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10 साल से गायब गुरुजी विद्यालय में देने आये योगदान, बहाना ऐसा कि कोई न कर पाया एतबार

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खगड़िया : बीते दस साल से विद्यालय से बगैर सूचना के गायब रहे गुरुजी को योगदान करने से रोक दिया गया है.

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खगड़िया : बीते दस साल से विद्यालय से बगैर सूचना के गायब रहे गुरुजी को योगदान करने से रोक दिया गया है. जानकारी के मुताबिक इतनी लंबी अवधी तक विद्यालय से गायब रहे शिक्षक दोबारा योगदान करने विद्यालय पहुंचे थे, लेकिन एचएम ने उन्हें वापस लौटा दिया. बताया जाता है कि विभाग के नियम का हवाला देते हुए विद्यालय एचएम ने वर्षों से गायब उक्त शिक्षक को योगदान करने से रोक दिया. विद्यालय से गुरुजी के गायब रहने का मामला बेलदौर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय भोलादास का है.

यहां के शिक्षक रवि कुमार रमण पर आरोप है कि ये बीते 5 जनवरी 2010 से ही विद्यालय से लगातार गायब हैं. विद्यालय से अनुपस्थित रहने के कारण पहले इनसे स्पष्टीकरण पूछा गया था. लेकिन इन्होंने विभागीय पदाधिकारी द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण का भी जवाब नहीं दिया. बताया जाता है कि विद्यालय में योगदान करने से रोके जाने पर उक्त शिक्षक ने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में आवेदन देकर योगदान कराने की गुहार लगायी थी.

शिक्षक रवि कुमार रमण ने खुद को बीमार बताते हुए यह कहा था कि इलाज चल रहा था. इस वजह से वे विद्यालय नहीं जा सके. इन्होंने इस बात की सूचना तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी देने की भी बातें दिये गये आवेदन में कही है. लेकिन सुनवाई के दौरान विभागीय पदाधिकारी की रिपोर्ट, विभाग के कायदे-कानून एवं वस्तुस्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद लोक शिकायत एडीएम भूपेन्द्र प्रसाद यादव ने शिक्षक की मांग को खारिज कर दिया. विद्यालय योगदान कराने से मना करते हुए श्री यादव ने शिक्षक राज्य स्तर पर गठित राज्य अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील दायर करने को कहा. मालूम हो कि इस तरह की कार्रवाई से बाकी शिक्षकों में चर्चा का विषय बना हुआ है.

जानकारी के मुताबिक इस मामले की सुनवाई के दौरान लोक शिकायत एडीएम द्वारा जारी नोटिस के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपना जवाब समर्पित करते हुए यह बताया था कि पांच साल तक बगैर सूचना के अनुपस्थित रहने की स्थिति में शिक्षक की सेवा समाप्त करने का प्रावधान है. साक्ष्य के तौर पर डीइओ ने लोक शिकायत एडीएम के समक्ष अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग द्वारा 21 अगस्त 2020 को निर्गत अधिसूचना बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020 भी प्रस्तुत थी. डीइओ ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि उक्त शिक्षक 10 साल से बगैर सूचना के विद्यालय से अनुपस्थित हैं. विभागीय नियमानुसार उन्हें विद्यालय में योगदान कराना नियमानुकूल नहीं है. डीइओ ने बताया सचिव, प्रखंड नियोजन इकाई सह बीडीओ बेलदौर को पत्र लिखकर उन्होंने शिक्षक के विरुद्ध विभागीय नियमानुसार कार्रवाई (सेवा समाप्ति) करने को कहा है.

posted by ashish jha

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