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बोकारो में धांधली पकड़े जाने के बाद दोबारा ऑनलाइन ली गयी थी जूनियर ऑफिसर्स परीक्षा

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बीएसएल प्रमोशन घोटाला : दिसंबर 2023 में परीक्षा पॉलिसी में किये गये थे पांच बड़े बदलाव

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बोकारो. जूनियर ऑफिसर्स परीक्षा-2022 में बोकारो में धांधली पकड़े जाने के बाद दोबारा ऑनलाइन परीक्षा करायी गयी थी. पहली बार लिखित परीक्षा हुई थी. इसके बाद दिसंबर 2023 में परीक्षा की पॉलिसी में पांच बड़े बदलाव किये गये थे. सेल प्रबंधन की ओर से इससे संबंधित सर्कुलर जारी कर इन पांच बदलावों को जूनियर ऑफिसर्स परीक्षा की पॉलिसी में पहली बार शामिल किया गया था. पहले बदलाव यह था कि सेल के सभी कर्मचारियों को कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा देनी थी. परीक्षा के पहले प्रबंधन को कर्मी से नो ऑब्जेक्शन लेना था, इसमें तय था कि संबंधित व्यक्ति किसी भी प्लांट में ट्रांसफर होने पर कोई परेशानी नहीं करेगा. यहां उल्लेखनीय है कि ट्रांसफर की बात पॉलिसी में थी, लेकिन नो ऑब्जेक्शन का प्रावधान पहली बार इसमें शामिल किया गया था. पहले परीक्षा में लेंथ ऑफ सर्विस, इंटरव्यू व ग्रेड पैमाना था. अब उम्र को भी शामिल किया गया, यानी जिसकी उम्र ज्यादा होगी, उसको मौका मिलेगा.

ग्रेडिंग सी होने पर डीबार करने का था नियम

सेल प्रबंधन के सर्कुलर में कहा गया था कि कर्मी के परफॉर्मेंस को लेकर अगर उसे बी रेटिंग से कम मिलता है, तो वह पात्र नहीं माना जायेगा. इतना ही नहीं किसी भी साल सी ग्रेड मिल गया, तो उसे डीबार किया जाना था. परीक्षा में अगर नकल या इंटरव्यू में तकरार का दोषी पाये जाने पर दो बार के लिए डिबार करना तय था.

सोशल मीडिया पर वायरल सीबीआई की चार्जशीट को ले चर्चा

सोशल मीडिया पर सीबीआइ की चार्जशीट के वायरल होने के बाद चर्चा का दौर जारी है. इसमें तत्कालीन डायरेक्टर पर्सनल का नाम है, तो स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (सेफी) के एक अधिकारी का भी नाम अंकित है. आरोप है कि लिखित परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों से काफी पैसा वसूला गया. कुछ यूनियन नेताओं के नाम की भी चर्चा है. दरअसल, यह गड़बड़ी सिर्फ बोकारो में ही नहीं, भिलाई, राउरकेला व दुर्गापुर में भी हुई.

चास के जीजीइएस को परीक्षा के लिए बनाया गया था सेंटर

बोकारो स्टील प्लांट के अधीन काम करने वाले कर्मियों के लिए जीजीइएस चास को सेंटर के रूप में प्रबंधन ने चुना था. परीक्षा छह नवंबर 2022 को आयोजित हुई. 19 दिसंबर 2022 को इसका परिणाम भी जारी कर दिया गया. जब बीएसएल के तत्कालीन सीजीएम पवन कुमार को इस परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जानकारी मिली, तो उन्होंने पूरे प्रकरण की जानकारी सेल चेयरमैन को लिखित रूप में दी.

अब तक किसी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं होना चर्चा का विषय

छह नवंबर 2022 को बोकारो स्टील प्लांट सहित पूरे सेल में आयोजित जूनियर ऑफिसर्स की परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार मामले में अब तक किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई है. जिस अधिकारी के जिम्मे पूरी परीक्षा थी, वैसे अधिकारी को भी जांच से दूर रखा गया है. यही नहीं परीक्षा में भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले बीएसएल के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक पवन कुमार को दूसरे प्लांट में ट्रांसफर कर दिया गया. कुछ कर्मियों की माने तो उक्त परीक्षा में सभी सीटें पूर्व से ही तय कर ली गयी थीं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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