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शिक्षकों के प्रति सरकार का रुख नकारात्मक: रोशन सिंह धोनी

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शिक्षकों के प्रति सरकार का रुख नकारात्मक: रोशन सिंह धोनी

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सहरसा . शारीरिक शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष रोशन सिंह धोनी ने नयी स्थानांतरण नियमावली का पुरजोर विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों के अहितकारी नीतियों में से एक है. बिहार सरकार को चाहिए कि ऐसी स्थानांतरण नीति लाये जिससे शिक्षकों को उनके गृह प्रखंड में ना रखकर अंतर प्रखंड में स्थानांतरण करें ना कि अंतर अनुमंडल. जिला में ही एक अनुमंडल में तीन प्रखंड हैं एवं एक अनुमंडल में सात प्रखंड है तो सात प्रखंड के शिक्षकों का समायोजन तीन प्रखंड में किया जा सकता है. बहुत सारे जिले हैं जहां एक ही अनुमंडल है वहां पर अंतर अनुमंडल की कौन सी नीति लाई जायेगी. इसमें कई प्रकार के और भी त्रुटि है. शिक्षकों में खास करके जो पुरुष शिक्षक हैं उन्हें किसी प्रकार का कोई रियायत नहीं दिया गया है. इसका मतलब है जो स्वस्थ है वो दंड भोगने के योग्य हैं. साथ ही स्थानांतरण नीति में सभी शिक्षकों को एक साथ शामिल करना चाहिए चाहे. वह पूर्व के बीपीएससी शिक्षक हो या वर्तमान के बीपीएससी शिक्षक हो या साक्षमता पास शिक्षक हो या स्थानीय निकाय में साक्षमता से अपने आप को दूर रखने वाले शिक्षक हो. सिर्फ प्रथम चरण में साक्षमता पास शिक्षकों को ही शामिल करने का निर्णय भी त्रुटि पूर्ण है. सरकार सॉफ्टवेयर के नाम पर पिछले एक साल से स्थानांतरण नीति को टालते आ रही है. जबकि नियोजन नियमावली के तहत ऐच्छिक स्थानांतरण का नियम है. इन सभी त्रुटियों से यह पता चलता है कि सरकार नही चाहती है कि शिक्षकों का स्थानांतरण हो. इस परिस्थिति में स्थानांतरण नियमावली पर उच्च न्यायालय में याचिका दायर हो जाए और स्थानांतरण नियमावली लंबे समय के लिए ठंडा बस्ता में चली जाए. उन्होंने सरकार से मांग किया की सभी कोटि के शिक्षकों के लिए ऐच्छिक स्थानांतरण नियमावली लाया जाए. जिससे शिक्षक अपने पूर्ण क्षमता के साथ अपने-अपने प्रखंड में अपने-अपने घर के नजदीक स्वस्थ मानसिकता के साथ पठन-पाठन के कार्य का निष्पादन कर सके व शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण विकास हो सके. उन्होंने कहा कि वे सभी सरकार के अंग हैं एवं हमारी भी बात सरकार के कई वरीय नेताओं से होती है. इस तरह की नियमावली पर सरकार के अंदर सहमति एवं असहमति का दौरा जारी है. जल्द ही बिहार सरकार इस गैर संवैधानिक एवं त्रुटि पूर्ण स्थानांतरण नीति में बदलाव नहीं लाती है तो आगामी शीतकालीन सत्र में शिक्षक आंदोलन को बाध्य होंगे. जिसकी सारी जवाब देही बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की होगी. फोटो – सहरसा 11 – रौशन सिंह धोनी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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