बोकारो : मशहूर गज़ल गायक पंकज उधास के निधन पर बोकारो में भी शोक की लहर है. बोकारो के कलाकारों ने भी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके निधन को संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है. 2010 में पंकज उधास के साथ ”चिठ्ठी आई है आई है…” गीत के साथ बोकारो झूमा था. सेल स्थापना दिवस पर 24 जनवरी को बोकारो क्लब सेक्टर 05 में पंकज उधास संध्या का आयोजन हुआ था. बोकारो स्टील प्लांट की ओर से आयोजन किया गया था. तब वीके श्रीवास्तव बीएसएल के प्रबंध निदेशक थे.
बीएसएल-जनसंपर्क विभाग के पूर्व कर्मी सह राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी शुभनित भटनागर ने सोमवार को बताया :
पंकज उदास की अगवानी करने का मौका मिला था. वह व्यावहारिक लगे. उनकी बोली में जो मिठास थी, वह आज भी याद है. कहा था : बोकारो बहुत अच्छा शहर है. गायक अरुण पाठक ने बताया : कार्यक्रम के बाद उनसे मिलने व बातचीत का अवसर भी मिला था. संगीत व गज़ल गायकी पर उनसे काफी सारी बातें हुई थी. आज भी उनसे मुलाकात की बातें ताज़ी हैं. यूं लग रहा है, जैसे कल की ही बातें हों. उनके यूं चले जाने से मन उदास है.
सुमधुर प्रस्तुति से जीत लिया था दिल :
बीएसएल की ओर से बोकारो क्लब में आयोजित संगीत संध्या में पंकज उधास कार्यक्रम प्रस्तुत करने बोकारो आये थे. उन्होंने ‘चांदी जैसा रंग है तेरा…’, ‘निकलो ना बेनकाब जमाना खराब है…’, ‘चिठ्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है…’ आदि की सुमधुर प्रस्तुति से बोकारो वासियों का दिल जीत लिया था.
जताया शोक :
पंकज उधास के निधन पर संगीतज्ञ पं राणा झा, डॉ राकेश रंजन, पं बच्चनजी महाराज, धनंजय चक्रवर्ती, जगदीश बाबला, अमरजी सिन्हा, विक्की आनंद पाठक, राकेश सिंह, निमेष राठौर, भास्कर रंजन डे, मनोज कुमार, रंजू सिंह, प्रसेनजीत शर्मा, करिश्मा प्रसाद, रंजना राय, रमण चौधरी, विजय झा, प्रमोद कुमार, दीपक झा, रुपक झा, नरेश कुमार सिन्हा, अरुण कुमार, अर्चना कुमारी, संजीव मजुमदार, बलराम मजूमदार आदि ने शोक संवेदना व्यक्त की है.