26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Saharsa news : तटबंध पर खानाबदोश का जीवन गुजार रहे बाढ़ पीड़ित, चूड़ा-मूढ़ी से बुझा रहे पेट की आग

Advertisement

Saharsa news : बाढ़ पीड़ितों ने कहा- मंत्री, नेता, अधिकारी आते हैं और आश्वासन दे कर चले जाते हैं. राहत के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Saharsa news : महिषी प्रखंड अंतर्गत घोंघेपुर में पश्चिमी कोसी तटबंध पर शरण लिए बाढ़ पीड़ित हताश और परेशान हैं. तीन दिनों से तटबंध पर वह नीचे पानी और ऊपर से धूप की मार झेल रहे हैं. सरकारी सहायता के नाम पर यहां बहुत कम सुविधा है. मंत्री, नेता, अधिकारी आते हैं और आश्वासन दे कर चले जाते हैं. मंत्रियों और अधिकारियों का काफिला गंडौल चौक से घोंघेपुर धड़धड़ाते हुए घुसता है और उससे भी स्पीड में निकल जाता है. पूरे तटबंध पर भगवान भरोसे लोग जी रहे हैं. सरकारी सुविधा के नाम पर कुछेक को तिरपाल मिला है. कम्युनिटी किचन नाममात्र के खुले हैं. वह भी काफी विलंब से खुले हैं. सहरसा जिले में अधिकतर बाढ़ पीड़ित चूड़ा, नमक, प्याज या दूध-भात पर टिके हैं. बाढ़ पीड़ित डोमी सादा बताते हैं कि बहुत साल बाद ऐसी बाढ़ देखी है. नाती, पोते और बहुओं को लेकर बांध पर बैठे हैं. बातचीत के दौरान खुद और अपने नाती-पोतों को चूड़ा, नमक और प्याज खिला रहे थे.

- Advertisement -

पति है परदेस में, खुद लड़ रहीं बाढ़ से जंग

गंडौल से लेकर घोंघेपुर तक तटबंध पर बसे बाढ़ पीड़ितों को असहनीय पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है. इस तटबंध पर कई नवविवाहित महिलाएं मिलीं, जिनके पति परदेस में हैं और वह यहां बाढ़ से जंग लड़ रही हैं. छाता के नीचे बच्चों को लेकर समय काट रही हैं. हर आने-जाने वालों को टकटकी लगाये राहत मिलने की आस में हैं. सबसे ज्यादा परेशानी छोटे-छोटे बच्चों को हो रही है. तटबंध पर सैकड़ों छोटे-छोटे बच्चे मिल जायेंगे, जो भूख से परेशान दिखेंगे.

बाढ़ पीड़ितों में है गुस्सा

गंडौल से लेकर घोंघेपुर तक सरकारी सहायता न मिलने का गुस्सा है. यह गुस्सा मंत्री, पूर्व सांसद, विधायक और नेताओं को झेलना पड़ रहा है. मंगलवार को डुमरी सुपौल में मंत्री नीरज कुमार सिंह को भी यह गुस्सा झेलना पड़ा. मंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को समझा-बुझा कर शांत किया. सबसे ज्यादा परेशानी पेयजल और भोजन को लेकर है. चापाकल की उपलब्धता न होना और कम्युनिटी किचन की संख्या नाम मात्र होने से बाढ़ पीड़ित आक्रोशित हैं. इसके अलावा शौचालय भी काफी कम हैं.

अनाज, कागज- पत्तर सब बर्बाद हो गया

घोंघेपुर में बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि अचानक बाढ़ का पानी आ गया. जैसे-तैसे घर से निकले. अनाज से लेकर कागज-पत्तर सब बर्बाद हो गया. कुछ अनाज और महत्वपूर्ण कागज लेकर आये हैं, बाकी सब छूट गया. जो अनाज और कागज लाये वह भी भीग गया है. उसको अब सूखा रहे हैं.बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि पशुओं को भी जैसे – तैसे लेकर आये हैं. सरकार और पदाधिकारी चारा नहीं दे रहे, तो पशुओं को जलकुंभी खिला रहे हैं.

स्कूल अब भी डूबे

महिषी प्रखंड अंतर्गत कई स्कूल अब भी पानी में डूबे हैं. इनमें उर्दू मध्य विद्यालय बहोरवा, मध्य विद्यालय कुमहरा, मध्य विद्यालय बघवा आदि हैं. इन स्कूलों में बच्चे तो नहीं दिखते, लेकिन शिक्षक जरूर दिख जा रहे हैं. इसके अलावा जलई थाना भी बीते तीन दिनों से डूबा हुआ है. इस कारण थाने से जुड़े कर्मी सड़क किनारे कुर्सी लगाकर बैठे रहते हैं.

कोसी के जल स्तर में कमी

पिछले दो-तीन दिनों से मौसम में हुए बदलाव व वर्षापात में कमी के कारण महिषी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अफरातफरी का माहौल सामान्य होने लगा है. कोसी बराज से अधिकतम जल निकासी किये जाने के कारण पश्चिमी कोसी तटबंध के टूटने के डर से अफरातफरी का माहौल बन गया व लोगों को घर छोड़ पलायन करना पड़ा. प्रशासन की बाढ़ पूर्व तैयारी की पोल खुली व लाखों की आबादी पानी से घिर गयी. लोग अपने निजी प्रबंध से किसी प्रकार रोड नंबर 17 व तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हुए. सरकारी नाव का प्रबंध न रहने के कारण लोगों को घर का सामान भी बाहर निकालने का मौका नहीं मिला. आधी आबादी तो गांव में ही फंसी रही. दो दिन पूर्व जिलाधिकारी के निर्देश पर सामुदायिक किचेन का संचालन शुरू हुआ व मेडिकल कैंप लगाकर जरूरतमंदों को चिकित्सकीय सुविधाएं दी जा रही हैं. पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह बबलू के दौरे के बाद शिविर के आश्रितों को पेयजल की व्यवस्था भी की गयी है व अस्थायी शौचालय का निर्माण भी कराया जा रहा है. बुधवार को सदर एसडीओ प्रदीप कुमार झा ने रोड नंबर 17 एवं पश्चिमी कोसी व पूर्वी बलान के तटबंध में संचालित मेगा शिविर में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लेते हुए शिविर प्रभारी को ससमय भोजन मुहैया कराने का निर्देश दिया. जल स्तर में कमी आने से कोसी के वेग में कमी आयी है व भूतहीबलान का जल स्थिर होने लगा है.

40 लोग पशुमोह के कारण नहीं आये राहत शिविर में

बनमाईटहरी प्रखंड के सहुरिया पंचायत के 10 गांवों के बाढ़ प्रभावित होने के कारण वहां फंसे लोगों को रेस्क्यू कर मध्य विद्यालय परसाहा लाया जा रहा है. सबसे खराब स्थिति हराहरी रामटोला, रामपोखर एवं भेरहा का है. यहां घर-आंगन में पानी प्रवेश कर चुका है. घर में रखा अनाज-कपड़ा सब खराब हो गया है. पशुचारा तक की समस्या है. राशन खत्म हो गया है.परसाहा सामुदायिक किचन में रामटोलाहराहरी के मात्र 70 लोगों को नाव के सहारे रेस्क्यू कर लाया गया है. पशु मोह के कारण अभी भी 40 लोग वहां किसी तरह जीवन यापन करने को मजबूर हैं. मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना से बनी सड़क जगह-जगह टूट गयी है.बाढ़ का पानी कई जगहों पर सड़कों पर बह रहा है. वार्ड नंबर 14 तरहा महादलित टोला, सुगमा वार्ड 4 व 5 भेरहा, रामटोलाहराहरी वार्ड 16, ठढ़िया महादलित टोला वार्ड 7 रामपोखर वार्ड 15, ईटहरी पंचायत के लक्ष्मीनियाडीह चौधरी टोला में आवागमन के लिए नाव ही एक सहारा है.परसाहा पुल के पास ही दो नाव की व्यवस्था हुई है, जबकि और भी जगह नाव की जरूरत है.

सीओ के पहुंचने पर सामुदायिक किचन हुआ शुरू

मध्य विद्यालय परसाहा में हराहरीरामटोला से रेस्क्यू कर लोगों को नाव के सहारे लाकर मंगलवार की देर शाम रखा गया है. बुधवार को समय पर नाश्ता व भोजन की व्यवस्था नहीं होने से बाढ़आश्रितों में आक्रोश दिखा. जनप्रतिनिधियों ने कहा कि प्रशासनिक तौर पर अब तक मदद नहीं की गयी है. इधर सूचना पाकर जब सीओ आशीष कुमार पहुंचे, तो उन्होंने अविलंब सामुदायिक किचन प्रारंभ करने को कहा. सीओ ने सहुरिया पंचायत के मुखिया मो ईशा, जमालनगर मुखिया प्रतिनिधि रामकुमार पासवान को देखरेख करने का जिम्मा सौंपा. इधर एसडीओ अनीसा सिंह के निर्देश पर सड़क पर बने रेनकट की मरम्मत की गयी.

मेडिकल टीम की हुई व्यवस्था

मध्य विद्यालय परसाहा में बाढ़ में फंसे लोगों के इलाज के लिए मेडिकल टीम की व्यवस्था की गयी है. इसमें 80 से अत्यधिक मरीजों का इलाज किया गया. डॉ लक्ष्मण सिंह ने बताया कि इलाज के दौरान एक डायरिया से पीड़ित मरीज परसाहा निवासी सुरेश यादव मिले हैं, जिनका समुचित इलाज करवाया जा रहा है. मध्य विद्यालय परसाहा में सामुदायिक किचन प्रारंभ होने के बाद बाढ़ आश्रितों का जायजा लेने बीडीओ गुलशन कुमार झा, सीओ आशीष कुमार, पूर्व प्रमुख रमेशचंद्र यादव, समिति सदस्य कालो सादा, मुखिया प्रतिनिधि राजा आलम, मो मंजू दल हसन, रामकुमार पासवान पहुंचे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें