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बिहार विधानसभा उपचुनाव के बाद बदल सकती है तेजस्वी यादव की तकदीर! नंबर के माइंड गेम को तो समझिए

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Bihar Politics: राजनीतिक के जानकारों का मानना है कि अगर इस चुनाव में राजद दोनों सीटों से हार भी जाती है, तो सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. लेकिन अगर राजद ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर ली तो. ऐसे हालत में बिहार विधानसभा की तस्वीर एक बार फिर से बदल सकती है.

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Bihar Politics: बिहार (Bihar) में विधानसभा की दो सीटों पर 3 नवंबर को उप चुनाव होना है. इन सीटों में गोपालगंज और मोकामा शामिल है. यहां पर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार तेज हो गया है. इन सीटों पर आरजेडी के प्रत्याशी मैदान में हैं. जिनका सीधा मुकबला बीजेपी के प्रत्याशियों से है. इन सब के बीच बीजेपी प्रत्याशी के लिए पार्टी के कई बड़े नेता को चुनाव प्रचार कर रहे हैं. लेकिन राजद प्रत्याशी के लिए महगठबंधन के वरीय नेताओं ने अभी तक चुनाव प्रचार नहीं किया है. जिसे महागठबंधन सरकार में पहली तकरार के रूप में देखा जा रहा है.

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राजद की जीत से बदल सकती है तस्वीर

महागठबंधन के प्रत्याशियों के लिए जदयू की ओर से ललन सिंह तो चुनाव प्रचार कर रहे हैं. लेकिन अभी तक नीतीश कुमार चुनावी मैदान में प्रचार के लिए नहीं उतरे हैं. राजनीति के जानकार इसे अलग-अलग चश्मे से देख रहे हैं. जानकारों का मानना है कि अगर इस चुनाव में राजद दोनों सीटों से हार भी जाती है, तो सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. लेकिन अगर राजद ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर ली तो. ऐसे हालत में राजद बिहार में सरकार बनाने की स्थिति में आ सकती है.

स्थिति पर डालें एक नजर

बता दें कि 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद 75 विधायकों के साथ आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. उपचुनाव में एक सीट पर जीत मिलने के बाद आरजेडी के विधायकों की संख्या 76 हो गई. वहीं दूसरी ओर इसी साल मार्च महीने में बीजेपी ने वीआईपी के तीन विधायकों को अपने खेमे में शामिल कर दिया था. इसके बाद बीजेपी 77 विधायकों के साथ बिहार की पहले नंबर की पार्टी बन गई थी. इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के चार विधायकों के पाला बदलते ही बिहार में राजद के पास विधानसभा में विधायकों की संख्या 80 हो गयी थी.

राजद के पास ऐसा आ सकता है मैजिक नंबर

बिहार विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से अभी आरजेडी के पास 79, भाजपा के 77, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, लेफ्ट के 16, हम के 4, AIMIM के 1 और निर्दलीय विधायकों की संख्या 1 है. राजनीति के जानकार बताते हैं कि अगर राजद मोकामा, गोपालगंज और बाद में कुढ़नी की सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहती है, तो ऐसे हालात में राजद के पास कुल 82 विधायक हो जाएंगे. कांग्रेस और वाम दल तो पहले से ही महागठबंधन में हैं. अगर ये दोनों पार्टी महगठबंधन की सरकार में बने रहे तो आरजेडी के पास विधायकों की संख्या कुल मिलाकर 116 हो जाएगी. इसके अलावे अगर तेजस्वी को कहीं जीतन राम मांझी के चार विधायक, AIMIM के एक और एक निर्दलीय ने अपना समथर्न दे दिया, तो विधायकों की कुल संख्या 122 हो जाएगी. ऐसे हालत में जदयू के लिए डेंजर स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.

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