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क्या आई फ्लू के मरीज की आंखों को देखने से भी फैलता है संक्रमण? जानिए वो सब जानकारी जिससे आप भी होंगे अंजान…

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इन दिनों एडीनो वायरल कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू काफी तेजी से फैल रहा है. बिहार के कई जिलों में डीएम को हाईअलर्ट जारी करना पड़ चुका है. बच्चों में ये संक्रमण अधिक देखा जा रहा है. इस संक्रमण से बचाव के क्या उपाय हैं और कुछ भ्रांतियां जो आपको जानना बेहद जरूरी है..

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आई फ्लू (eye flu) यानी एडीनो वायरल कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis ) का संक्रमण बिहार के अधिकतर जिलों में तेजी से फैल रहा है. जिलों में इसे लेकर अब हाईअलर्ट जारी किया जा रहा है. हर वर्ष यह बीमारी अधिक गर्मी तथा अधिक जाड़े के समय में होता है, लेकिन इस बार संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है. कुछ मामलों में इसका असर भी लंबे समय तक हो रहा है. हालत यह है, कि अस्पताल में कंजक्टिवाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि आइफ्लू वायरस और बैक्टीरिया दोनों से होता है. अभी मरीजों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है. लेकिन अपने आप ठीक होने की वजह से ज्यादा लोग इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाते हैं. वायरस की वजह से फैलने वाले इस संक्रमण में कुछ लोगों की आंखों में वैक्टीरियल अटैक भी हो जाता है. ऐसे में बिना एंटीबायोटिक्स के बीमारी खत्म नहीं होती है.

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ठीक होने में कितना समय लगता है?

नेत्र विशेषज्ञ बताते हैं कि यह वायरस फ्लू है और आमतौर पर 1 से 2 हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार साथ में वैक्टीरियल इंफेक्शन जुड़ जाने से यह ज्यादा सीवियर हो जाता है. इसके साथ ही यह वैक्टीरियल एवं एलर्जी भी है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक दिया जा सकता है.

बच्चों को लेकर विशेष सलाह

डॉक्टर बच्चों में इस संक्रमण को लेकर कहते हैं कि बच्चे हाइजीन का ध्यान नहीं रख पाते हैं, इसलिए उनमें यह तेजी से फैलता है. वे स्कूल में खाना भी शेयर करते करते हैं, एक दूसरे को टच भी करते हैं, इसलिए बच्चों के लिए एहतियात ज्यादा जरूरी है. स्कूल प्रशासन और टीचर को उस पर ध्यान देना चाहिए कि अगर किसी बच्चे की आंख लाल है तो उसे से छुट्टी दे दे. पैरेंट्स से बात कर उन्हें पूरी जानकारी दें. बिना डॉक्टर की सलाह खुद से कोई दवा या स्टेरायड नहीं लें, इससे नुकसान हो सकता है.

बच्चों को इन चीजों से रखें दूर..

आइजीआइएमएस पटना के नेत्र रोग विभाग के पूर्व निदेशक डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि आइ फ्लू में साफ-सफाई जरूरी है. ऐसे में ध्यान रखें कि बच्चे कहीं से भी आएं सबसे पहले उनके हाथ धुलवाएं. अगर उसने किसी चीज को छुआ है या फिर स्कूल से घर आया है, तो सबसे पहले हाथ धुलवाएं. इसके साथ ही समय-समय पर उनके हाथ सैनिटाइज कराते रहें. इसके साथ ही आइ फ्लू से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें बार-बार आंखों को छूने से मना करें.

संक्रमण से कैसे बचें?

  • भीड़ में नहीं जाएं, अगर जाए तो चश्मा पहने

  • इधर-उधर नहीं छुए, अपने हाथ बार-बार साफ करें.

  • हाथों को पानी से या फिर सैनिटाइजर से साफ करते रहे.

  • अपना चेहरा और आंख न छुएं.

  • टीवी और मोबाइल देखने से बचें.

  • कोरोना की तरह ही हैंड हाइजीन का ध्यान रखें.

  • यह भी वायरस की वजह से फैलता है, इसलिए कोविड की तरह ही बचाव के उपाय करें.

  • यह छुआछूत की बीमारी नहीं है लेकिन आंख से निकलने वाले डिस्चार्ज के संपर्क में आने से संक्रमण हो जाता है.

संक्रमित क्या करें?

यह बहुत ही तेजी से फैलता है, परिवार के किसी एक सदस्य को हो जाता है तो परिवार के सभी सदस्य संक्रमित हो जाता है. संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवल रुमाल एवं बेड शेयर नहीं करें. संक्रमित को अलग सोना चाहिए. आंखों पर दिन में तीन से चार बार पानी के छीटें मारकर धोएं. मधुबनी सदर अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आकांक्षा ने कहा कि संक्रमित को मॉक्सीफ्लोकसीन आई ड्रॉप इस्तेमाल करना चाहिए, अधिक सिरीयस होने पर ऑयंटमेंट यूज करनी चाहिए.

इस भ्रम से रहें दूर..

संक्रमित आंख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा महज भ्रम है, क्योंकि यह बीमारी सिर्फ संपर्क में आने से ही फैलती है. अगर किसी को आइ फ्लू हो चुका है तो उसके संपर्क में आने से बचना चाहिए. उसके आंखों से निकलने वाले डिस्टार्च से संक्रमण फैल सकता है. ये देखने से नहीं फैलता..

बिना डॉक्टर के सलाह से नहीं खरीदें आइ ड्रॉप

बाजार में आइड्रॉप खरीदने के लिए लोग सीधे दवा दुकान पर पहुंच रहे हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है.लोग अस्पताल के बदले दवा दुकानों से महंगी दवा खरीदते दिखते हैं. अचानक बढ़ते मांग को लेकर बाजार में कई कंपनियों ने आइड्रॉप को उतरा है. बिना डॉक्टर के सलाह किसी भी तरह का ड्रॉप यूज करने से बचना चाहिए.

पूर्णिया में हाईअलर्ट जारी..

पूर्णिया जिले में आंखों का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. खासकर रूपौली और बायसी में संक्रमण के तेजी से फैलाव को देखते हुए जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने हाईअलर्ट किया है. डीएम ने विशेष रूप से एहतियात बरतने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं. इसके बाद प्रभावित इलाके में स्वास्थ्य विभाग ने टीम गठित कर भेजी है, जहां लोगों की जांच के साथ ही समुचित इलाज की कवायद तेज कर दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कंजेक्टिवाइटिस यानी आंखों में रेडनेस, आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वैसे तो यह हर उम्र के लोगों को परेशान कर रहा है, लेकिन छोटे-छोटे उम्र के मासूमों को आसानी से शिकार बना रहा है.

आई फ्लू के लक्षण

किशनगंज के सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि वैसे तो आई फ्लू कोई खतरनाक बीमारी नहीं हैं, लेकिन इसकी चपेट में आने से आंखों में दर्द जरूर होता है. इसे वायरल कंजंक्टिवाइटिस के रूप में भी जाना जाता है. यह विभिन्न वायरस के कारण होता है. इस स्थिति के लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं . इसके परिणामस्वरूप कई बार आंखों के लिए काफी खतरनाक भी साबित होते हैं. ऐसे में लापरवाही नहीं करनी चाहिए. इससे पीड़ित व्यक्ति की आंखे लाल हो जाती हैं. उसकी आंखों से पानी निकलता है. कभी-कभी आंखों में सूजन भी आ जाती है. शुरुआत में आई फ्लू एक आंख में होता है, जो जल्द ही दूसरी आंख में भी फैल जाता है.

  • आई फ्लू होने पर आंखें लाल दिखने लगती हैं.

  • आंखों में दर्द होने लगता है.

  • आखों से पानी निकलता है.

  • आंखों की ऊपरी परत धुंधली हो जाती और उसपर चिपचिपा पदार्थ नजर आने लगता है.

आई फ्लू के कारण आंखों में दर्द हो तो क्या करें?

  • थोड़े-थोड़े समय पर ठंडे पानी से आंखों को धोते रहें.

  • गुलाब जल से आंखों को धोने से इंफेक्शन कम होता और गंदगी हटती है.

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