संपूर्ण सीतामढ़ी मां सीता की है जन्मभूमि : बलवंत शास्त्री
जिले के रीगा निवासी डॉ बलवंत शास्त्री व हिंदी राजभाषा समिति, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्य बलवंत शास्त्री ने कहा है कि विश्व में शर्वशक्तिमान, उर्जावान और पूर्णभूमि पुण्यदायिका सीतामढ़ी धाम है,
सीतामढ़ी. जिले के रीगा निवासी डॉ बलवंत शास्त्री व हिंदी राजभाषा समिति, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्य बलवंत शास्त्री ने कहा है कि विश्व में शर्वशक्तिमान, उर्जावान और पूर्णभूमि पुण्यदायिका सीतामढ़ी धाम है, इसीलिए स्वयं मां भगवती यहां प्रकट हुईं. कुछ वर्चस्ववादी विश्व के मानचित्र पर सीतामढ़ी धाम का विकास होने नहीं देना चाहते हैं. अयोध्या का विकास इसलिए हुआ, क्योंकि अयोध्या में अलग से कोई ऐसा भुखंड नहीं था, जिसको राम जन्मभूमि कहा जाए. वहां का हर व्यक्ति संपूर्ण अयोध्या को राम जन्मभूमि मानता है. इसी तरह संपूर्ण सीतामढ़ी मां सीता की जन्मभूमि है. अलग से पुनौराधाम कहने का कोई अर्थ नहीं है. पुनौरा-पुनौरा वह लोग बोल रहे हैं, जिनकी जमीन आसपास में है. सीतामढ़ी धाम का पूर्ण विकास तभी संभव है, जब हम सब मिलकर एक स्वर में सीता जन्मभूमि को सीतामढ़ी धाम कहेंगे. — राष्ट्रीय स्तर की व्यवस्था और गुरुकुल की होनी चाहिए व्यवस्था. कहा कि क्या कारण है कि सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन का विकास नहीं हुआ है. उच्च कोटि का बस अड्डा नहीं बन पाया है. विकशित शहरों की तरह न रोड है, न स्टेडीयम है और न चिकित्सा सुविधा है. राष्ट्रीय स्तर के ट्रेन और हवाई अड्डा नहीं है. अतिथि गृह, धर्मशाला व वेद्, पुराण, शास्त्रों के अध्यनन के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय की व्यवस्था होनी चाहिए थी. यहां के लोगों को जाति, धर्म से उपर उठकर सनातनी होना चाहिए. गुरुकुल परंपरा फिर से शुरू होनी चाहिए.
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