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पटना के IGIMS में अब AI से होगा सटीक इलाज, जानें किन क्षेत्रों में होगा प्रयोग

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग से स्वास्थ्य क्षेत्र में मेडिकल डाटाबैस तैयार करने, उपकरण के रखरखाव, स्टाफ की कमी दूर करने और प्रयोगशाला सुविधाओं को बढ़ाने, रोगों का शीघ्र पता लगाने, निदान आदि में काफी मदद मिलेगी.

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पटना शहर के आइजीआइएमएस संस्थान में इलाज कराने आ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है. क्योंकि अब यहां मशीन व साफ्टवेयर का उपयोग कर डॉक्टर मरीजों का बेहतर इलाज करेंगे. यहां बेहतर इलाज के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जायेगा. संस्थान प्रशासन ने इलाज की गुणवत्ता बढ़ाने के मद्देनजर यह फैसला किया है. इसके लिए सोमवार को आइजीआइएमएस प्रशासन और विकास संगठन सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एंडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) पटना के बीच एक एमओयू साइन किया गया. ऐसे में अब दोनों संस्थान मिलकर कैंसर सहित कई घातक रोगों और औषधियों के विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआइ) का इस्तेमाल करेंगे और मरीजों का इलाज करेंगे. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत दोनों संस्थानों ने इस समझौता पत्र पर साइन किया.

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मरीजों व संस्थान दोनों के लिए होगा कारगर

आइजीआइएमएस के डिप्टी डायरेक्टर डॉ मनीष मंडल ने बताया कि सोमवार को संस्थान के निदेशक डॉ बिंदे कुमार, सी-डैक पटना के निदेशक आदित्य कुमार सिन्हा व सी-डैक के महानिदेशक ई.मगेश की उपस्थिति में एमओयू पर साइन किया गया. डॉ मनीष ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग से स्वास्थ्य क्षेत्र में मेडिकल डाटाबैस तैयार करने, उपकरण के रखरखाव, स्टाफ की कमी दूर करने और प्रयोगशाला सुविधाओं को बढ़ाने, रोगों का शीघ्र पता लगाने, निदान आदि में काफी मदद मिलेगी. यह मरीज व संस्थान दोनों के लिए काफी कारगर साबित होगा.

इन क्षेत्रों में होगा एआइ का प्रयोग

  • अस्पताल का मेडिकल डाटाबैस तैयार करने

  • डेटा एनालिटिक्स

  • मशीन लर्निंग

  • टेली रेडियोलॉजी

  • टेली आफ्थैल्मालजी

  • क्लीनिकल डिसिजन सपोर्ट सिस्टम

  • रोग निगरानी

  • टेली मेडिसिन

  • रोगों का शीघ्र पता

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क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

डॉ मनीष मंडल ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा तकनीकी सिस्टम होता है, जिसमें साफ्टवेयर के जरिये कंप्यूटर को इंसानों की तरह सोचने, समझने, काम करने और प्रतिक्रिया देने की क्षमता विकसित की जाती है. यह आर्टिफिशियल तरीके से सोचने, समझने और सीखने की क्षमता रखता है. हालांकि लोग रोबोट को ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समझ लेते हैं, जबकि रोबोट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डाला जाता है.

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