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सिवान में 500 वर्ष पुराना अनोखा मंदिर, माना जाता है भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक

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Raksha Bandhan 2024: भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम को दिखने वाला एक मंदिर सीवान के दरौंदा प्रखंड क्षेत्र के भीखा बांध में अवस्थित है. रक्षाबंधन के दिन इस मंदिर में पूजा अर्चना किया जाता है.

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Raksha Bandhan 2024: भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम को दिखने वाला एक मंदिर सीवान के दरौंदा प्रखंड क्षेत्र के भीखा बांध में अवस्थित है. रक्षाबंधन के दिन इस मंदिर में पूजा अर्चना किया जाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर आज से करीब 500 वर्ष पुराना है.

स्थानीय लोगों ने मंदिर का राज बताया

सीवान के दरौंदा प्रखंड क्षेत्र के भीखा बांध के स्थानीय लोगों ने इस मंदिर की सच्चाई बतायी. लोगों ने बताया कि मुगल काल में एक भाई अपने बहन को उसके ससुराल से विदा कराकर अपने घर मायके ले जा रहा था, तभी भीखा बांध में मुगलों की सेना की नजर उस बहन पर पड़ी. मुगलों की सेना ने उसके साथ कुछ गलत करना चाहा तबतक दोनों भाई बहन झाड़ी में छिप गए. इस दौरान बहन मां सीता के जैसे धरती माता से सुरक्षा का आह्वान करने लगी. ऐसा कहा जाता है की उस बहन के आह्वान पर धरती दो टुकड़ों बंट गयी और उसी में दोनों भाई बहन समां गए.

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सिवान में 500 वर्ष पुराना अनोखा मंदिर, माना जाता है भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक 2

क्यू इस मंदिर में रक्षा बंधन के दिन भीड़ उमड़ती है

उस स्थान पर लोग पूजा अर्चना करने लगे। वहीँ कुछ दिन बाद एक बरगद का पेड़ उगा और वह 12 बीघा में फैल गया. जिस स्थान पर मंदिर स्थित है, वहां बरगद का पेड़ चारो तरफ से मंदिर को घेरे हुआ है. ऐसा माना जाता है की बरगद का पेड़ भाई रूपी है जो मंदिर के अंदर अवस्थित बहन को चारो तरफ से घेर कर रक्षा करता है. इस स्थान पर एक मंदिर बनाया गया है. इस मंदिर के अंदर भाई और बहन के स्वरुप का पिंड है, जहाँ सभी लोग पूजा अर्चना करते है.

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बरगद के पेड़ को राखी बांधा जाता है

रक्षा बंधन के दिन महिलाएं और लड़कियां इस मंदिर में राखी चढ़ाती है और वही राखी फिर भाई रूपी बरगद को बांधती है. प्रत्येक वर्ष के भाद्रपद में यहाँ विशाल मेला का भी आयोजन किया जाता है. जहाँ दूर-दूर से लोग आते है। साथ ही महावीरी मेला भी लगता है.

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