौरान जब बोधी राम को पं नेहरू ने बुलाया तथा पूछा कि इतनी दाढ़ी क्यों बढ़ा रखी है? माली ने कहा कि गांव में 10-15 दिनों में एक बार ठाकुर आता है. इसके बाद पं नेहरू ने अपना मेड इन यूएसए रेजर बक्से समेत बोधी राम को दे दिया. रेजर प्लेटिनम का था. उसे आज भी बोधी राम माली के परिवार ने सहेज कर रखा है. बोधी राम का परिवारगोविंदपुर एफ पंचायत के लहेरियाटांड़ में वर्ष 1949 में हजारीबाग के कटकमसांडी के बांका से आया था. बोधी राम 1974 में डीवीसी से सेवानिवृत्त हुए थे. उनके पुत्र देवनारायण प्रसाद भी डीवीसी बोकारो थर्मल में कार्यरत थे और वर्ष 2011 में सेवानिवृत्त हुए. देवनारायण प्रसाद के एक भाई भीम प्रजापति डीवीसी में ही सप्लायर है तथा एक भाई कृष्णा प्रजापति सीसीएल में सेवारत है. देवनारायण प्रसाद के पुत्र गुलाबचंद्र प्रजापति दामोदर बचाओ अभियान से जुड़े हैं.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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