27.1 C
Ranchi
Tuesday, February 25, 2025 | 02:39 pm
27.1 C
Ranchi
Please configure the plugin settings with your API key and channel ID.

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मध्य दुर्गा मंदिर गोमिया बस्ती में 1885 से हो रही दुर्गा पूजा

Advertisement

BOKARO NEWS : गोमिया प्रखंड में दस से ज्यादा स्थानों पर दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. मध्य दुर्गा मंदिर गोमिया बस्ती में वर्ष 1885 से दुर्गा पूजा हो रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

राकेश वर्मा, बेरमो : गोमिया प्रखंड में दस से ज्यादा स्थानों पर दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. क्षेत्र के कई दुर्गा मंदिर वर्षों पुराने हैं. मुख्य रूप से आइइएल, स्वांग कोलियरी, मध्य दुर्गा मंदिर गोमिया बस्ती तथा काली मंडप गोमिया बस्ती में पूजा होती है. मध्य दुर्गा मंदिर गोमिया बस्ती में वर्ष 1885 से दुर्गा पूजा हो रही है. यहां पूजा शुरू कराने वाले लोगों में शुरुआती दौर के बाद के वर्षों में स्व महावीर महतो, स्व रघुनाथ प्रसाद अग्रवाल, प्रमुख स्व. सीताराम सहित कई लोग शामिल थे. काली मंडप गोमिया बस्ती में 1890 से पूजा हो रही है. यहां पूजा शुरू कराने में स्व सुंदर लाल नायक सहित कई लोग शामिल थे. सीसीएल के स्वांग कोलियरी में 70 के दशक में पूजा की शुरुआत हुई. यहां पूजा शुरू कराने में स्व रामबदन त्रिपाठी, स्व सोमेन बनर्जी, विजयानंद प्रसाद आदि थे. आइइएल, गोमिया में 1958 से पूजा की शुरुआत हुई. यहां पूजा शुरू कराने में काशीनाथ यादव, कपिल मुनी, रामधारी सिंह, स्व रामधनुष सिंह यादव की भूमिका रही. साड़म सार्वजनिक दुर्गा पूजा रेवारी पटवा समाज के द्वारा डेढ़ साल से अधिक समय से आयोजन किया जा रहा है. प्रसादी साव, गया साव, तोतराज साव वर्षों पहले यहां पूजा किया करते थे, उक्त पूजा का लाइसेंस नंदकिशोर प्रसाद के नाम से था. उनके निधन के बाद श्रीकांत प्रसाद के नाम से लाइसेंस बना. इसके अलावा गोमिया के होसिर लरैयाटांड़ में 125 वर्षों से दुर्गा पूजा हो रही है. पूजा शुरू कराने में लीलू पटवा, धर्मनाथ पटवा, प्रेमनारायण प्रसाद, बैकुंठ प्रसाद, बागेश्वरी प्रसाद आदि की भूमिका अहम थी. बंगाली टोला साड़म में दो जगह में मूर्ति पूजा होती है, एक सार्वजनिक व दूसरा अन्य लोग करते हैं. यहां डेढ़ सौ वर्षों से अधिक समय से पूजा हो रही है. होसिर में दुर्गा पूजा डेढ़ सौ वर्षों से ठाकुर परिवार के सहयोग से हो रही है, जिसमें सभी ग्रामीणों का सहयोग रहता है. रूप मंगल देव द्वारा पूजा शुरू की गयी थी. बताया गया कि जब पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा शुरू हुई, तभी से यहां पूजा की जा रही है. तुलबल में भी भव्य रूप से पूजा का आयोजन होता है.

कथारा व जारंगडीह में चार स्थानों पर होती है पूजा

कथारा मुख्य चौक स्थित मंडप में वर्ष 1964 से पूजा हो रही है. यहां आरएन झा, आरएन शर्मा, बीएन साहा, पीपी घोष आदि ने पूजा शुरू करायी थी. बाद में नागनाथ तिवारी, एच अधिकारी, आशीष चक्रवर्ती, राजेंद्र सिंह, हरिशचंद्र सिंह भी पूजा में सक्रिय योगदान शुरू किया. पहले यहां साड़ी का घेरा बना कर प्रतिमा स्थापित की जाती थी. बाद में इसे मंडप का रूप दिया गया. कथारा चार नंबर में वर्ष 1964 से पूजा शुरू हुई. केएल राय, ईश्वरी प्रसाद सिंह, राजाराम सिंह आदि ने पूजा शुरू करायी थी. कथारा की बांध कॉलोनी में वर्ष 1993 से दुर्गा पूजा हो रही है. यहां सुर्वपत सिंह, बीडी हजाम, सोना कमार, ललन सिंह, विश्वनाथ सिंह, बैजनाथ सिंह, तुलसी राम आदि की सक्रिय भूमिका रही थी. कथारा से सटे जारंगडीह में वर्ष 1960 से पूजा हो रही है. पूजा शुरू कराने में एन मल्लिक, तुलसी दास, सुनील सेन गुप्ता, हीरालाल बाबु, अनिल दास गुप्ता ने अहम भूमिका निभायी थी.

बोकारो थर्मल में तीन स्थानों पर पूजा में उमड़ती है भीड़

बोकारो थर्मल स्थित स्टेशन क्लब में वर्ष 2000 से पूजा शुरू हुई. यहां पूजा शुरू कराने में डीवीसी बोकारो थर्मल के तत्कालीन मुख्य अभियंता अमरनाथ मिश्रा, आरसी प्रसाद सहित कई अधिकारी शामिल थे. बोकारो क्लब में वर्ष 1951 से दुर्गा पूजा की जा रही है. पहले गोलघर के पास पूजा की जाती थी. यहां पूजा शुरू कराने में हरवंश भाटिया, झगन सिंह, पकड़ सिंह सहित कई लोग शामिल थे. यहां भव्य मेला भी लगता है तथा धूप नृत्य प्रतियोगिता होती है. बोकारो थर्मल स्थित पंच मंदिर में वर्ष 1954 से दुर्गा पूजा हो रही है. यहां परमानंद त्रिपाठी ने पूजा शुरू करायी थी. इसके बाद कामता प्रसाद, आरपी झा सहित कई लोग सक्रिय भूमिका निभाने लगे.

तेनुघाट एफ टाइप चौक में होता है रावण दहन

तेनघाट एफ टाइप चौक में वर्ष 1964 से पूजा हो रही है. विशेश्वर मिश्र, बलदेव मिश्र, मुंडेश्वर सिंह, पवन सिंह आदि ने यहां पूजा शुरू करायी. यहां विजयादशमी के दिन रावण दहन होता है. तेनुघाट स्थित छाता चौक में वर्ष 1984 से पूजा हो रही है. यहां पूजा शुरू कराने वालों में वंशीधर पाठक, त्रिभुवन सिंह, हेमंत कुमार महतो, आरएन तिवारी आदि मुख्य रूप से शामिल थे. इसके अलावा तेनुघाट बड़ा चौक, मार्केट, तेनुघाट 2 नंबर में वर्षों से दुर्गा पूजा हो रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर