23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jharkhand News : 15 माह से बंद है BCCL की दुगदा कोल वाशरी, पावर कोल का उत्पादन ठप, हर माह करोड़ों का घाटा

Advertisement

Jharkhand News : बोकारो जिले के बेरमो अनुमंडल स्थित बीसीसीएल की दुगदा कोकिंग कोल वाशरी पिछले 15 माह से बंद पड़ी है. यहां से वॉश्ड कोल तथा पावर कोल का उत्पादन पूरी तरह से ठप है. प्रबंधन का कहना है कि डीएमओ (माइनिंग चलान) के कारण ही वाशरी से उत्पादन बंद है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News : बोकारो जिले के बेरमो अनुमंडल स्थित बीसीसीएल की दुगदा कोकिंग कोल वाशरी पिछले 15 माह से बंद पड़ी है. यहां से वॉश्ड कोल तथा पावर कोल का उत्पादन पूरी तरह से ठप है. प्रबंधन का कहना है कि डीएमओ (माइनिंग चलान) के कारण ही वाशरी से उत्पादन बंद है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस वाशरी को कोकिंग कोल (रॉ कोल) की आपूर्ति ही पूरी तरह से बंद हो गयी है. वाशरी को जिस ग्रेड की कोयले की आवश्यकता है, वह नहीं मिल पा रहा है.

- Advertisement -

माइनिंग चालान लगने से शुरू हुई परेशानी : प्रबंधन सूत्रों का कहना है कि पहले इस वाशरी में रेल से जो कोयला आता था, उसमें माइनिंग चालान नहीं लगता था, लेकिन पिछले दो-ढाई साल से डीएमओ लागू कर दिया गया है. अब वाशरी के स्लरी व स्टॉक से भी रॉयल्टी की मांग की जाती है. जानकारी के अनुसार किसी भी कोल वाशरी में पहले यह नियम था कि वाशरी में जो रॉ कोल आयेगा, उसमें रॉयल्टी लगती थी, लेकिन जब से माइनिंग चालान शुरू हुआ, तब से प्रबंधन को परेशानी झेलनी पड़ रही है. दूसरी ओर मिली जानकारी के अनुसार पहले इस वाशरी को बीसीसीएल के भौंरा, एरिया नंबर-12 तथा सिजुआ से रेल मार्ग से कोकिंग कोल की आपूर्ति की जाती थी. करीब रोजाना 3 हजार टन कोकिंग कोल यहां रेल ट्रांसपोर्टिंग के जरिये आता था. इसमें से लगभग 12 सौ टन वॉश्ड कोल तथा शेष पावर कोल का उत्पादन के बाद यहां से विभिन्न स्टील प्लांट तथा पावर प्लांटों को कोल डिस्पैच किया जाता था. वर्ष 2019 के बाद से इस वाशरी की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती चली गयी. अब वाशरी को कोकिंग कोल मिलना ही बंद हो गया है. इसके अलावा सीटीओ (कंसेट टू ऑपरेट) के कारण भी कई माह तक यह वाशरी बंद रही. प्रबंधन के अनुसार फिलहाल सीटीओ मिल गया है.

1962 से दुगदा कोल वाशरी से शुरू हुआ उत्पादन : मिली जानकारी के अनुसार 1962 से दुगदा कोकिंग कोल वाशरी से वॉश व पावर कोल का उत्पादन हो रहा है. पहले यह वाशरी हिंदुस्तान स्टील के अधीन थी. बाद में यह सेल के तहत आ गयी. वर्ष 1983 के लगभग यह वाशरी बीसीसीएल के अधीन चली आयी, जिसके बाद कर्मियों का स्लरी व मेटनेंस बीसीसीएल के जिम्मे आ गया. यहां पहले दुगदा वन एवं दुगदा दो के नाम से वाशरी चलती थी. पहले दोनों वाशरी में 5-5 हजार कुल 10 हजार टन कोयला रोजाना फीड होता था तथा वॉश्ड व पावर कोल का उत्पादन काफी हुआ करता था. यह वाशरी वर्षों तक सालाना करोड़ों के मुनाफे में चलती रही. दुगदा-वन वाशरी कई वर्ष पहले ही बंद हो गयी. अभी सिर्फ दुगदा-2 वाशरी चल रही है.

करोड़ों में है वाशरी का हर माह का बजट : मिली जानकारी के अनुसार वाशरी के बंद हो जाने से यहां कार्यरत कर्मियों में से अधिकांश के पास फिलहाल कोई काम नहीं है. मजदूर काम करना चाहते हैं, लेकिन वाशरी को चालू करने में प्रबंधन गंभीरता से पहल करता नहीं दिखता. इस वाशरी में कर्मियों के वेतन मद सहित अन्य लायबिलिटी मिला कर प्रति माह तीन से साढ़े तीन करोड़ का बजट है.

दुगदा कोल वाशरी पीओ सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि दुगदा वाशरी पिछले 15 माह से पूरी तरह से बंद है. यहां करीब 300 कर्मी कार्यरत हैं. वाशरी को बंद रहने का मूल कारण माइनिंग चालान है. अब पावर व स्लरी कोल स्टॉक के एवज में भी रॉयल्टी की मांग की जाती है. कहा कि कई वाशरियां बंद है. बेरमो की करगली वाशरी भी बंद है. इसी तरह यह वाशरी भी बंद है.

बीएमएस से संबद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष व सेफ्टी बोर्ड सदस्य उमेश सिंह का कहना है कि प्रबंधन की मिस प्लानिंग के अलावा वृहत पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार, लूट-खसोट व कमीशनखोरी भी इस वाशरी के बंद होने की बड़ी वजह है. माइनिंग चालान व सीटीओ के कारण भी बाधा आयी थी, जो फिलहाल दूर कर ली गयी है. इस वाशरी के बंद होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण इस वाशरी के ग्रेड का कोयला नहीं मिल पाना भी है.

दुगदा उत्तरी पंचायत के मुखिया चंदन सिंह कहते हैं उद्योग व जनहित में इस वाशरी को खोलना चाहिए. वाशरी के बंद होने से आसपास की रौनक खत्म हो रही है. राज्य सरकार के असहयोग के कारण वाशरी को चालू करने में परेशानी हो रही है. प्रबंधन की मंशा वाशरी को चालू करने की है. इस दिशा में प्रबंधन प्रयास भी कर रहा है.

रिपोर्ट : राकेश वर्मा, बेरमो, बोकारो

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें