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सारण में 15 सितंबर से शुरू होगा तीन दिवसीय कविवर कन्हैया जन्मशती समारोह, कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार…

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Saran News: बिहार इप्टा के पूर्व महासचिव और कवि कन्हैया के जन्म शताब्दी के अवसर पर तीन दिवसीय साहित्यिक-सांस्कृतिक समारोह की शुरूआत कल से किया जाएगा. इसका आयोजन लोकगायिका विंध्यवासिनी देवी नगर, रामजंगल सिंह महाविद्यालय, दिघवारा में होगा.

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Saran News: बिहार इप्टा के पूर्व महासचिव और कवि कन्हैया के जन्म शताब्दी के अवसर पर तीन दिवसीय साहित्यिक-सांस्कृतिक समारोह की शुरूआत कल से किया जाएगा. इसका आयोजन लोकगायिका विंध्यवासिनी देवी नगर, रामजंगल सिंह महाविद्यालय, दिघवारा में होगा. बिहार और पड़ोसी राज्यों के कलाकारों और साहित्यकारों का दिघवारा आना शुरू हो गया है.

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कविवर कन्हैया जन्मशती समारोह आयोजन समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने जानकारी दी कि दिघवारा की रत्नागर्भ धरती से एक क्रान्तिकारी साहित्यकार, कवि, कलाकार, संगीतकार, शिक्षाविद ने जन्म लिया है. दिघवारावासियों के लिए गर्व की बात है कि 100 वर्ष पूर्व कविवर कन्हैया का जन्म सारण के छपरा शहर में हुआ था. कन्हैया जी का पैतृक ग्राम मानूपुर है, जो दिघवारा प्रखण्ड में स्थित है. कन्हैया जी भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा), बिहार के महासचिव भी रहे हैं. इस महान विभूति की जन्मशती का आयोजन सारण जिला के सभी चेतनाकामी, परिर्वतनगामी साहित्य-संस्कृति के प्रति सम्मान और गौरवबोध की अभिव्यक्ति है.

जन्मशती समारोह का आयोजन जन सांस्कृतिक आंदोलन को सरगर्म बनाए रखने का अवसर

कविवर कन्हैया जन्मशती समारोह के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव तनवीर अख़्तर ने बताया कि कविवर कन्हैया को बिहार में इप्टा आन्दोलन को सशक्त करने में कविवर कन्हैया की भूमिका अद्वितीय है. कविवर कन्हैया जन्मशती समारोह का तीन दिवसीय आयोजन अपने पुरखों को याद करने और उनकी प्ररेणा से राज्य-देश में जन सांस्कृतिक आन्दोलन को सरगर्म बनाये रखने का अवसर है.

साहित्यकार वीरेंद्र यादव समारोह का करेंगे उद्घाटन

देश के वरिष्ठ आलोचक व साहित्यकार वीरेन्द्र यादव तीन दिवसीय कविवर कन्हैया जन्मशती समारोह का उद्घाटन करेंगे और मुख्य अतिथि के रूप में इप्टा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व नाटककार राकेश शामिल होंगे. इस अवसर पर वरिष्ठ कवि अरूण कमल, नाटककार हृषीकेष सुलभ, कवि रवीन्द्र भारती, कवि रंजीत वर्मा, ऊर्दु के प्रख्यात शायर कासिम खुर्शीद, इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव तनवीर अख़्तर, विधान पार्षद प्रो० वीरेन्द्र नारायण यादव, प्रो० लालबाबू यादव, इन्दु प्रभा, प्रमेन्द्र नारायण सिंह और आनन्द बिहार शरण उपस्थिति रहेंगे. उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता बिहार इप्टा के अध्यक्ष समी अहमद, डाॅ॰ सत्यजीत और ताप्ती वर्मा करेंगी.

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पोस्टर प्रदर्शनी का भी होगा आयोजन

इस अवसर पर इप्टा आन्दोलन पर केन्द्रित पोस्टर प्रदर्शनी आयोजित की जायेगी, जिसका उद्घाटन कवि-नाटककार रवीन्द्र भारती करेंगे. समारोह के दूसरे दिन 16 सितम्बर को प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी शैलेन्द और राकेश का ‘हमारे सपनों का भारत’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन होगा. व्याख्यान का संचालन चंद्रकांता खाँ करेंगी और अध्यक्षता वीरेन्द्र यादव करेंगे.

समारोह के दूसरे दिन संगोष्ठी का होगा आयोजन

इसी दिन दूसरे सत्र में ‘लोक दृष्टि में कविवर कन्हैया’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, जिसमें कविवर कन्हैया के रचना संसार और सृजनशीलता पर देश के प्रख्यात साहित्यकार-संस्कृतिकर्मी अपनी बात रखेंगे. प्रसिद्ध प्राध्यापक जावेद अख़्तर खाँ, संगीत नाटक अकादमी के सम्मान से सम्मानित परवेज अख़्तर, गीतिका शरण, रवीन्द्र भारती, रंजीत वर्मा, निवेदिता, सुमंत शरण, उषा वर्मा, धर्मेन्द्र सुशांत, आनन्द बिहारी शरण, सुरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, विपीन बिहारी श्रीवास्तव, विनोद कुमार और सत्येन्द्र कुमार के वक्तव्य मुख्य आकर्षण होंगे. सत्र की अध्यक्षता प्रो० लालबाबू यादव करेंगे तथा संचालन तनवीर अख़्तर करेंगे.

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तीसरे और अंतिम दिन कन्हैया के पैतृक गांव की पदयात्रा की जाएगी

समारोह के तीसरे व अंतिम दिन अहले सुबह में कलाकारों, साहित्यकारों एवं संस्कृतिकर्मियों के द्वारा ‘कवि की पगध्वनियाँ’ नाम से कन्हैया के पैतृक गांव मानूपुर की पदयात्रा की जायेगी. दोपहर में कवि-गोष्ठी का आयोजन होगा जिसमें देश-प्रदेश के कवियों की भागीदारी हो रही है.

कवि-गोष्ठी में रवीन्द्र भारती, रंजीत वर्मा, सत्येन्द्र कुमार, निवेदिता, सुरेन्द्र शर्मा विषाल, हृदय नारायण ‘हेहर’, वीरेन्द्र कुमार मिश्र ‘अभय’, सुदर्शन प्रसाद राय, राजाराम सिंह ‘प्रियदर्षी’, दक्ष निरंजन शंभु, रिपंजय निषांत, भूपेष भीम, सुरेन्द्र नाथ त्रिपाठी एवं डॉ० बबीता कुमारी अपनी कविता पढ़ेंगी.

भोजपुरी के अलावा मगही, मैथिली और अंगिका बोलियों में लोकगीत होंगे प्रस्तुत

बिहार इप्टा के कार्यवाहक महासचिव फीरोज़ अशरफ ख़ाँ ने इस अवसर पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि पहली बार दिघवारा की धरती पर सम्पूर्ण बिहार की सांस्कृतिक छटा बिखरेगी. भोजपुरी के अलावा मगही, मैथिली और अंगिका बोलियों में लोकगीत प्रस्तुत किये जायेंगे. भोजपुरी, हिन्दी के नाटक होंगे और बिहार की सांस्कृतिक लोक परम्पराओं के लोकनृत्य होंगे. ताल नृत्य संस्थान – भागलपुर इप्टा द्वारा लोकनृत्यों की विहंगम प्रस्तुति की जायेगी.

कविवर कन्हैया के गीत और भोजपुरी लोकगीतों की होगी प्रस्तुति

परिर्वतन रंग मंडली, नरेन्द्रपुर (जिरादेई) द्वारा कविवर कन्हैया के गीत और भोजपुरी लोकगीतों की प्रस्तुति होगी. छपरा इप्टा, आरा इप्टा, बीहट (बेगूसराय) इप्टा, मंझौल इप्टा, मढ़ौरा इप्टा, सुतिहार इप्टा, भेल्दी इप्टा, दिघवारा इप्टा, एकमा इप्टा, सिवान इप्टा मधुबनी इप्टा और मधेपुरा इप्टा लोकगीत, जनगीत, भावनृत्य, आदि की प्रस्तुति की जायेगी.

पटना इप्टा द्वारा ‘वीरगति’ नाटक, छपरा इप्टा द्वारा ‘नौटंकी उर्फ कमलनाथ मज़दुर’, परिर्वतन नाट्य मंडली द्वारा ‘दगा है गये बालम’ और दिघवारा इप्टा द्वारा ‘बिदेसिया’ का प्रदर्शन किया जायेगा. 15 से 17 सितम्बर तक रोजाना शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रामजंगल सिंह महाविद्यालय परिसर में किया जायेगा.

15 सितंबर को निकलेगी जन सांस्कृतिक यात्रा

आयोजित समिति के महासचिव राजेन्द्र प्रसाद राय ने दिघवारा वासियों को इस एतिहासिक अवसर का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित किया. उन्होने बताया कि कल 15 सितम्बर को दिघवारा शहर में जन सांस्कृतिक यात्रा निकाली जायेगी. कलाकार-साहित्यकार, संस्कृतिकमी व नागरिक एकसाथ मिलकर फूहड़ता और भैडंती के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे.

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