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दिलचस्प : डीडीसी चुनाव में मामी-भांजी ने शिक्षक की नौकरी छोड़ आमने-सामने ठोका ताल

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जम्मू : राज्य में चल रहे डीडीसी चुनाव में मामी-भांजी के आमने-सामने ताल ठोंकने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. यह नजारा जम्मू के राजौरी जिले के सुरक्षित बुद्धल ओल्ड ए निर्वाचन क्षेत्र का है. ये प्रत्याशी हैं, पूर्व मंत्री चौधरी जुल्फिकार की पत्नी जुबैदा बेगम और उनके भांजे और सरपंच जावेद इकबाल चौधरी की पत्नी शाजिया कौसर. जुबैदा अपनी पार्टी के टिकट पर तो शाजिया निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.

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जम्मू : राज्य में चल रहे डीडीसी चुनाव में मामी-भांजी के आमने-सामने ताल ठोंकने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. यह नजारा जम्मू के राजौरी जिले के सुरक्षित बुद्धल ओल्ड ए निर्वाचन क्षेत्र का है. ये प्रत्याशी हैं, पूर्व मंत्री चौधरी जुल्फिकार की पत्नी जुबैदा बेगम और उनके भांजे और सरपंच जावेद इकबाल चौधरी की पत्नी शाजिया कौसर. जुबैदा अपनी पार्टी के टिकट पर तो शाजिया निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.

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सबसे दिलचस्प तो यह है कि जुबैदा और शाजिया दोनों ही ने चुनाव लड़ने के लिए सरकारी नौकरी छोड़ी है. दोनों ही सरकारी शिक्षक थीं. बुद्धल ओल्ड ए निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति (एसटी) की महिला के लिए आरक्षित है. दोनों प्रत्याशी इसी जाति से ताल्लुक रखती हैं. दोनों का मकसद भी एक ही है, लोगों की सेवा. अब देखना है कि जनता किसके दावे पर भरोसा करती है और अपनी सेवा का मौका देती है.

जुबैदा बेगम ने बताया कि वह गरीब, पिछड़े और बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली की सुविधा दिलाना चाहती हैं. इसीलिए वह नौकरी छोड़ कर लोगों की सेवा के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं.

कुछ ऐसा ही शाजिया का भी कहना है. उन्होंने बताया कि सरकारी नौकरी छोड़ कर चुनाव लड़ने के पीछे उनका एक ही मकसद है, लोगों की सेवा करना. उन्होंने बताया कि बुद्धल ओल्ड ए पिछड़ा इलाका है. यहां के बाशिंदे बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. वह चुनाव जीत कर लोगों को सड़क, पानी-बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं दिलाने का प्रयास करेंगी.

उधर, नेशनल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी शफी की बेटी शाहीन अख्तर भी बुद्धल ओल्ड ए से ही नेकां की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. शाहीन ने कहा कि उनका लक्ष्य गरीब और पिछड़े लोगों के जीवन स्तर सुधार के मौके मुहैया कराना है.

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