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आँजुर: पहली बज्जिका फीचर फिल्म अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फ़ेस्टिवल के लिए तैयार

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सालों की कठिनाइयों और समर्पित सामुदायिक प्रयासों के बाद आँजुर बज्जिका भाषा में बनी पहली फीचर फिल्म अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है.

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सीतामढ़ी सालों की कठिनाइयों और समर्पित सामुदायिक प्रयासों के बाद आँजुर बज्जिका भाषा में बनी पहली फीचर फिल्म अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है. फिल्म का निर्देशन आर्यन चंद्र प्रकाश ने किया है. यह बिहार के सीतामढ़ी जिले के ग्रामीण परिवेश में पूरी तरह से फिल्माई गयी है. फिलहाल, यह फिल्म दुनिया के प्रमुख फिल्म महोत्सवों में भेजी जा रही है. भारत में लगभग दो करोड़ से अधिक बज्जिका बोलने वालों के साथ आँजुर पहली बज्जिका फीचर फिल्म के रूप में अपनी विशिष्टता रखती है.

10 वर्षीया सलोनी की मार्मिक व प्रेरणादायक कहानी

आँजुर 10 वर्षीया उत्तर बिहार की लड़की सलोनी की मार्मिक और प्रेरणादायक कहानी बताती है. वह अपनी शिक्षा के लिए पारंपरिक सामाजिक मानदंडों को चुनौती देती है. मां की आकस्मिक मृत्यु के बावजूद सलोनी ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों का सामना करती है. घर का कामकाज संभालती है. अपने पिता की मदद करती है. समाज की आलोचनाओं को सहन करती है. सलोनी के पिता, जो एक किन्नर नाच दल के गायक-संगीतकार हैं, हर परिस्थिति में उसका साथ देते हैं. फिल्म में सलोनी की यात्रा को उन लड़कों की कहानियों से भी जोड़ा गया है, जो सोशल नेटवर्किंग की दुनिया से प्रभावित हैं. इससे पता चलता है कि कैसे आधुनिक दुनिया ग्रामीण जीवन के ताने-बाने से जुड़ती है.

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ग्रामीण जनों को सशक्त बनाने का उद्देश्य

आर्यन बताते हैं कि आँजुर केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि एक सामुदायिक परियोजना है. इसका उद्देश्य ग्रामीण जनों को सशक्त बनाना है. फिल्म के हर पहलू, चाहे वह अभिनय हो या शूटिंग, सभी कार्य स्थानीय समुदाय के लोगों ने िनभाया है. इनमें से कई लोगों को फिल्म निर्माण का कोई अनुभव नहीं था. आर्यन का उद्देश्य न केवल अपने समुदाय का कहानी बताना था, बल्कि उन्हें सशक्त बनाना भी था. उन्हें अपने कौशल को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना था.

फिल्म निर्माण में लगे पांच वर्ष

इस फिल्म की अनूठी प्रकृति इसकी बज्जिका संस्कृति से जुड़ी है. इसमें दुनिया भर के हजार से अधिक लोगों के योगदान शामिल हैं. फ़िल्म निर्माण में लगभग पांच वर्ष लगे. यह परियोजना वैश्विक स्तर पर कला-प्रेमी समुदाय के व्यापक समर्थन को प्राप्त कर चुकी है. इससे यह हाइपर-लोकल कहानी भी वैश्विक दर्शकों के साथ गूंजती है. इस फिल्म का सह-निर्माण पीएस माथारू, अर्पित चिक्कारा और नूतन गुप्ता ने किया है. मुख्य निर्माण में श्रीरामपुर संवाद का सहयोग शामिल है.

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आँजुर में सजीवन पासवान, स्तुति प्रकाश, धीरेंद्र कुमार, मनीष कुमार, शिवशंकर, और ललित प्रमुख भूमिकाओं में हैं. आँजुर पहली फ़िल्म बाज़ार, गोवा का हिस्सा रही है. भारत में दो करोड़ से अधिक बज्जिका बोलने वालों के साथ आँजुर पहली बज्जिका फीचर फिल्म के रूप में अपनी विशिष्टता रखती है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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