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बिहार में कोसी पर बन रहे सबसे लंबे पुल का स्लैब गिरा, एक मजदूर की मौत, जांच के आदेश

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सुपौल में बड़ा हादसा हुआ है. कोसी पर बन रही सबसे सबसे लंबी पुल का स्लैब गिरा. इस हादसे में कई मजदूरों के घायल होने की सूचना आ रही है.

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सुपौल. बिहार में बन रहे देश के सबसे लंबे पुल का एक स्लैब गिरने की सूचना आ रही है. हादसा मधुबनी के भेजा और सुपौल के बाकुर के बीच मरिचा इलाके में हुई है. इस हादसे में एक मजदूसर की मौत हुई है, जबकि कई मजदूरों के घायल होने की सूचना है. मृतक बंगाल का रहनेवाला था. राज्य के पथ निर्माण मंत्री विजय सिन्हा ने हादसे की जांच का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि दोषी पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. हादसा केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 1200 करोड़ की लागत से बन रहे इस 10.2 किलोमीटर लंबे महासेतु का निर्माण कार्य पिछले कई वर्षों से जारी है. इस पुल के निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी. फिलहाल लोगों को मधुबनी जाने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है,जो घटकर 70 किमी हो जाएगी.

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नौ लोगों के घायल होने की सूचना

जानकारी के अनुसार इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं 9 लोगों के घायल होने की खबर है. मौके पर पहुंची राहत-बचाव कार्य की टीम और पुलिस की टीम ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया. स्थानीय लोगों से मिली सूचना के अनुसार सुपौल जिले के बकौर में निर्माणाधीन पुल का बड़ा हिस्सा गिर गया, जिसके बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया. जानकारी के मुताबिक, पूल के पिलर संख्या 50, 51 व 52 का गार्टर गिर गया.

एक मजदूर की मौत की पुष्टि

सुपौल के डीएम कौशल कुमार ने बताया कि हादसे की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 9 लोग घायल हो गए. सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया है. इस पुल को 1200 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा था. शुक्रवार की सुबह करीब 7 बजे हुए इस हादसे में कई लोग घायल हो गए. गार्डर गिरा तो वहां मौजूद पुल बनाने वाली कंपनी के लोग मौके से फरार हो गए. इस पुल को बनाने का कांट्रैक्ट ट्रांस रेल कंपनी के पास है.

दो एजेंसियां कर रही हैं काम

इस पुल की एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है. यह निर्माण कार्य दो एजेंसी मिलकर कर रही है. इसमें गैमन इंडिया एवं ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इस पुल का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत हो रहा. भारतमाला प्रोजेक्ट 5 पैकेजों में बन रहा है. इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण हो रहा है. यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है. नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों को जोड़ेगा.

दोषी के खिलाफ हर हाल में होगी कार्रवाई

पथ निर्माण मंत्री विजय सिन्हा ने कहा है कि सुपौल-मधुबनी के भेजा-बकौर के बीच कोशी नदी पर निर्माणाधीन पुल के एक हिस्से की गिरने की आज मुझे सूचना मिली है, जिसमें एक मजदूर की मृत्यु और कुछ अन्य कार्य मजदूर के घायल होने की सूचना मिली है. यह घटना बहुत दुखद और मन को पीड़ा देने वाली है. प्रशासन को घायलों की अविलंब मदद करने और समुचित मुआवजा देने का निर्देश दे दिया गया है. निर्माणधीन पुल गिरने की जांच कराई जाएगी और दोषी पदाधिकारी अभियंताओं और कार्यरत कंपनी के विरुद्ध नियम अनुसार जांच की कार्रवाई की जाएगी. डबल इंजन की सरकार में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. लोक निधि की लूट की छूट किसी को नहीं दी जा सकती. यदि जांच में यह बात सामने आएगी तो जिम्मेदार कर्मियों और कंपनी पर विधि सम्मत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. हम इस घटना को लेकर लगातार NHAI के अधिकारियों से संपर्क में हैं और सारी आवश्यक जानकारी ले रहे हैं.

पुल के लिए बनने हैं 171 पिलर

इस पुल में कुल 171 पिलर बन रहे हैं. इनमें 166 पिलर का निर्माण पूरा हो चुका है. बकौर की ओर से 36 पिलर और भेजा की ओर से 87 पिलर होंगे. इसमें बकौर की ओर से 2.1 किलोमीटर और भेजा की तरफ से 1 किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण किया जाना है. एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है. यह निर्माण कार्य दो एजेंसी मिलकर कर रही है.

Also Read: बिहार के पटना और मधुबनी में सीमेंट प्लांट, गोपालगंज में लगेगा इथेनॉल फैक्ट्री, जानें होगा कितने का निवेश

इसी साल पूरा होना है काम

कोसी पर सुपौल जिले के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा के बीच बन रहे इस महासेतु के सिरे के दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है. इस कारण से यह महासेतु देश में सबसे लंबा हो जाएगा. बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट फेज 5 के तहत निर्माण किए जा रहे इस पुल का कार्य इसी साल पूरा होना है. इसका उद्घाटन वर्ष 2023 में होना था, लेकिन कोरोना के कारण विलंब हुआ और अब मार्च 2024 में संभावित है, लेकिन इसमें कुछ और विलंब हो सकता है.

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