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कोरोना संक्रमण के साये में पवित्र सावन महीने की शुरुआत सोमवार से हो गई है.हर साल इस महीने में लाखों श्रद्धालु भगवान शिव की विशेष रूप से आराधना और अभिषेक करते थे, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण मंदिरों में होने वाले जलाभिषेक पर रोक लगा दी गयी है. इस बार सावन कि खास बात यह है कि इसकी शुरुआत और समापन दोनों ही सोमवार को हो रहा है, जो कि 6 जुलाई से शुरू होकर 03 अगस्त तक चलेगा. इस बार सावन में 36 शुभ योग भी पड़ रहे हैं, इसमें 11 सर्वार्थ सिद्धि, 10 सिद्धि योग,12 अमृत योग और तीन अमृत सिद्धि योग रहेंगे. जिससे सावन मास की शुभता और अधिक बढ़ जायेगी. हालांकि बेहतर योग रहने के बावजूद भी श्रद्धालुओं में निराशा दिख रही है, क्योंकि यह पहला सावन है जब कोई भी श्रद्धालु मंदिर में जाकर जलार्पण नहीं कर सकेंगे. प्रदेश के कुछ प्रमुख मंदिरों में क्या है सावन की हलचल, आइये जानते हैं...

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कोरोना संक्रमण के साये में पवित्र सावन महीने की शुरुआत सोमवार से हो गई है.हर साल इस महीने में लाखों श्रद्धालु भगवान शिव की विशेष रूप से आराधना और अभिषेक करते थे, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण मंदिरों में होने वाले जलाभिषेक पर रोक लगा दी गयी है. इस बार सावन कि खास बात यह है कि इसकी शुरुआत और समापन दोनों ही सोमवार को हो रहा है, जो कि 6 जुलाई से शुरू होकर 03 अगस्त तक चलेगा. इस बार सावन में 36 शुभ योग भी पड़ रहे हैं, इसमें 11 सर्वार्थ सिद्धि, 10 सिद्धि योग,12 अमृत योग और तीन अमृत सिद्धि योग रहेंगे. जिससे सावन मास की शुभता और अधिक बढ़ जायेगी. हालांकि बेहतर योग रहने के बावजूद भी श्रद्धालुओं में निराशा दिख रही है, क्योंकि यह पहला सावन है जब कोई भी श्रद्धालु मंदिर में जाकर जलार्पण नहीं कर सकेंगे. प्रदेश के कुछ प्रमुख मंदिरों में क्या है सावन की हलचल, आइये जानते हैं…

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 सुल्तानगंज , अजगैवीनाथ 

ज्योर्तिलिंग बाबा बैद्यनाथ की पूजा करने पर इस बार रोक है. साथ ही सुल्तानगंज के अजगैवीनाथ मंदिर की पूजा कर उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर हर साल बाबानगरी जाने वाले कांवरियों के देवघर आने पर भी रोक लगा दी गयी है. देवघर व दुमका की सीमाएं सील कर दी गयी है. इतिहास में पहली बार देवघर में बोलबम का मंत्र नहीं गूंजेगा. ऐसे में प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था की है. सावन में रोजाना सुबह 4.45 व संध्या में 7.30 बजे श्रद्धालुओं बाबा बैद्यनाथ का ऑनलाइन वर्चुअल दर्शन कर सकेंगे. इस साल कांवर यात्रा पर रोक है.

बाबा मटेशवर धाम, सिमरी बख्तियारपुर

सहरसा में सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के कांठो पंचायत स्थित बाबा मटेशवर धाम सुनसान पड़ा है. पहले सावन की सोमवारी को लेकर कावंरियों का जत्था निकलता था, आज वही रास्ता मौन है. सिमरी बख्तियारपुर से मुंगेर के छरापट्टी तक कांवरिया ही कांवरिया नजर आते थे. बाबा मटेशवर नगरी में भी कोरोना का प्रकोप है. बलवाहाट बजार में सावन व भाद्र मास में बाबा मटेश्वर धाम के कारण अरबों का कारोबार होता था. बाबा मटेशवर कांवरिया संघ के अध्यक्ष मुन्ना भगत ने बताया कि मंदिर तो बंद कर दिया गया है, लेकिन कुछ लोग डाक बम गये हैं. जिन लोगों की आस्था है उन्हें कैसे रोका जा सकता है. मंदिर के बाहर से अरघा द्वारा जलाभिषेक किया जायेगा. बाबा मटेशवर धाम के पंडा हरिओम बाबा ने बताया कि उसके जीवन काल में यह पहला दिन है कि सावन जैसे मास में बाबा नगरी वीरान है. कोई चहल पहल नहीं है.

सिंहेश्वर धाम, मधेपुरा

मधेपुरा: सिंहेश्वर में देवाधिदेव महादेव के भक्तों के आगे कोरोना वायरस की एक नही चली. आषाढ की पुर्णिमा को बाबा सिंहेश्वर नाथ का मंदिर बंद रहने के बावजूद भाड़ी भीड़ ने अधिकारियों के हाथ पाव फुला दिया. वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने सावन भादो के महीने में श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुये दो माह के लिए मंदिर को बंद कर चारों तरफ बांस बल्लों सहित अन्य सामानों से सील कर दिया. लेकिन बाबा मंदिर के सिंह द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड़ बाहर से पूजा करने लगी.

अशोक धाम, लखीसराय

लखीसराय: श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में सावन की पहली सोमवारी के अवसर पर ट्रस्ट कमेटी की ओर से वैदज्ञ ब्राह्मणों के द्वारा गगनभेदी वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान शंकर का रुद्राभिषेक, महाआरती एवं पूजा अर्चना होगी. उपरोक्त बातें ट्रस्ट के सचिव डॉ श्याम सुंदर प्रसाद सिंह ने व्यक्त की. उन्होंने कहा वैश्विक महामारी कोविड-19 प्रकोप के चलते भारत सरकार की गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार की ओर से श्रावण महीना के अवसर पर कांवरियों के द्वारा जलाभिषेक किये जाने एवं भीड़भाड़ लगाए जाने पर पाबंदी लगा दी गयी है. इसके चलते सावन माह के अवसर पर आम श्रद्धालुओं की ओर से सुप्रसिद्ध अशोक धाम मंदिर में सार्वजनिक रूप से पूजा अर्चना एवं जलाभिषेक के कार्य नहीं किये जायेंगे. उन्होंने कहा इन नियमों का पालन करवाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी भी पूरे सावन माह विधि व्यवस्था संधारण ड्यूटी में तैनात किये गये हैं. ट्रस्ट के सचिव डॉ सिंह ने बताया कि सुप्रसिद्ध अशोक धाम मंदिर में कोविड-19 का प्रकोप के चलते तत्काल वेवेक्स एवं इंटरनेट की समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने को लेकर ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था नहीं की गयी है. उन्होंने श्रद्धालुओं से मंदिर परिसर से दूर रहकर ही भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना करने की गुजारिश की. डॉ सिंह ने तमाम शिव भक्तों से वैश्विक महामारी कोविड-19 के नियमों का पालन किये जाने की बातें कहीं. कहा कि अन्य दिनों की भांति ब्राह्मणों की ओर से सोशल डिस्टैंसिंग के बीच भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना होगी.

थानेश्वर मंदिर, समस्तीपुर

समस्तीपुर: श्रावण की पहली सोमवारी के साथ ही सावन की शुरुआत आज से हो गई है. मगर इस बार भक्तों को थानेश्वर बाबा के दर्शन नहीं हो सकेगा. मंदिर प्रशासन ने सिर्फ सुबह की पूजा व संध्या आरती के लिये गर्भगृह के कपाट खोलने का निर्णय किया है. इस बार बाबा की सभी पूजा व अभिषेक मंदिर प्रशासन के पंडों की ओर से ही की जायेगी. शेष समय बाबा के गर्भगृह का कपाट पूरी तरह बंद रहेगा. जिससे श्रद्धालुओं का जमावड़ा मंदिर में नहीं हो सके. सिंहद्वार व उत्तरी निकास द्वार को भी बंद करने का निर्णय मंदिर प्रशासन की ओर से लिया गया है. मुख्य पंडा संजय पंडा ने बताया कि मेला को बंद करने के निर्णय के बाद मंदिर में भीड़ नहीं जुटे इसके लिये यह निर्णय लिया गया है. इधर, सावन की पहली सोमवारी को देखते हुये थानेश्वर स्थान स्थित बाबा भोलेनाथ की पूजा रुद्राभिषेक के साथ किया जायेगा. बाबा का श्रृंगार होगा व भोग लगाये जायेंगे.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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