13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 02:43 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

एक दिन भी नहीं हुआ है सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश : शैलेश झा

Advertisement

शिक्षक एकता मंच अध्यक्ष मंडल सदस्य शैलेश कुमार झा ने कहा कि इस वर्ष एक दिन का भी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश नहीं हुआ है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

सहरसा. शिक्षक एकता मंच अध्यक्ष मंडल सदस्य शैलेश कुमार झा ने कहा कि इस वर्ष एक दिन का भी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश में विद्यालय आठ बजे से 11 बजे तक पूर्णतया खुली रही है. वर्तमान समय में शिक्षक सरकार कि नजरों में एक शिक्षक न होकर सिर्फ दिहाड़ी मजदूर हैं. जिसे हर हाल में आठ घंटे विद्यालयों में उपस्थित रहना है. वर्तमान समय में विद्यालय का समय सारिणी सुबह छह बजे से दोपहर 01:30 बजे तक किया गया है. सोचने वाली बात है कि किसी तरह शिक्षक नित्य क्रिया से निवृत होकर सुबह छह बजे विद्यालय पहुंच भी जाते हैं तो क्या भूखे पेट विद्यालय संचालित करेंगे. जिन शिक्षकों का विद्यालय 20 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर है वो विद्यालय कैसे पहुंचेंगे. शिक्षकों को तो छोड़िए इस चिलचिलाती धूप में छोटे छोटे बच्चे विद्यालय से निकलकर 12:30 में अपने घरों को पांव पैदल जाएंगे उनकी क्या हालत होगी. ये आज आम लोगों को समझना चाहिए कि क्या वास्तव में शिक्षा के गुणवत्ता पर सरकार काम कर रही है या विकृत मानसिकता से ग्रसित होकर बच्चों के भविष्य निर्माता शिक्षकों को सिर्फ प्रताड़ित करने की मंशा से कार्य कर रही है. जहां आज पूरे भारतवर्ष में बच्चों के गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को मानसिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से नई शिक्षा नीति के तहत, स्कूलों में अब सप्ताह में 29 घंटे ही पढ़ाई होगी. सोमवार से शुक्रवार तक पांच से साढ़े पांच घंटे तक एवं महीने के दो शनिवार को दो से ढाई घंटे तक ही क्लास लगेगी. दो शनिवार को छुट्टी रहेगी. इस व्यवस्था में हर दिन होने वाली पढ़ाई के घंटे में से आधा समय गतिविधियों के लिए दिया जायेगा. इसके साथ ही स्कूल के समय में ही बच्चों को ब्रेकफास्ट एवं लंच के लिए भी करीब घंटे भर का समय तय किया गया है. हर कक्षा के बाद पांच मिनट का ब्रेक भी रखा गया है. वहीं बिहार में शैक्षणिक व्यवस्था का मतलब प्रताड़ना पूर्ण तरीके से शिक्षकों की हालत एक दिहाड़ी मजदूर से भी बदतर बनाकर रख दी गयी है. इस परिवेश में बिहार शैक्षणिक रूप से विकसित हो पायेगा ये सोचना आज आम लोगों का कार्य है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें