27.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 03:37 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मंजर से उदास बागवान को फलदार पेड़ बंधा रही आस

Advertisement

विद्यापतिनगर : आम की विभिन्न प्रजाति के फलन के लिए जाने जाने वाले बगीचे इस वर्ष अपने बागवान को दगा दे गया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

विद्यापतिनगर : आम की विभिन्न प्रजाति के फलन के लिए जाने जाने वाले बगीचे इस वर्ष अपने बागवान को दगा दे गया. इससे होने वाली आय पर पूर्ण होने वाले सपने मजबूरी के आलम में भविष्य की ओर धकेल दिये गये. इससे कहीं शहनाई की सुमधुर थम सी गयी तो कई नये कार्य ठमक से गये. आलम है प्रखंड के बड़े भू-भाग में फैले बैशा बगीचा का. पांच सौ से अधिक एकड़ में इस बगीचा की पहचान बिहार सहित झारखंड व बंगाल राज्य में है. यह आम के विभिन्न उन्नत प्रभेद के लिए जाना जाता है. गत कुछ वर्षों को छोड़ इस बगीचा में हर वर्ष भरपूर मंजर के बाद टिकोले व फल होते थे. इधर, कुछ वर्षों से मौसम की बेरुखी कहें या फिर फसल चक्र का प्रवर्तित स्वरूप. पेड़ों के मंजर में एक वर्ष का ठहराव देखा जा रहा है. एक वर्ष गैप होने के बाद दूसरे वर्ष मंजर आने के नये सिलसिले से इस बगीचा में मंजर से पूर्व फलों के व्यवसायी इसका दो वर्ष का सौदा करते हैं. इससे बागवानों के एक वर्ष की आय मारी जाती है. बताया जाता है कि बागवान किसान फलदार पेडों के जरिये अपने रोजमर्रे की आवश्यकताओं सहित ग्रामीण परिवेश में सांस्कृतिक, सामाजिक व धार्मिक कार्य को सम्पन्न करते आये हैं. जहां उनके बाग में मंजर का नहीं आना उनके सपने को टूटने जैसा हो गया है. वहीं दूसरा पहलू किसानों को रोमांचित ही नहीं अच्छे दिन आने का भरोसा दिला रहा है. मंजर से उदास बागवान को कोमल नये पत्तों से हरे भरे आम के पेड़ आने वाले दिनों में आस बंधा रही है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें