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बिहार का ललित झा शिक्षक से संसद भवन कांड का मास्टरमाइंड कैसे बन गया? जानिए क्यों उठाया यह कदम..

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संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में ललित झा ने सरेंडर कर दिया है. ललित झा को संसद भवन कांड का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है. ललित झा के पिता ने अपने बेटे को लेकर कई खुलासे किए हैं. वहीं पुलिस ने बताया है कि संसद भवन कांड में ललित झा की क्या भूमिका रही..

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Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने वाले साजिशकर्ता ललित झा ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. संसद भवन कांड का मुख्य साजिशकर्ता ललित झा बिहार का निवासी है. वह मूल रूप से दरभंगा जिले के अलीनगर पखंड के रामपुर उदय का रहनेवाला है. ललित झा (Lalit Jha Darbhanga) की गिरफ्तारी होते ही सुरक्षा में सेंध लगाकर संसद के अंदर प्रवेश करने और सदन का माहौल बिगाड़ने वाले मामले का तार बिहार से जुड़ गया. वहीं ललित झा के पिता अब मीडिया के सामने आये हैं और उन्होंने ललित झा के बारे में कई अहम जानकारी दी है. जबकि मामले की जांच में जुटी पुलिस ने भी ललित झा को लेकर कई अहम बातें सामने रखी हैं.

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ललित झा के पिता ने क्या कहा..

संसद की सुरक्षा में चूक मामले में गिरफ्तार ललित झा मूल रूप से दरभंगा के अलीनगर प्रखंड के रामपुर उदय का रहने वाला है. बताया जाता है कि अपने गांव से उसका जुड़ाव काफी कम रहा है. उसके पिता पंडित देवानंद झा और मां मंजुला झा शुक्रवार को मीडिया के सामने आए और ललित झा के बारे में कुछ जानकारी उन्होंने दी. बताया कि उनका परिवार कोलकाता में ही कई सालों से रह रहा है. देवानंद झा पूजा-पाठ कराकर परिवार की परवरिश करते हैं. ललित झा के बारे में बताया कि वह भी कोलकाता में ही रहता था और वहीं से दिल्ली गया जिसके बाद संसद भवन कांड को अंजाम दिया.

पुजारी का बेटा ललित झा पेशे से था शिक्षक

ललित झा के पिता ने बताया कि ललित बचपन से होनहार था. पढ़ने में वो बेहद तेज था. गांव के विद्यालय से 7वीं तक की पढ़ाई करने के बाद वह 2008 में कोलकाता चला गया. पांच साल पहले उसने बीए की पढ़ाई पूरी की थी और कोचिंग में पढ़ाता था. ललित झा पैसे के लिए होम ट्यूशन भी करता था. उसकी पकड़ बॉयोलॉजी और अंग्रेजी पर काफी अच्छी थी. ललित तीन भाइयों में सबसे बड़ा है. बता दें कि ललित झा का पूरा परिवार उसकी इस हरकत से दंग है. उसके पिता ने बताया कि वे लोग करीब 50 साल से कोलकाता में ही रहते हैं. त्योहार में गांव जाते हैं. इस बार टिकट नहीं मिला तो छठ में ना जाकर पर्व के बाद 10 दिसंबर को गांव के लिए निकले. ललित झा भी उसके बाद ही दिल्ली के लिए रवाना हुआ था.

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ललित झा ने तमाम फोनों को किया नष्ट

शुकवार को दिल्ली की एक अदालत में ललित झा को पुलिस ने पेश किया. जहां से 7 दिनों के रिमांड पर उसे पुलिस को सौंपा गया. पुलिस का कहना है कि ललित और उसके साथी बेरोजगारी से परेशान थे और देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि सरकार को अपनी मांगो को पूरा करने के लिए मजबूर कर सके. ललित झा ने ही संसद के अंदर घुसे अपने साथियों सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम और अमोल शिंद के फोन भी अपने पास रख लिए थे और उसका दावा है कि सबूत नष्ट करने के मकशद से उसने सबों के फोन को नष्ट कर दिया है.बता दें कि सांसद के पास पर संसद भवन के भीतर प्रवेश कर कलर स्प्रे का प्रयोग कर विरोध जतानेवालों में ललित भी शामिल था. जूते में छिपाकर ये लोग स्प्रे लेकर पहुंचे थे, जिसकी उच्चस्तरीय जांच हो रही है.

जानिए क्या है पूरी घटना..

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ललित झा सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहता था. उसने देशभक्त 88 नाम से एक आइडी इंस्टाग्राम पर बनाया था. जिसमें भगत सिंह की तस्वीरें और उनसे जुड़ी बातों को लिखता था. लोगों को गुमराह करके साथ जोड़ने की बात का भी पता पुलिस लगाएगी. गौरतलब है कि बुधवार को संसद पर हमले की 22वीं बरसी थी. सदन की कार्यवाही चल रही थी. अचानक दर्शक दीर्घा से दो युवक सदन के अंदर कूद गए. दोनों युवक टेबल पर कूदने लगे. दोनों ने अपने-अपने जूतों में केन स्प्रे छिपाकर रखा था. जूतों से केन को निकालकर उन्होंने संसद के अंदर स्प्रे करना शुरू कर दिया. जिससे सदन में पीला धुंआ फैल गया. जिसके बाद कुछ सांसदों और मार्शल ने युवकों को दबोच लिया. सागर शर्मा और मनोरंजन डी इन दोनों का नाम था. जो मैसूरु के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर बने पास पर आए थे. वहीं सदन के बाहर भी इनके दो साथी हंगामा करते पकड़े गए थे. जबकि मुख्य साजिशकर्ता माने जा रहे ललित झा ने दिल्ली में पुलिस के आगे सरेंडर किया. पुलिस अब पूरे मामले की जांच गहराई में जाकर कर रही है.

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