28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बोकारो की डॉ आशा रानी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से किया सम्मानित

Advertisement

शिक्षिका डॉ आशा रानी ने विद्यालय में अध्ययनरत खोरठा, कुरमाली व बांग्ला पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को कहानी, नाटक व विविध प्रतियोगिता के जरिए संस्कृत का ज्ञान दिया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले देशभर से 50 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 से सम्मानित किया. इसी क्रम में झारखंड (बोकारो) जिला के प्लस टू हाई स्कूल चंदनकियारी की संस्कृत की शिक्षिका डॉ आशा रानी भी सम्मानित हुईं.

- Advertisement -

संस्कृत को बना रही लोकप्रिय

डॉ आशा रानी संस्कृत श्लोक और गीतों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करती हैं और आइसीटी का प्रयोग कर संस्कृत को लोकप्रिय बना रही हैं. विद्यार्थियों को संस्कृत विषय में दक्ष बनाने के लिए डॉ आशा रानी ने चुनौतियों को अपनाकर स्थानीय भाषाओं में संस्कृत के मिलते- जुलते शब्दों के जरिये संस्कृत पढ़ाना सिखाया और इसके बाद गीत, नाटक, खेल, श्लोक के माध्यम से भी बच्चों में संस्कृत के प्रति रुचि जागृत करने के लिए दिया गया.

संस्कृत भाषा से बच्चों का हुआ जुड़ाव

भाषा की समझ व ज्ञान से ही मौलिक चिंतन की अभिव्यक्ति सही तरीके से की जा सकती है. साथ ही उत्तर मौलिक होता है. इसलिए विद्यार्थियों को भाषा का सही ज्ञान होना चाहिए. शिक्षिका डॉ आशा रानी ने भी इसी दिशा में काम किया और इस विद्यालय में अध्ययनरत खोरठा, कुरमाली व बांग्ला पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को कहानी, नाटक व विविध प्रतियोगिता के जरिए संस्कृत का ज्ञान दिया. इन्होंने अभिनव प्रयोग कर विद्यार्थियों को संस्कृत का सही ज्ञान दिया. उनके प्रयास से घर में बांग्ला, कुरमाली व खोरठा बोलने वाले बच्चों का संस्कृत से जुड़ाव हुआ. वे संस्कृत के माध्यम से न केवल बेहतर तरीके से अपने विचार की अभिव्यक्ति करते हैं अपितु प्रतियोगिता में भाग लेकर स्वयं की क्षमता का आंकलन भी करते हैं. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के प्रजेंटेशन में चयनकर्ताओं का इनका तरीका पसंद आया.

अभिनव प्रयोग पर दिया बल

डॉ आशा ने कक्षा में बच्चों का आंकलन करते हुए इन्हें विभिन्न ग्रुप में विभाजित किया. जिन बच्चों को संस्कृत बोलने व लिखने में परेशानी होती है. वे इन बच्चों को अतिरिक्त कक्षा में संस्कृत पढ़ती हैं. उन्होंने रेगुलर कक्षा से अलग अभिनव प्रयोग पर बल दिया. कहानी व नाटक के माध्यम से बच्चों को संस्कृत बोलने की कला सिखाई. वहीं वाद-विवाद व निबंध प्रतियोगिता के जरिए व्याकरण के सही प्रयोग का तरीका बताया. खेल-खेल में बच्चों को संस्कृत के प्रयोग का आसान तरीका बताया. वे 2012 से ही इस विद्यालय में बच्चोें को संस्कृत का ज्ञान दे रही हैं. इसके पहले भी विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित रही डॉ आशा रानी ने संस्कृत में विधार्थी को दक्ष बनाया.

Also Read: Teachers Day Special: शिक्षा के सच्चे साधक के रूप में जाने जाते थे शिक्षक अरुण कुमार मुखर्जी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें