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शिक्षकों की इपीएफ की राशि खाते में नहीं हो रहा है जमा

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नियोजित शिक्षकों के वेतन से कटौती होने वाली इपीएफ की राशि कई महीने से उनके खाते में नहीं जमा हो रहा है. इस मामले में शिक्षा विभाग पूरी तरह मौन है. ऐसा किसी एक शिक्षक के साथ नहीं बल्कि जिले के सैकड़ों शिक्षकों के साथ हुआ है और यह मामला हजारों की संख्या में भी सामने आ सकता है.

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संवाददाता ,सीवान. नियोजित शिक्षकों के वेतन से कटौती होने वाली इपीएफ की राशि कई महीने से उनके खाते में नहीं जमा हो रहा है. इस मामले में शिक्षा विभाग पूरी तरह मौन है. ऐसा किसी एक शिक्षक के साथ नहीं बल्कि जिले के सैकड़ों शिक्षकों के साथ हुआ है और यह मामला हजारों की संख्या में भी सामने आ सकता है. मालूम हो कि नियोजित शिक्षकों के लिए प्रोविडेंट फंड के मद में राशि जमा करने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही थी और अंततः बिहार सरकार ने सितंबर 2020 से नियोजित शिक्षकों को भी पेंशन योजना में आच्छादित कर लिया. तब से शिक्षकों के वेतन से प्रत्येक माह 1800 रुपये की कटौती की जाने लगी. मोबाइल पर मैसेज आना हो गया बंद कुछ समय तक शिक्षकों को मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से इसका मैसेज भी मिलता रहा है और अब वह मैसेज आना भी कई शिक्षकों के पास बंद हो गया. लेकिन इपीएफ मद में अंशदान कटौती उनके वेतन से प्रत्येक माह निकलती रही. बीच-बीच में कई शिक्षकों ने इस बारे में चर्चा करनी शुरू कर दी कि इपीएफ में अंशदान की कटौती तो कर ली जा रही है लेकिन नियोक्ता के द्वारा अंशदान की राशि नहीं जोड़ी जा रही है. अधिकांश शिक्षकों ने जब इपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर अपना पासबुक देखा तब उन्हें पता चला कि सितंबर 2020 की बजाय उनका इपीएफ अंशदान अक्टूबर 2020 से प्रदर्शित हो रहा है. इसके बाद सितंबर 2020 से लेकर नवंबर 2024 तक की अवधि में कई शिक्षकों के विभिन्न महीनों के अंशदान का प्रदर्शन शून्य बता रहा है. कुछ शिक्षकों के सात महीने का अंशदान गायब है तो कुछ शिक्षकों के 13 महीने का और कुछ शिक्षकों के 16 महीने तक का अंशदान गायब है. हालांकि उनके वेतन मत से प्रत्येक माह कटौती कर ली गई है. प्रत्येक महीने गायब हो रहा है 36 सौ रूपये नियोक्ता के द्वारा भी संबंधित महीने की राशि का प्रदर्शन नहीं हो रहा. इसका मतलब यह है कि 1800 की राशि कर्मचारी का शेयर और नियोक्ता के द्वारा 550 रूपये का शेयर और 1250 रुपये पेंशन का अंशदान कुल मिलाकर 36 सौ की राशि एक महीने में प्रत्येक शिक्षक का गायब है और इस तरह की राशि कई कई महीने की गायब है. इस प्रकार प्रत्येक शिक्षक के साथ हजारों-हजार रुपये की राशि का गड़बड़ झाला प्रदर्शित हो रहा है. हजारों शिक्षकों के साथ यह समस्या है. जिले में लगभग 13 से 15 हजार की संख्या में नियोजित शिक्षक हैं और इनमें से अधिकांश के साथ यह समस्या है. बड़ी संख्या में शिक्षकों ने डीपीओ स्थापना को संबोधित करते हुए संबंधित बीआरसी में इस संबंध में आवेदन देना भी शुरू कर दिया है और साथ में अपने इपीएफ पासबुक का प्रिंट आउट भी संलग्न कर रहे हैं. बोले अधिकारी कुछ तकनीकी गड़बडियों के चलते समस्याएं आयी है. मामले में सभी बीइओ से रिपोर्ट तलब किया गया है. शिक्षक अपनी समस्याओं से साक्ष्य के साथ बीइओ को आवेदने देंगे, जिसके बाद इपीएफ संबंधी उनकी समस्या का समाधान कर दिया जायेगा. अवधेश कुमार, डीपीओ, स्थापना

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