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पटना के 1014 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में बनेगा सहेली कक्ष, जानें क्या मिलेंगी सुविधाएं

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शिक्षा विभाग की ओर से पहले जिले के 33 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में सहेली कक्षा का निर्माण किया जायेगा. इसके बाद जिले के 1014 स्कूलों माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में सहेली कक्षा तैयार किया जायेगा.

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पटना. जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को विशेष सुविधा प्रदान करने के लिए माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में सहेली कक्षा का निर्माण किया जायेगा. शिक्षा विभाग की ओर से पहले जिले के 33 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में सहेली कक्षा का निर्माण किया जायेगा. इसके बाद जिले के 1014 स्कूलों माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में सहेली कक्षा तैयार किया जायेगा. इसके लिए स्कूलों से पर्याप्त जगह का विवरण मांगा गया है. इसमें स्कूल प्रबंधकों को बताना होगा की कक्षा और ग्राउंड का कितना एरिया अर्जित किया गया है इसका विवरण देना होगा. दिये गये डिटेल के आधार पर स्कूल के एक कक्ष को सहेली कक्ष के रूप में विकसित किया जायेगा.

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स्कूलों में छात्राओं की उपस्थिति में होगी बढ़ोतरी

सहेली कक्ष के लिए स्कूल से चयनित शिक्षा को नोडल अधिकारी बनाया जायेगा. सहेली कक्ष तैयार करने का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में छात्राओं की उपस्थिति की बढ़ाना है. इसके साथ ही सहेली कक्ष में छात्राओं की सुविधा के लिए सैनिटरी पैड वेडिंग मशीन और डिस्पोजल मशीन भी लगायी जायेगी. इसमें महिला विकास निगम और यूनिसेफ के जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जायेगा. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्याम नंदन ने बताया कि सहेली कक्ष के निर्माण से सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा इसके साथ ही स्कूलों में छात्राओं की उपस्थिति में बढ़ोतरी होगी.

सहेली कक्ष में छात्राओं को मिलेगी यह सुविधा

सेहली कक्ष में छात्राओं को सेनेटरी पैड मशीन, पैड डिस्पोजल मशीन, मेडिकल एमर्जेंसी में आराम करने के लिए बेड की भी व्यवस्था की जायेगी. इसके साथ ही कक्ष में मोटिवेटिव स्लोगन और पेंटिंग की जायेगी जिससे जिससे छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़े सके और वे पढ़ाई के साथ ही स्कूलों द्वारा आयोजित अन्य गतिविधियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें.

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तीन शिफ्टों में होगी स्कूलों की जांच, टीम करेगी भ्रमण

इधर, दूसरी ओर समस्तीपुर के सरकारी स्कूलों के लिए लागू नयी समयसारिणी के आलोक में अब तीन शिफ्टों में स्कूलों की जांच होगी. डीइओ मदन राय ने बताया कि विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार समयसारिणी बनी है साथ ही उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों को तीन शिफ्टों में स्कूलों की जांच का निर्देश दिया है. इसमें सुबह नौ से दस, दोपहर 12 से एक बजे और शाम तीन से चार बजे का शिफ्ट बनाया गया है. डीइओ ने बताया कि प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षण कार्य की बेहतरी के लिए निर्देश का क्रियान्वयन करना है. जल्दी ही सभी एचएम की बैठक करेंगे. स्कूलों में तीन शिफ्टों की जांच के लिए छह पदाधिकारियों की टीम काम करेगी.

प्राथमिक विद्यालयों में 12 बिंदुओं पर होगी जांच

जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा लगातार विद्यालयों का निरीक्षण कराया जा रहा है. जांच करने वाले पदाधिकारी जांच के क्रम में नव उत्क्रमित, उत्क्रमित माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 17 बिंदुओं पर जांच करेंगे, जबकि प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में 12 बिंदुओं की जांच करने का निर्देश दिया गया है. निरीक्षण को और प्रभावी बनाने के लिए अपर मुख्य सचिव ने डीइओ को पत्र जारी किया है. प्राथमिक विद्यालयों में विद्यालय परिसर, भवन की साफ-सफाई, रंग-रोगन, पेयजल, शौचालय का निरीक्षण किया जायेगा.

इनपर होगी खास नजर

शिक्षक व छात्र उपस्थिति पंजी से भौतिक उपस्थिति की जांच, मीनू के अनुसार मध्याह्न भोजन व उसकी गुणवत्ता की जांच, समयसारिणी के अनुसार कक्षाओं के संचालन का निरीक्षण किया जायेगा. नव उत्क्रमित, उत्क्रमित माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सर्व प्रथम विद्यालय का नाम, निरीक्षण का समय, विद्यालय परिसर,भवन व शौचालय के सफाई का मूल्यांकन कर टिप्पणी प्रविष्टि करने के साथ आगंतुक पंजी पर जरूरी जानकारी देने का निर्देश दिया गया है. शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति पंजी का अवलोकन, पठन-पाठन समय सारणी के अनुरूप, कक्षा का संचालन, विद्यालय में लैब, समय सारणी के अनुसार प्रयोगशाला का संचालन की जानकारी लेनी होगी. स्मार्ट क्लास संचालन से प्रत्येक दिन लाभान्वित होने वाले छात्र समेत अन्य गतिविधियों की जानकारी ली जायेगी.

12वीं कक्षा में सप्ताह भर में 44 घंटियों की होगी पढ़ाई

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने पहली से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए समय-सारणी तय किया है. इसमें कौन सी घंटी में किस विषय की पढ़ाई होगी, यह बताया गया है. कक्षा एक से आठ तक में 39 तथा नौवीं से 12वीं कक्षा में सप्ताह में 44 घंटियां होंगी. हालांकि, बीईपी ने अपने आदेश में यह भी साफ किया है कि शिक्षकों और वर्ग कक्षों की संख्या के अनुरूप स्कूल इसमें परिवर्तन भी कर सकते हैं. जिले को बीइपी द्वारा समय-सारणी भेज कर दिया गया है और इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्हें दिया गया है. प्रारंभिक स्कूल पूर्व की तरह सुबह नौ से तीन और माध्यमिक-उच्च माध्यमिक साढ़े नौ से चार बजे तक चलेंगे.

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