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‘…टाइगर तेरा नाम रहेगा’ से गूंजा अलारगो

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‘...टाइगर तेरा नाम रहेगा’ से गूंजा अलारगो

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बेरमो/फुसरो नगर. सूबे के पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो की पहली पुण्यतिथि पर काफी संख्या में लोग चंद्रपुरा प्रखंड के अलारगो श्रद्धांजलि देने पहुंचे़ इस दौरान जब तक सूरज-चांद रहेगा, टाइगर तेरा नाम रहेगा, जगरनाथ महतो अमर रहे आदि नारे गूंजते रहे़ सभा को संबोधित करते हुए मंत्री बसंत सोरेन ने कहा कि 1932 की बात हो या आरक्षण की बात हो, इस अधिकार के लिए जगरनाथ महतो और झामुमो लड़ते रहे. यह अधिकार जब तक नहीं मिलता है, तब तक जगरनाथ महतो को श्रद्धांजलि अधूरी है. आवाज दबाने के लिए निरंतर आपके नेताओं पर केंद्रीय सरकार प्रहार कर रही है. ध्यान रखना है कि यह चुनावी वर्ष है. प्रत्याशी को ध्यान में रखना है. टुंडी विधायक मथुरा महतो ने कहा कि जगरनाथ महतो ने जिस कार्य की घोषणा की, उसे पूरा किया. आज भी उन्हें पारा शिक्षक भूल नहीं सकते हैं. गरीब और आम जनता के हक को लेकर हमेशा आगे रहे. आने वाले समय में उनके अधूरे सपनों को पूरा करना है. केंद्र सरकार ने हेमंत सोरेन को झूठे मुकदमा में जेल में डाल दिया. उनकी सरकार को हमेशा गिराने का प्रयास करती रही. 21 अप्रैल को तानाशाही के विरोध में रैली है. गिरिडीह विधायक सुदीव्य कुमार सोनू ने कहा कि जगरनाथ महतो की विरासत को उनके पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू को संभालना है. अभी उन्होंने राजनीति में कदम ही रखा है. अगर उनसे किसी तरह की गलती होती है तो माफ करेंगे. पिता की तरह ही वह सभी को साथ लेकर चलेंगे. जगरनाथ महतो के अधूरे सपनों को पूरा करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि जगरनाथ दादा की लोकप्रियता गजब की थी. उनकी अंत्येष्टी में आयी थी तो जनसैलाब देख कर पता चला था कि लोगों में कितना प्यार था अपने नेता के प्रति. स्व महतो हमेशा मुखर होकर अपनी आवाज उठाते थे. अपने पिता की विरासत को राजू महतो आगे बढ़ायेंगे, यह भरोसा रखें. झारखंड राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष सह गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र महतो ने कहा कि जगरनाथ महतो की पहचान जननेता के रूप में थी. राज्य के लोगों के दिलों में आज भी वह हैं. जगरनाथ महतो का सपना था 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति. हमारी सरकार ने इसे पारित करा कर राज्यपाल के पास भेजा, लेकिन इसे गलत ठहरा दिया गया. तामिलनाडू, बिहार में परेशानी नहीं है. झारखंड के लिए अलग रीति है. इस बार वोट की चोट देना है. इस बार कमल नहीं गठबंधन का तीर चलेगा. उन्होंने सीएम से मांग की कि जगरनाथ महतो को कोरोना योद्धा के रूप में राज्य सरकार सम्मान दे. ये थे उपस्थित: श्रद्धांजलि सभा में झामुमो नेता संतोष रजवार, बैजनाथ महतो, काशीनाथ केवट, अनिल अग्रवाल, सुभाषचंद्र महतो, बालमुकुंद महतो, गणेश महतो, सोनाराम हेंब्रम, विश्वनाथ महतो, गणेश महतो पारो, बालेश्वर महतो, राजकुमार पांडेय, राजकुमार महतो, बरकत अली, डुमरी प्रमुख उषा देवी, नावाडीह प्रमुख पूनम देवी, डेगनारायण महतो, मो समीद अंसारी, भुनेश्वर महतो, नकुल महतो, दौलत महतो, प्रदीप महतो, दीवाकर महतो, प्रभाकर महतो, सुरेश महतो, जगदीश पांडेय, राजकिशोर पूरी, सुखदेव महतो, अनिल महतो, सोनू वर्णवाल, रामप्रसाद महतो, रामेश्वर शर्मा, सुनील टुडू, मिथिलेश महतो, एटक नेता लखनलाल महतो सहित कई लोग उपस्थित थे. सभा की अध्यक्षता व संचालन झामुमो नेता लोकेश्वर महतो ने किया. समाधि स्थल पर फूट-फूट कर रो पड़ीं मंत्री बेबी देवी स्व जगरनाथ महतो को श्रद्धांजलि देने के वक्त मंत्री बेबी देवी फूट-फूट कर समाधि स्थल पर रोने लगीं. परिजनों ने उन्हें ढांढस बंधाया. मंत्री बेबी देवी के पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू महतो, बेटी, भतीजे दिवाकर व प्रभाकर समेत अन्य परिजनों ने भी नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. एक बजे से थी सभा, दस बजे से ही पहुंचने लगे थे लोग श्रद्धांजलि सभा का समय दोपहर एक बजे से था. लेकिन स्व महतो के चाहने वाले, उनके समर्थक व ग्रामीण दिन दस बजे से ही पहुंचने लगे थे. तेज धूप व लहर के बावजूद दोपहर 12 बजे तक काफी संख्या में लोग पहुंच गये थे. इस दौरान विभिन्न दलों के नेताओं सहित आम लोगों ने श्रद्धांजलि दी.

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