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झारखंड : इन तीन आदिवासी गांवों में ग्रामीण नहीं मनाएंगे दिवाली, जानें क्या हैं कारण

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झारखंड के बोकारो जिले में तीन आदिवासी गांव ऐसे हैं, जहां ग्रामीण दिवाली नहीं मनाएंगे. इन गांवों के नाम हैं, बिरहोर डेरा, काशीटांड़ और असनापानी. ग्रामीणों ने दिवाली नहीं मनाने की जो वजह बताई है, वो वाकई चिंताजनक है.

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ललपनिया, नागेश्वर : बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड अंतर्गत‌ सियारी पंचायत में नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल तीन गांव ऐसे हैं, जहां ग्रामीण दीपावली नहीं मनायेगें. इस सबंध में जब ग्रामीणों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि दीपावली अंधेरे को उजाला करने का त्योहार है. लेकिन हमारे गांव बिरहोर डेरा और काशीटांड़ में बीते चार सालों से बिजली नहीं है. जबकि असनापानी गांव में आजादी के 75 साल गुजरने के बाद भी बिजली नहीं पहुंची है. ग्रामीणों ने बताया कि इस संबध में स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, वर्तमान सांसद को जानकारी दी गयी है, लेकिन आजतक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है और हम सभी रात के अधेंरे में जीवन गुजार रहे हैं.

दस किलोमीटर की दूरी पर है तेनुघाट विद्युत थर्मल पावर स्टेशन परियोजना

ग्रामीणों ने कहा कि हमारे गांव के दस किलोमीटर की दूरी पर टीटीपीएस परियोजना है. यहां उत्तपादित बिजली से पूरे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोशनी और चकाचौंध है. दिवाली में तीनों आदिवासी गांव में बिजली नहीं जल रही है, एसे में हम दीपावली कैसे मनाएं, मिट्टी तेल भी नहीं मिलता, अगर कहीं मिलता भी है तो इतना महंगा कि मिट्टी तेल खरीद नहीं सकते. ऐसे में हम दीये भी नहीं जला पाते. ग्रामीणों ने कहा हम सभी आदिवासी परिवार के बच्चे बिजली नहीं रहने से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. जिला प्रशासन व सरकार विकास के नाम पर विभिन्न क्षेत्रों में विकास किया जा रहा है, लेकिन ना जाने सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्र के प्रति रुचि नहीं लिया जा रहा है, जो काफी चिंताजनक बात है. गांव की महिला तालो देवी, रुकमणी देवी, बड़की देवी, रामेश्वर मांझी, बहाराम मांझी, श्याम लाल सोरेन, लेदो माझी, ढेना मांझी, सोधन मांझी, राजेंद्र मांझी, भादो मांझी, महावीर मांझी समेत सभी ग्रामीणों ने सरकार से तीनों गांवों में बिजली बहाल कराने की मांग की है.

पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ग्रामीणों के साथ दिवाली मनाने पहुंचेगें गांव

तीनों गांव में दीपावली नहीं मनाये जाने की सूचना पर गोमिया के पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ने कहा दीपावली खुशी का त्योहार है. ऐसे में वे बिरहोर डेरा, काशीटांड़ और असनापानी गांव के ग्रामीणों के साथ दीपावली मनाने गांव पहुंचेगे. उन्होंने कहा कि दिपावली के बाद ग्रामीणों को वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास ले जाएंगे.

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