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चार विद्यालयों के एचएम से स्पष्टीकरण

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डीईओ ने सभी एचएम से साक्ष्य आधारित स्पष्टीकरण तीन दिनों के अंदर देने को कहा है.

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समस्तीपुर . शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश का उल्लंघन करते हुए विभिन्न प्रखंड के चार विद्यालय निरीक्षण के दौरान पाये गये हैं. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने निरीक्षण प्रतिवेदन के साथ प्रतिवेदित फोटो पर संज्ञान लेते हुए मामले को गंभीरतापूर्वक लिया है. जानकारी के मुताबिक 13 अप्रैल को निरीक्षण के दौरान प्राथमिक विद्यालय नरहन रायपट्टी विभूतिपुर, प्राथमिक विद्यालय भिखनचक शिवाजीनगर, प्राथमिक मकतब विद्यालय मलकलीपुर विद्यापतिनगर व प्राथमिक विद्यालय चौथाई मोहनपुर में बच्चे बोरा पर बैठ शिक्षा प्राप्त कर रहे थे. डीईओ ने संबंधित विद्यालय के एचएम को फटकार लगाते हुए कहा है कि विभागीय दिशा-निर्देश के विपरीत कार्य करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से वेतन स्थगित किया जाता है. डीईओ ने सभी एचएम से साक्ष्य आधारित स्पष्टीकरण तीन दिनों के अंदर देने को कहा है. विदित हो कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी विद्यालयों के लिए स्पष्ट निर्देश दे दिया है कि 1 अप्रैल से किसी भी विद्यालय में बच्चे बोरे पर पढ़ाई नहीं करेंगे. अगर किसी भी स्कूल में ऐसा होता है तो उस विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्रधानाचार्य पर कार्रवाई होगी. केके पाठक की तरफ से जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि क्लास एक से लेकर 12 वीं तक का कोई भी बच्चा फर्श पर बैठकर पढ़ाई नहीं करेगा. इधर, कई विद्यालय के एचएम ने बताया कि विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप अभी और बेंच डेस्क चाहिए. कई पुराने बेंच डेस्क इस कदर खराब हो गये हैं अब वह मेंटेन नहीं हो सकते हैं. हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि सभी विद्यालयों के सभी बच्चे जमीन पर बैठकर ही पढ़ाई करते हैं. वैसे बेंच-डेस्क की कमी के चलते प्राइमरी के बच्चों को अमूमन नीचे ही बैठना पड़ता है. कई जगह जहां कमरा का भी अभाव है वहां उन्हें विद्यालय परिसर में नीचे बैठकर भी पढ़ाई करनी पड़ती है. ऐसे में सरकार ने सभी विद्यालयों को आवश्यकता के अनुसार बेंच-डेस्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. इसके मद्देनजर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक ने राज्य के सभी प्रारंभिक विद्यालयों को बेंच-डेस्क की सुविधा से आच्छादित करने के लिए आवश्यकता के आकलन के लिए पत्र जारी किया था. इसके बावजूद भी बच्चें अगर बोरा पर बैठकर पढ़ रहे है तो इसकी जांच होनी चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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