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सदर अस्पताल में सात माह में 3143 नवजातों का जन्म

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2606 सामान्य व 537 सिजेरियन विधि से प्रसव

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संवाददाता, बोकारो.

संस्थागत प्रसव को लेकर सरकार द्वारा खर्च किये जा रहे करोड़ों रुपये का सार्थक परिणाम बोकारो में सामने आ रहा है. सदर अस्पताल में हर माह लगातार संस्थागत प्रसव का आंकड़ा बढ़ रहा है. सदर अस्पताल प्रबंधन के अनुसार सात माह (जनवरी से जुलाई 2024) में 3143 नवजात (सामान्य 2606 व सिजेरियन 537) ने जन्म लिया. आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रसव के लिए दूर-दराज से गर्भवती को लेकर परिजन अस्पताल आ रहे हैं. सदर अस्पताल में 2606 नवजात का जन्म सामान्य प्रसव से हुआ. जबकि 537 नवजात का जन्म सिजेरियन से कराया गया. आंकड़ों के अनुसार अस्पताल प्रबंधन सामान्य प्रसव कराने में अधिक दिलचस्पी लिया है. सिविल सर्जन डॉ एबी प्रसाद व सदर उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार ने घोषणा की है कि सामान्य प्रसव करानेवाली परिचर्या को सम्मानित करेंगे. यही वजह है कि लगातार सामान्य प्रसव की संख्या बढ़ रही है. सामान्य प्रसव को ले चिकित्सक-नर्स सक्रिय हैं.

बोले उपाधीक्षक :

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि पहले संस्थागत प्रसव चैलेंज से कम नहीं था. अब धीरे-धीरे ही सही संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ रही है. सिजेरियन प्रसव आखिरी विकल्प है. सामान्य प्रसव की कोशिश सफल होती है, तो कई गुणा जोखिम कम हो जाता है. जच्चा व बच्चा दोनों अधिक सुरक्षित होते हैं. सभी को लगातार प्रोत्साहित किया जाता है. चिकित्सक व परिचर्या के आपसी समन्वय से सभी कुछ बेहतर हो रहा है.

सिविल सर्जन ने कहा :

सिविल सर्जन डॉ एबी प्रसाद ने कहा कि सामान्य प्रसव से गर्भवती को तुरंत राहत मिलती है. साथ ही साथ गर्भवती शल्यक्रिया के बाद होनेवाली कई तरह की जटिलताओं से बचती है. सामान्य प्रसव चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों के लिए चैलेंज से कम नहीं है. संस्थागत प्रसव की संख्या लगातार बढ़ रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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