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कैसे निकलेगा पानी, नाले की नहीं है कनेक्टिविटी

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जमाव की बनी है गंभीर समस्यानिगम प्रशासन की नहीं टूट रही कुंभकर्णी निंद्रा

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कहीं जाम तो कहीं ओवरफ्लो कर रहा नाला शहरी क्षेत्र में जल जमाव से कराहने लगे लोग मुख्य सड़क सहित गली मोहल्ले में जल जमाव की बनी है गंभीर समस्या निगम प्रशासन की नहीं टूट रही कुंभकर्णी निंद्रा प्रतिनिधि, सहरसा जिले में मॉनसून के बाद से ही नगर निगम नरक निगम बनकर रह गया है. एक एमएम बारिश हुई नहीं कि लगभग सभी वार्डों में जल जमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है. बच्चों से लेकर बूढ़ों तक इस परेशानी से जूझने को विवश होते हैं. निगम की यह समस्या वर्षों पुरानी है. सभी चुनाव में इस पर अपनी रोटी सेंककर चुनाव की नैया जरूर पार लगाते हैं. लेकिन अगले पांच वर्षों तक लोगों को फिर इसी भंवर में छोड जाते हैं. निगम वासियों की आस धरी की धरी रह जाती है. जिसे सुनने वाला कोई नहीं है. मॉनसून के प्रवेश से पहले प्रति वर्ष कागजों पर पूरी तैयारी की जाती है. लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होने से निगम वासी जल जमाव की समस्या झेलने को विवश होते हैं. यही हाल पिछले दो दिनों की बारिश से एक बार फिर शहर का बन गया है. सभी मुख्य चौक चौराहे से लेकर गली मुहल्ले में जल जमाव से लोग त्रस्त हो रहे हैं. सड़कों पर छोटे वाहन पलटने से लोग घरों के बदले अस्पताल अवश्य पहुंच रहे हैं. मंगलवार की रात्रि हुई झमाझम बारिश ने निगम क्षेत्र में जल जमाव की गंभीर समस्या खड़ी कर दी है. पूर्व की तरह ही वार्डों में जल जमाव की स्थिति बनी हुई है. पिछले वर्ष की तरह न्यू कॉलोनी के वार्ड आठ, नौ एवं दस में स्थिति पूर्व की तरह ही है. जहां पिछले वर्ष अत्यधिक जल जमाव के लोग शिकार हुए थे. इसके साथ ही नया बाजार, सराही, गंगजला, विद्यापति नगर, हटिया गाछी सहित अन्य मुहल्ले में भी जल जमाव से लोग पीड़ित थे. महीनों तक लोग घरों से नहीं निकल पाये थे. लेकिन इसके लिए अब तक कोई स्थायी समाधान वार्ड वासियों को नजर नहीं आया. इस मॉनसून की बारिश ने फिर से निगम वासियों में भय का माहौल खड़ा कर दिया है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस बार फिर से शहर जलमग्न होने की स्थिति में है. निगम नाले की नहीं है कनेक्टिविटी नगर निगम द्वारा शहरी क्षेत्र के कुछ वार्डों में नाला का निर्माण पूर्व में किया गया है. वर्षा को देखते हुए इन नालों की सफाई भी पूरी तरह निगम द्वारा नहीं की गयी. इस नाले के पानी के बहने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गयी. नाले के शुरू एवं अंतिम छोर पूरी तरह आज भी बंद हैंं. जिससे जल निकासी होना कहीं से संभव नहीं है. ऐसे में इन नालों के भरोसे मॉनसून का पानी शहर से निकाल पाना संभव नहीं है. जबकि शहर के अधिकांश वार्डों में किसी प्रकार का नाला तक नहीं बना है. नाला नहीं रहने के कारण जल जमाव के हालात बन गये हैं. वहीं कुछ जगहों पर नाला तो निर्माण किया गया है. लेकिन नाले का निर्माण सही नहीं रहने से जल जमाव की समस्या बढ गयी है. मास्टर प्लान अब तक अधूरा शहरी क्षेत्र के लगभग सभी वार्डो में जल जमाव की स्थिति है. शहर के मुख्य सड़क से लेकर सभी वार्डों में जल जमाव पूर्व से ही होता आ रहा है. इस जल जमाव की समस्या को दूर करने के लिए पूर्व जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के अथक प्रयास से मास्टर प्लान बनाया गया था. जिसके कार्य की स्वीकृति बुडको को दी गयी. कार्य बडे तामझाम से लगभग सात वर्ष पूर्व शुरू किया गया. लेकिन पहले चरण के बाद दूसरे चरण का कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका. शहरी क्षेत्र के नया बजार, गांधी पथ, रिफ्यूजी कॉलोनी, कोशी कॉलोनी, गंगजला, गौतम नगर, पंचवटी चौक, बटराहा, अली नगर, मीर टोला, महावीर चौक, हटिया गाछी, तिवारी टोला, सहरसा बस्ती सहित कई अन्य वर्डों में अत्यधिक जल जमाव होता है. थोडी सी वर्षा में ही लोगों का घरों से निकलना कठिन हो जाता है. ऐसे में एक बार फिर से शहर के आधे से अधिक वार्ड जल जमाव की चपेट में आ गये हैं. छोटे नालियों की भी नहीं है कनेक्टिविटी नगर निगम द्वारा गली मोहल्ले में छोटा नाला तो बना दिया गया है. लेकिन इसकी कनेक्टिविटी बड़े नालों के साथ नहीं की गयी है. नाला बनाकर मोहल्ले के दूसरे छोड़ पर खुला छोड़ दिया गया है. जिसके कारण लोगों के घरों का पानी ओवरफ्लो होकर गली मोहल्ले में बहता रहता है. शहर के कई मोहल्ले में नगर निगम द्वारा राशि के बंदरबांट करने के लिए बिना किसी प्लानिंग के नाला बना दिया गया है. जो लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है. सड़क से ऊंचा बना दिया गया है नाला बरसात के मौसम तो दूर यहां बैसाख के महीने में भी लोग जल जमाव से परेशान रहते हैं. कई मोहल्लों की गलियां नाली के पानी से पटी रहती है. नालियों के सड़ांध पानी से मोहल्ले का माहौल बदबूदार रहता है. बारिश में घुटने भर नालियों के पानी से होकर लोग आवाजाही करने को विवश हैं. गली हो या मुख्य सड़क संवेदक द्वारा सड़क से नाले को ऊंचा बना दिया गया है. सड़क से ऊंचा नाला बनाने से सड़क का पानी निकासी की समस्या भी गंभीर है. जिसके कारण जरा सा बारिश होने पर शहर पानी-पानी हो जा रहा है. शहर की शोभा बढ़ा रहा है संप हाउस शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए बुडको द्वारा दो संप हाउस का निर्माण किया गया है. जो वर्षों से बनकर शहर की शोभा बढ़ा रहा है. संप हाउस नाले का गंदा पानी फिल्टर कर नदियों में गिरने की योजना थी. लेकिन जब संप हाउस तक बड़े नाले का पानी ही नहीं पहुंच रहा है तो फिर संप हाउस किस पानी की निकासी करेगा. जल जमाव से मुक्ति के लिए दो संप हाउस का निर्माण पॉलिटेक्निक ढाला व कमिश्नरी कार्यालय के पीछे किया गया है. बारिश में जल जमाव होने पर नगर निगम को कई जगहों पर मोटर से लगाकर पानी निकासी करना पड़ता है. लेकिन आज तक इसका कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है. जाम पड़े नाले की सफाई जरूरी लगभग सभी वर्ष अप्रैल महीने से ही शहरी क्षेत्र में बने नालों की सफाई की जाती थी. जिससे कुछ क्षेत्र में जल जमाव की समस्या गंभीर नहीं होती थी. लेकिन इस वर्ष लगभग आधा से अधिक नाले की सफाई सिर्फ कागजों पर ही की गयी. जबकि प्रतिवर्ष लगभग 10 से 14 जून के बीच जिले में मॉनसून प्रवेश करती है. ऐसे में जल जमाव की समस्याओं का समाधान नहीं होने से लोगों को बडी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. निगम में आपसी खींचतान से इस बार फिर से लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हो रहे हैं. मॉनसून की वर्षा से बढी समस्या मंगलवार की हुई रात्रि 30 एमएम वर्षा ने नगर निगम की पोल खोल कर रख दी है. जल निकासी के सभी दावों को हल्की वर्षा ने ही ध्वस्त कर दिया है. थोडी वर्षा हुई नहीं कि निगम क्षेत्र के लोग जल जमाव से कराहने लगते हैं. क्षेत्र के अधिकांश वार्ड जल जमाव की चपेट में आ जाते हैं. जिससे सबसे बड़ी समस्या आवागमन की हो जाती है. यह समस्या क्षेत्र के लिए नयी नहीं है. प्रत्येक वर्ष यहां के लोगों को जल जमाव से मुक्ति के लिए जिला प्रशासन व नगर निगम से आश्वासन मिलता रहता है. लेकिन आज तक इस पर ठीक ढंग से काम नहीं हो सका है. जिसका खामियाजा यहां के लोग लगातार झेलते आ रहे हैं. मुख्य सड़कों पर जलजमाव से बढी परेशानी शहर की मुख्य सड़क पर भी जल जमाव रहने से दुर्घटना की आशंका बन रही है. सभी वार्डों के मुख्य चौराहों के साथ-साथ गली-गली में पानी लग गया है. लोगों का घरों से निकलना दूभर हो चला है. शहरी क्षेत्र के बंगाली बाजार रेलवे ढाला, बटराहा, गांधी पथ, कोशी काॅलोनी, न्यू काॅलोनी, लक्ष्मिनियां चौक, हटिया गाछी, तिवारी टोला, गंगजला, विद्यापति नगर सहित लगभग सभी वार्ड जल जमाव से त्रस्त हैं. अगवानपुर कृषि महाविद्यालय के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि अगले दो दिन मध्यम से तेज वर्षा एवं वज्रपात की संभावना है. ऐसे में लोगों को आगे भी जल जमाव की समस्या से जूूूझना पडेगा.

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