16.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 12:52 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

हाईकोर्ट से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को झटका, ईडी मामले में मिली बड़ी निराशा

Advertisement

दिल्ली हाईकोर्ट से आम आदमी पार्टी को जोर का झटका लगा है. हाईकोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को तलब करने वाले निचली अदालत के 2019 के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मई 2018 में यूट्यूबर ध्रुव राठी द्वारा प्रसारित एक कथित मानहानिकारक वीडियो को रीट्वीट करने संबंधी आपराधिक मानहानि मामले में आरोपी के रूप में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जारी समन को सोमवार को बरकरार रखा. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने केजरीवाल को तलब करने वाले निचली अदालत के 2019 के आदेश को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा कि मानहानिकारक सामग्री वाले सोशल मीडिया पोस्ट को रीट्वीट करना भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के तहत मानहानि के समान होगा. अदालत ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री को रीट्वीट करते समय कुछ जिम्मेदारी की भावना अवश्य जुड़ी होनी चाहिए जिसके बारे में व्यक्ति को जानकारी नहीं है.

- Advertisement -

निचली अदालत के दो आदेशों को आप ने दी चुनौती

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने समन रद्द करने से इनकार करने के निचली अदालत के दो आदेशों को चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने मामले में पहले निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. मजिस्ट्रेट अदालत ने सोशल मीडिया पेज ‘आई सपोर्ट नरेन्द्र मोदी’ के संस्थापक की आपराधिक शिकायत के बाद अगस्त 2019 में केजरीवाल को तलब किया था.शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आप नेता ने मानहानिकारक वीडियो को रीट्वीट किया था. उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि ऐसी चीज को रीट्वीट करने पर दंडात्मक, दीवानी कार्यवाही हो सकती है. इसने कहा कि जब रीट्वीट मुख्यमंत्री सहित राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा किया जाए तो यह सार्वजनिक धारणा बन सकता है जिस पर जनता विश्वास कर सकती है.

अदालत ने कहा कि अगर आप नेता वीडियो को रीट्वीट करने के अपने कदम को उचित ठहराना चाहते हैं तो मुकदमे के चरण में ऐसा किया जा सकता है.मुख्यमंत्री ने पूर्व में मजिस्ट्रेट के आदेश को एक सत्र अदालत में चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने सत्र अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा कि निचली अदालत यह समझने में विफल रही कि उनके ट्वीट का उद्देश्य शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन को नुकसान पहुंचाने का नहीं था.

सांकृत्यायन ने दावा किया कि “बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2” शीर्षक वाला यूट्यूब वीडियो जर्मनी में रहने वाले राठी द्वारा प्रसारित किया गया था, “जिसमें कई झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाए गए थे”. केजरीवाल के संबंध में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिना इसकी सत्यता परखे इसे रीट्वीट किया.सांकृत्यायन ने अपनी शिकायत में कहा कि इस वीडियो में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं और इससे समाज के सही सोच वाले सदस्यों की नजर में उनकी प्रतिष्ठा कम हुई है. उन्होंने कहा कि आरोपों पर अब तक कोई सबूत नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल को करोड़ों लोग ‘फॉलो’ करते हैं, जिसके कारण यह वीडियो न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच गया है.

Also Read: सप्ताह में एक दिन बीमार पत्नी से मिल पाएंगे मनीष सिसोदिया, कोर्ट ने दी इजाजत

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें