– विभाग से मिली स्वीकृति, थ्री डी के लिए भेजा गया प्रस्ताव – जल्द ही भूअर्जन की शुरू की जायेगी प्रक्रिया – छह मौजा से गुजरेगी बाइपास सुपौल जाम की समस्या से जूझ रहे शहरवासियों को निजात मिल सकती है. राष्ट्रीय उच्च पथ कार्यालय मधेपुरा ने जिलाधिकारी के पहल पर बाइपास बनाने का प्रस्ताव दिया गया है. जिसकी स्वीकृति विभाग से मिल जाने के बाद थ्री डी के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है. जल्द ही जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. बाइपास का निर्माण होने से आवागमन में लोगों को सुविधा मिलेगी. इसके लिए डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जानकारी के अनुसार 0 किलोमीटर पुलिस लाईन के पूरब संत्संग मंदिर से सुकमारपुर हीरो शोरूम तक 08.089 किमी लंबा बाइपास बनाया जायेगा. जिसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. मालूम हो कि वाहन चालकों द्वारा नोइंट्री का पालन नहीं किये जाने व शहर के बीच से गुजरने वाली एनएच के कारण आये दिन शहरवासियों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है. इस बाइपास का निर्माण हो जाने से लोगों को न सिर्फ जाम से निजात मिलेगी. बल्कि सुंदर व स्वच्छ शहर की कल्पना भी साकार होगा. छह मौजा से गुजरेगी बाइपास जानकारी के अनुसार यह बाइपास चैनसिंहपट्टी, खरैल, मरीचा, गौरवगढ़, सुपौल व चकला निर्मली मौजा से गुजरेगी. इसके लिए भूमि अधिग्रहण हेतु भूमि सर्वेक्षण कार्य करने का अनुरोध किया गया है. एक आरओबी व एक भीयूपी का होगा निर्माण बाइपास निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. लगभग 08.089 किमी लंबा बाइपास में एक आरओबी का निर्माण सुपौल-मधेपुरा रोड में चौराहे के समीप कराया जायेगा. जबकि भीयूपी का निर्माण एफसीआई गोदाम के पास कराया जायेगा. यह बाइपास एक जगह रेलवे ढ़ाला को भी क्रास करेगी. 506 खेसरा किया गया चिन्हित जानकारी के अनुसार उक्त परियोजना को लेकर 506 खेसरा में 28.691 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण किया जायेगा. जिसमें आवासीय व कृषि किस्म की जमीन शामिल है. गौरतलब है कि शहर से बाहर बाईपास राष्ट्रीय उच्च पथ 327 ई जो पुलिस लाइन के समीप से गुजरेगी. जिसको लेकर लोगों में खुशी देखी जा रही है. छह सदस्यीय कमेटी द्वारा किया गया जांच : एडीएम एडीएम राशिद कलीम अंसारी ने कहा कि छह सदस्यीय समिति द्वारा अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के किस्म व प्रकार का स्थलीय जांच कर ली गयी है. बाईपास निर्माण को लेकर थ्री कैपिटल ए के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद भूअर्जन का कार्य शुरू किया जायेगा. इसके बाद निविदा निकालकर कार्य प्रारंभ किया जायेगा.
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