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Vikramshila Setu: ‘ये राह नहीं आसां’, विक्रमशिला पुल के लिए तीसरी बार टेंडर निकाली गयी

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भागलपुर विक्रमशिला पुल के समानांतर करीब 972 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल के लिए एक बार फिर टेंडर जारी किया गया है. बता दें कि पुल के लिए इससे पहले भी दो बार टेंडर हो चुका था, लेकिन पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से काम शुरू नहीं हो पाया था.

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Bhagalpur news: भागलपुर में विक्रमशिला पुल के समानांतर करीब 972 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल के लिए एक बार फिर टेंडर जारी किया गया है. केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा चार लेन के इस पुल के निर्माण के लिए नये सिरे से टेंडर जारी किया है.

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पहले भी दो बार हो चुका था टेंडर

बता दें कि व्रिकमशिला सेतु समानांतर पुल के लिए इससे पहले भी दो बार टेंडर हो चुका था, लेकिन पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से काम शुरू नहीं हो पाया. साथ ही इंडियन वॉटरवेज ऑथोरिटी ऑफ इंडिया से भी जहाज पास करने के लिए पिलर के बीच की अधिक दूरी का निर्माण करने के लिए लागत बढ़ाने की मांग निर्माण एजेंसी कर रही थी. इसी वजह से केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने फिर से टेंडर कर निर्माण एजेंसी का चयन करने का निर्णय लिया है.

इस वजह से रद्द हुआ टेंडर 

समानांतर पुल निर्माण के लिए तीन टेंडर रद्द हो चुका है. चौथ टेंडर निकाला गया है. पहली बार के टेंडर में किसी भी एजेंसियों ने रुचि नहीं दिखायी थी. दूसरी बार में लार्सन एंड टूब्रो(एलएंडटी) को मिला था. एजेंसी ने निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी लेकिन कोलकाता से बनारस तक मालवाहक जहाज चलने के कारण अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा स्पेनों के बीच का फासला कम से कम 100 मीटर होने की शर्त लगा निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी.

स्पेनों के बीच 100 मीटर फासले के शर्त पर एलएंडटी टेंडर की निर्धारित राशि से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से 400 करोड़ अधिक राशि की मांग कर रही थी, लेकिन अधिक राशि देने से मंत्रालय के इन्कार करने पर एजेंसी ने काम करने से मना कर दिया था. तीसरी बार टेंडर एसपी सिंघला के नाम से फाइनल हुआ मगर, मिनिस्ट्री और एजेंसी के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो सका जिसके कारण रद्द कर दिया गया है.

टेंडर निकाला गया

मिनिस्ट्री ने टेंडर निकाल दिया है और एजेंसियों को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. मोर्थ, बिहार सर्किल कार्यालय के अनुसार चयनित एजेंसी ने सीधे तौर पर पुल बनाने में देरी करने एवं कुछ शर्त के साथ काम करने से इंकार करने पर टेंडर रद्द कर फिर से निकाला गया है. इधर, काम अगुवानी घाट गंगा पुल बना रही एजेंसी एसपी सिंघला को मिला था. काम शुरू करने से पहले उनकी ओर से गंगा में महीने भर तक मिट्टी की जांच भी करायी गयी थी.

994.31 करोड़ रुपये की लागत तैयार होना है पुल

समानांतर पुल 994.31 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होना है. समानांतर पुल विक्रमशिला सेतु से 50 मीटर दूर पूर्व की दिशा में बनना है. 29 मीटर चौड़ा एवं 4.455 किलोमीटर लंबा बनना है. इधर, यह पुल 1460 दिनों में यानी चार साल में यानी 2027 तक तैयार होना था. लेकिन पेच में फंसने से अब देरी होगी. जबकि, तय हुआ था कि पुल बनाने के बाद अगले 10 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी एजेंसी की होगी. इस पुल के बन जाने से अंग क्षेत्र के लोगों के लिए यह पुल बड़ी राहत देगी.

जानें, कब तक हुआ टेंडर

पहला टेंडर :

टेंडर प्रकाशन : अक्तूबर 20220

रद्द : दिसंबर 2020

दूसरा टेंडर :

फाइनल : फरवरी, 2021 (लार्सन एंड टूब्रो के नाम से)

रद्द : 12 दिसंबर 2022

तीसरा टेंडर

फाइनल : जुलाई, 2022(एसपी सिंघला के नाम से)

रद्द : 14 दिसंबर 2022

अहम बातें

  • विक्रमशिला सेतु से 50 मीटर पूरब बनेगा पुल

  • पुल बनने के बाद अगले 10 साल तक एजेंसी को ही करते रहना होगा मेंटेनेंस

  • 994.31 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा पुल

  • 2026 तक पुल निर्माण का निर्धारित किया गया है लक्ष्य

  • 4.455 किलोमीटर लंबा होगा समानांतर पुल

  • 68 पाये वाले इस पुल के दोनों ओर फुटपाथ होगा

विक्रमशिला सेतु पर दवाब होगा कम

नये फोरलेन पुल बनने से 21 साल पुराने विक्रमशिला सेतु पर वाहनों का दबाव कम होगा. साथ ही इस पुल की आयु भी बढ़ जायेगी. जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी. वर्तमान में खगडिय़ा, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, अररिया, भागलपुर, बांका सहित झारखंड व बंगाल के रास्ते आने-जाने वाली गाड़ियों का विक्रमशिला सेतु से आवागमन हो रहा है. लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

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