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एएसी की बैठक में परसरमा-अररिया नई सड़क को मिली स्वीकृति

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संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं के जन्म स्थली से लेकर प्रसिद्ध कथाकार की भूमि तक 106 किमी तक बनेगी सड़क

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– संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं के जन्म स्थली से लेकर प्रसिद्ध कथाकार की भूमि तक 106 किमी तक बनेगी सड़क सुपौल. यूं तो विकास निरंतरता पर निर्भर करता है, लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन को लेकर यातायात व पावर (बिजली) आवश्यक हो जाता है. अगर यह दो चीज जिस भी इलाके में मौजूद हो तो उस क्षेत्र के विकास की रफ्तार को गति देना सुगम हो जाता है. इसे आसान करने में क्षेत्रीय विधायक सह उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव बड़ा योगदान माना जा रहा है. जिसे बरकरार रखने की आवश्यकता है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे वर्षो से कोसी की पीड़ा झेल रहे सुपौल अब विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसी विकास की राह में इस साल एक और नया अध्याय जुड़ने की संभावना जतायी जा रही है. यह विकासात्मक कार्य अगर शुरू हो गया तो यह जिला देश के मानचित्र पर तेजी से विकास करने वाले जिला में शुमार हो जायेगा. हम बात कर रहे हैं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं के जन्म स्थली (परसरमा) से प्रसिद्ध कथाकार फनीश्वरनाथ रेणु (अररिया) की जन्मस्थली तक 106 किमी लंबी फोरलेन ग्रीनफील्ड सड़क निर्माण की. जानकारी के अनुसार 11 अक्टूबर 2024 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय बीपी एंड एसपी सेल अनुमोदन समिति (एएसी) की बैठक में आठ एजेंडा पर चर्चा की गयी. जिसमें सुपौल जिले के एक महत्वपूर्ण योजना ग्रीनफील्ड राजमार्ग भी शामिल है. जिसका एलाइनमेंट अनुमोदन स्वीकृत कर दिया गया है. उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के प्रयास से यह महत्वपूर्ण योजना सफल होता नजर आने लगा है. परसरमा चैनल 0 किमी से अररिया चैनल 107 142 तक ग्रीनफील्ड राजमार्ग बनाने पर चर्चा की गयी. जिसमें सुपौल जिले के साथ 1.75 किमी और त्रिवेणीगंज (एनएच- 327ई) के साथ 3.288 किमी की स्पर कनेक्टिविटी शामिल है. एलाइनमेंट हुआ अप्रूव उक्त सड़क मार्ग को लेकर एएसी कमेटी ने एलाइनमेंट अप्रूव कर दी है. एलाइनमेंट अप्रूवल हो जाने के बाद अब इस महत्वाकांक्षी विकासात्मक परियोजना का कार्य तेजी से शुरू किया जायेगा. सिसौनी के समीप रेलवे क्रासिंग करेगा पार परसरमा से अररिया तक बनने वाली 106 किमी फोरलेन ग्रीनफील्ड सड़क एक मात्र सिसौनी के समीप रेलवे क्रॉसिंग पार करेगी. वहीं यह सड़क सिर्फ अररिया के समीप एनएच 327 ई में मिलेगी. इस बीच में यह सड़क कहीं भी एनएच 327 ई से नहीं मिलेगी. यानि पूरी तरह हरे भरे इलाके से गुजरेगी. ऊर्जा मंत्री के दूरगामी सोच का परिणाम ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने 16 अप्रैल 2021 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र लिखकर परसरमा से अररिया तक फोरलेन ग्रीनफील्ड सड़क निर्माण की मांग की थी. जिसके बाद 05 अक्टूबर 2021 को ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी थी. लेकिन तकनीकी कारणों से इस कार्य को अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है. ऊर्जा मंत्री द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजे गये पत्र में कहा गया था कि बिहार के नेपाल बॉर्डर पर अवस्थित सुपौल एवं अररिया जिला को जोड़ने वाला राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-327 ई एक अंतरराष्ट्रीय महत्व की सड़क है, जो सुपौल जिला से होकर गुजरने वाले विभिन्न राष्ट्रीय उच्च पथों को जोड़ती है. राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-106 ( वीरपुर- बिहपुर पथ) भारतमाला परियोजना की सड़क 527 ए जो उच्चैठ भगवती स्थान (मधुबनी) से महिषी तारा स्थान (सहरसा) तक जाती है तथा 327 ए सुपौल-भपटियाही सरायगढ़ सड़क जो इस्ट-वेस्ट कोरिडोर (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-27) से मिलती है. जिसका सीधा संपर्क राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-327 ई से है. अन्य सड़कों से अलग होगी यह सड़क राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से ग्रीन फील्ड सड़क अति महत्वपूर्ण मानी जा रही है. यह सड़क अन्य सड़कों से अलग होगी. हरे-भरे इलाकों से गुजरती हुई यह सड़क अररिया तक बनायी जायेगी. जिस कारण सड़क निर्माण को लेकर अन्य सड़कों की तरह भू अर्जन सहित अन्य विभागीय कार्यों में कोई परेशानी नहीं होगी. पूरी रफ्तार से इस सड़क का निर्माण कार्य कराएं जाने की उम्मीद है. हरे भरे इलाके से सड़क के गुजरने से लोगों को यात्रा करने में अलग प्रकार की अनुभूति का अहसास होगा.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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