जमशेदपुर : जमशेदपुर से बिहार, बंगाल, ओडिशा के अलावा रांची और लोकल स्तर पर खुलने वाली बसों का परिचालन 22 मई से लगभग ठप हो जायेगा. इसकी वजह है कि सारी बसों को प्रशासन ने जमा करने को कह दिया है. पूर्वी सिंहभूम जिले के अलावा अन्य जिलों के भी बसें मांगी गयी है. 22 मई तक का समय बस चालकों ने लिया है. 22 मई से सारे बस चालक अपना बस प्रशासन को दे देंगे. इस बीच प्रशासन ने बसों के भाड़े को तय कर दिया है. चुनाव के विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों के लिए हायर व डिटेंशन चार्ज नये सिरे से तय किया गया है.इसके तहत एसी, डिलक्स, सेमी डिलक्स बसों का हायर एंड डिटेंशन चार्ज तय किया गया है. इसी दर से सारे वाहन चालकों को भाड़ा दिया जायेगा. तय किये गये भाड़े के अनुसार 35 यात्री के बैठने लायक एसी डीलक्स बसों के लिए 4730 रुपये प्रतिदिन, 20 सीट से 50 सीट तक के सेमी डीलक्स बस का 3800 रुपये प्रतिदिन, 35 सीट वाले डीलक्स बसों का 4150 रुपये प्रतिदिन, 14 से 23 सीटों वाली एसी मिनी बस 2500 रुपये और 8 से 13 सीट वाली मिनी बस का भाड़ा 1650 रुपये प्रतिदिन मिलेगा. टाटा मैजिक और उसके समकक्ष की गाड़ियों का भाड़ा 650 रुपये प्रतिदिन होगा. बसों के रखरखाव के लिए कर्मचारियों का वेतनमान भी तय होगा और खुराकी भी मिलेगा. वहीं, पेट्रोल और डीजल अलग से सरकार ही देगी. इस बीच बसों के परिचालन पर पहले से ही असर पड़ा हुआ है. यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चुनाव कार्य के लिए सभी गाड़ियों को मंगा लिया गया है. लोगों को 22 से 26 मई तक रांची, पटना से लेकर बिहार ही नहीं बल्कि पुरुलिया, ओडिशा, चाईबासा, जगन्नाथपुर, सरायकेला आना जाना मुश्किल हो जायेगा. लोकल बस यानी सिटी बस सेवाएं तो कम ही है. इस कारण वे बसें भी हट जायेगी तो लोगों का आना जाना दुश्वार हो जायेगा. सीतारामडेरा बस टर्मिनस से रांची के लिए रोजाना करीब 125 से अधिक बसें खुलती है. इसमें से करीब 100 गाड़ियां प्रशासन को दे दी जायेगी. इसमें से 25 बसें पहले से ही ली जा चुकी है. बची हुई बसों से कितने लोग यात्रा कर सकेंगे, यह अंदाजा लगाया जा सकता है. यहां से बिहार जाने वाली करीब 60 बसें है. ये सारी बसों को सौंप दिया जायेगा. जमशेदपुर से गया, आरा, जहानाबाद, छपरा, सीवान, मुजफ्फरपुर, भागलपुर जाने वाली बसों का परिचालन नहीं के बराबर होगा.
बसों का भाड़ा बढ़ाने की जरूरत : एसोसिएशन
बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राम उदय शर्मा ने कहा कि बसों का परिचालन किसी तरह किया जा रहा है. 22 मई से हम लोगों ने कह दिया है कि बसों को जमा कर देंगे. लेकिन जो रेट तय किया है, वह नाकाफी है. लिहाजा, इसका रेट बढ़ाने का डिमांड भी हम लोग रख चुके है. इतने में तो बसों का मेंटेनेंस भी नहीं होगा. कर्मचारी का खर्च ऊपर से है. लिहाजा, यह नुकसान ही होगा. लेकिन देश की सेवा के लिए बस देना है तो देना है, लेकिन अगर संवेदनशील प्रशासन हमारी मांगों के मानेगा तो अच्छा होगा.
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jamshedpur bus service जमशेदपुर में 22 मई से बस सेवाएं लगभग ठप हो जायेगी, परिवहन विभाग ने तय किया भाड़ा
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जमशेदपुर : जमशेदपुर से बिहार, बंगाल, ओडिशा के अलावा रांची और लोकल स्तर पर खुलने वाली बसों का परिचालन 22 मई से लगभग ठप हो जायेगा. इसकी वजह है कि सारी बसों को प्रशासन ने जमा करने को कह दिया है. पूर्वी सिंहभूम जिले के अलावा अन्य जिलों के भी बसें मांगी गयी है. 22 […]
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