Bokaro News :नव वर्ष 2025 बोकारो स्टील प्लांट की प्रगति के एक नये अध्याय की शुरुआत करेगा, जिसके अंतर्गत प्लांट का 2.62 एमटी ब्राउनफील्ड विस्तारीकरण, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, डी-कार्बोनाइजेशन व ग्रीन स्टील उत्पादन प्रमुख रूप से शामिल हैं. सरकार ने ग्रीन स्टील को परिभाषित कर स्पष्ट मानदंड तय किये हैं, जो 2.2 टन CO2e प्रति टन फिनिश्ड स्टील है. डी-कार्बोनाइजेशन के हमारे लक्ष्य को हासिल करने और ग्रीन स्टील उत्पादन की अनिवार्यता को देखते हुए हमें इसके प्रति और अधिक जागरूकता, सटीक आयोजना और समयबद्ध एक्शन प्लान पर ध्यान केंद्रित करना होगा. ये बातें बोकारो इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी बीरेंद्र कुमार तिवारी ने बुधवार को नववर्ष पर अपने संदेश में कही. बुधवार को नववर्ष पर श्री तिवारी ने प्लांट के अंदर व बाहर कर्मी-अधिकारियों से मुलाकात कर नये साल की शुभकामनाएं दीं.
विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभायेगी कंपनी :
श्री तिवारी ने कहा : नववर्ष में व्यक्तिगत व सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे. कार्यप्रणालियों में सतत सुधार लाने, नवीन विचारों को अपनाने, गुणवत्ता व सुरक्षा संस्कृति को आगे ले जाने व प्रतिस्पर्धात्मक बने रहते हुए विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभायेंगे. कहा कि बीएसएल, झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस, कोलियरीज़ डिवीज़न, सीसीएसओ व एसआरयू की टीम के श्रम व समर्पण की बदौलत 2024 में बीएसएल ने श्रेष्ठता के नये मानदंड स्थापित किये. उत्कृष्टता की नयी ऊंचाइयों को छूने में सफलता पायी. इसमें कर्मियों के साथ उनके परिवारजनों का भी योगदान रहा है.बीजीएच में सुपर स्पेशलिटी उपचार की सुविधा शुरू करने की संभावनाएं तलाश रहा बीएसएल :
बीजीएच की स्वास्थ्य सेवाओं में संवर्धन करते हुए गत वर्ष नयी सुविधाएं जोड़ी गयी. बीजीएच में हार्मोनिक स्केलपेल आधारित उन्नत अल्ट्रासाउंड सर्जरी मशीन, 128-स्लाइस सीटी स्कैनर, 4 नये एंबुलेंस, ऑटोमेटेड बायोकेमिस्ट्री व हिमेटोलॉजी एनाज़रलाइज़र, नेत्र रोग उपचार के अत्याधुनिक उपकरण, अपग्रेडेड कैसुल्टी आदि की सुविधा जोड़ी गई. चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की कमी को दूर करने के प्रयास के साथ ही अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी उपचार की सुविधा शुरू करने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही है. टाउनशिप क्षेत्र की सभी मूलभूत सुविधाओं में सतत सुधार के प्रयास पिछले साल जारी रहे. आवासीय भवनों की वस्तुस्थिति से अवगत होने के लिए पहली बार सभी आवासों की मैपिंग हुई. जल्द ही खाली पड़े गैर-आवासीय भवनों के बेहतर उपयोग की पहल भी की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है